पिछले एक महीने से फरार चल रहे सिख खालिस्तानी नेता और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल की पत्नी को हिरासत में लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस के अनुसार जब किरणदीप कौर को हिरासत में लिया गया तो वो लंदन की फ्लाइट पकड़ने की तैयारी कर रही थी। उसे इमिग्रेशन डिपार्टमेंट द्वारा एअरपोर्ट के अंदर जाने से पहले ही रोक लिया गया।
किरणदीप कौर के खिलाफ देश भर में कहीं भी मामला दर्ज नहीं है, उसे पकड़ने का कारण उसी कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई जिसमें फरार चल रहे आरोपियों के परिवार और उसके जानने वालों से पूछताछ की जाती है।
जांच एजेंसियों को संदेह है कि किरणदीप कौर यूके में रहते हुए बब्बर खालसा इंटरनेशनल की एक्टिव मेंबर है। इस मामले में उसके खिलाफ पंजाब पुलिस या केंद्रीय एजेंसियों के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है और न ही कोई मामला दर्ज किया गया है। खबरों के अनुसार किरणदीप कौर अमृतपाल की शादी इसी साल हुई है, और शादी के बाद से वह भारत में ही अमृतपाल के गांव जल्लूपुर खेड़ा रह रही है।
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के फरार होने के बाद भी किरणदीप कौर से पूछताछ की थी। उससे यह पूछताछ अमृतपाल सिंह की गतिविधियों के लिए कथित विदेशी फंडिंग के सिलसिले में की गई थी। जांच के दौरान पता चला था कि अमृतपाल को 35 करोड़ रुपये फंडिंग प्राप्त हुई थी। इसी सिलसिले में पुलिस और जांच एजेंसियों ने किरणदीप कौर सहित अमृतपाल के पिता तथा अन्य रिश्तेदारों के खातों का जांच शुरू कर दी थी।
अमृतपाल सबसे पहले 23 फरवरी को चर्चा में आया,जब उसने उसने अजनाला थाने में बंद अपने करीबी लवप्रीत सिंह तूफान को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ थाने पर हमला बोल दिया था। थाने में हुए हमले में 6 पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। इसके बाद से उसने खालिस्तान की मांग को उठाना शुरू कर दिया।
इसके बाद पंजाब पुलिस ने उसके संगठन और अमृतपाल पर कार्रवाई शुरू की, जिसमें वह 18 मार्च से फरार चल रहा है। पुलिस ने उसके करीबियों को हिरासत में ले लिया है लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी अमृतपाल को नहीं खोज पाई है। उसकी आखिरी लोकेशन होशियारपुर बताई जा रही है जब वह एक कार में अपने करीबी पप्पलप्रीत के साथ वहां पहुंचा था।
गिरफ्तार करने के बाद पप्पल्प्रीत को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था। जहां पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। अमृतपाल के कई और सहयोगियों को असम की डिब्रूगढ़ जेल में ही रखा गया है।