चीन के संबंध अब भारत विरोधी खालिस्तानियों से भी कायम हो गए हैं। अमेरिका में बैठकर खालिस्तान के लिए 'रेफरेंडम-2020' की मुहिम चलाने वाले सिख़्स फ़ॉर जस्टिस (एसएफ़जे) के कानूनी सलाहकार और इस संगठन के संयोजक कहे जाने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू की चीन से बढ़ती नजदीकियों के सुबूत मिलने के बाद पंजाब में 18 जून को पन्नू के ख़िलाफ़ देशद्रोह का नया मुक़दमा दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि खालिस्तानी मुहिम के इस पैरोकार के ख़िलाफ़ बीते 3 महीनों में पंजाब में 21 डेली डायरी रजिस्टर (डीडीआर) और तीन एफ़आईआर दर्ज की गई हैं। एसएफ़जे पंजाब में प्रतिबंधित है लेकिन सोशल मीडिया और फ़ोन के जरिए इन दिनों उसकी गतिविधियां खासी तेज हैं।
‘रेफरेंडम-2020’ के लिए पंजीकरण
पंजाब में हर दिन हजारों लोगों को विदेश से लगातार अलग-अलग नंबरों से प्री-रिकॉर्डेड ऑडियो मैसेज आ रहे हैं। इनमें भारत का विरोध करने, खालिस्तान की हिमायत करने की गुजारिश के साथ-साथ कहा जा रहा है कि 4 जुलाई को पंजाब ‘रेफरेंडम-2020’ के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है और रजिस्ट्रेशन करवा कर एसएफ़जे को अपना सहयोग दें। यह संदेश कई पुलिस अधिकारियों के फ़ोन पर भी आया है। तथ्य साफ बताते हैं कि गहरी साज़िश रची जा रही है और गुरपतवंत सिंह पन्नू को चीन का समर्थन हासिल हो चुका है।
लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद पन्नू ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक खत लिखा और उसे सोशल मीडिया पर जारी किया। पन्नू ने शी जिनपिंग को लिखा है, ‘एसएफ़जे सिख संप्रभुतावादी समूह है और भारतीय क्षेत्र में पंजाब की स्वतंत्रता के सवाल पर पहली बार अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी जनमत संग्रह कराने के लिए काम कर रहा है। हम लद्दाख सीमा पर चीन के कई सैनिकों की मौत पर अफसोस जाहिर करते हैं और मोदी सरकार की कड़ी निंदा करते हैं।’
पन्नू द्वारा शी जिनपिंग को लिखा ख़त।
‘चीनियों के साथ सहानुभूति’
पन्नू ने आगे लिखा है, ‘हम चीन के लोगों के साथ सहानुभूति रखते हैं क्योंकि हम ऐसे लोग हैं जिनकी भूमि और संसाधन भारतीय कब्जे में हैं और जिन्होंने 1947 से लगातार भारतीय राज्य के हाथों नरसंहार का सामना किया है। हम चीन के लोगों का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने भारत से पंजाब के अलगाव के लिए ग़ैर-सरकारी ‘रेफरेंडम-2020’ के लिए एसएफ़जे का समर्थन किया है।’
खालिस्तानी नेता पन्नू ने ख़त में लिखा है, ‘हम इस साल के अगस्त में पंजाब इंडिपेंडेंस रेफरेंडम के लिए मतदाता पंजीकरण के संबंध में यूरोप और एशिया के कई देशों सहित बीजिंग यात्रा को तत्पर हैं। खालिस्तान के लिए हमें निश्चित तौर पर चीन का समर्थन मिलेगा, ऐसा विश्वास है।’
यह ख़त साबित करता है कि अलगाववादी खालिस्तानियों ने चीन तक पहुंच बना ली है। पाकिस्तान तो पहले से ही उनके साथ था। जिन नंबरों से ऐसे संदेश आ रहे हैं, उनमें से 60 नंबर सरकार द्वारा ब्लॉक किए जा चुके हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
गुरपतवंत सिंह पन्नू
चीन-पाकिस्तान से आ रहे फ़ोन
‘रेफरेंडम-2020’ के लिए इन दिनों जो फ़ोन-संदेश पंजाब में आ रहे हैं, वे ज्यादातर चीन से जारी किए जाते हैं। इनमें एक महिला की आवाज होती है। कुछ फ़ोन पाकिस्तान के नंबरों से आते हैं। आ रहीं फ़ोन कॉल्स की बाबत 13 और 15 जून के बीच डीडीआर दर्ज की गई है। एक व्यक्ति खुद को इमरान बताता है और कहता है, ‘एसएफ़जे ने पंजाब ‘रेफरेंडम-2020’ के लिए मतदाता पंजीकरण शुरू किया है। आज आपके पास मौका है कि आप इसमें शामिल होकर 1947 में की गई भूल को सुधार सकते हैं। पाकिस्तान आपका शांतिप्रिय पड़ोसी है और सहयोगी भी।’
यहां जिक्र-ए-खास है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू पंजाब में बड़े पैमाने पर लोगों को मिल रहे इन फ़ोन संदेशों की जिम्मेदारी सार्वजनिक तौर पर और सोशल मीडिया के जरिए ले चुका है।
अमरिंदर ने दी चेतावनी
ताज़ा देश विरोधी संदेशों के बाद पंजाब सरकार ने 18 जून को उसके ख़िलाफ़ धारा 124-ए, (राजद्रोह), 131,153-ए की धारा 10 (ए) और 13 (1) के तहत केस दर्ज किया है। यह कार्रवाई उस वक्त की गई है जब पन्नू ने भारत विरोधी गतिविधियों के लिए चीन की सरकार से सहयोग मांगा है। खुद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कड़ी चेतावनी दे चुके हैं कि पन्नू पंजाब में अपनी देश विरोधी गतिविधियों से बाज़ आए।
पन्नू समर्थकों पर पैनी निगाह
राज्य में पुलिस महानिदेशक के आदेश पर पन्नू समर्थकों पर पैनी निगाह रखी जा रही है। पिछले दिनों हुई कुछ गिरफ्तारियों से यह भी सामने आया कि एसएफ़जे अपने मिशन के लिए पंजाब में फंडिंग कर रहा है। पन्नू द्वारा चीनी राष्ट्रपति को समर्थन की गुहार वाले और लद्दाख में हुई मुठभेड़ में चीन का खुला समर्थन करने के बाद सरकार अतिरिक्त सावधान है।