प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के कुछ महीने पहले ही बीजेपी को एक नया हथियार थमा दिया है। गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश उत्सव के मौके पर पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में पाक प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को बड़ा भाई बता कर सिद्धू ने पाकिस्तान को अंदर घुस कर मारने और उसे एक शत्रु के रूप में पेश करने वाली बीजेपी को सुनहरा मौका दे दिया है।
अब बीजेपी सलमान खुर्शीद की किताब और सिद्धू के बयान दोनों को एक साथ जोड़ कर एक ऐसा नैरेटिव खड़ा करने की कोशिश में है, जिसमें वह यह बता सके कि कांग्रेस पार्टी हिन्दुओं के ही ख़िलाफ़ नहीं है, बल्कि देश के भी विरोध में है और अपने चुनावी फ़ायदे के लिए देश के शत्रु के साथ गलबहियाँ कर रही है।
क्या कहा सिद्धू ने?
नवजोत सिंह सिद्धू जब शुक्रवार को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा गए तो पाकिस्तान के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की ओर से उनकी मेजबानी की और खूब आवभगत की। सिद्धू ने कह दिया कि इमरान ख़ान उनके 'बड़े भाई' की तरह हैं और वह उन्हें 'बहुत ही प्यार करते हैं।'
बीजेपी ने सीधे राहुल गांधी को निशाने पर लिया। पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर पार्टी पर ज़ोरदार हमला बोल दिया।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक के बाद कई ट्वीट कर कांग्रेस पार्टी पर भयावह हमला बोला दिया। उन्होंने तंज करते हुए ट्वीट किया कि सिद्धू पाकिस्तान जाएं और इमरान ख़ान व पाकिस्तन का महिमा मंडन न करें, ऐसा हो नहीं सकता।
मुसलिम तुष्टीकरण?
बीजेपी ने इसके साथ ही कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब 'सनराइज ओवर अयोध्या : नेशनहुड इन आवर टाइम्स' का मुद्दा भी उठाया और इसे कांग्रेस की मुसलिम तुष्टीकरण की नीति क़रार दिया है। बता दें कि खुर्शीद की इस किताब में हिन्दुत्व की तुलना इसलामी जिहाद व इसलामिक स्टेट व तालिबान से की गई है।
बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस मुसलमानों को खुश करने के लिए हिन्दुत्व की तुलना इसलामी जिहाद से करती है और पाकिस्तान व इसके प्रधानमंत्री की तारीफ करती है व इसके लोग इमरान ख़ान को अपना बड़ा भाई मानते हैं।
बीजेपी के इस राष्ट्रीय प्रवक्ता ने एक वीडियो भी जारी किया।
कांग्रेस का पलटवार
पंजाब की कांग्रेस सरकार के मंत्री परगट सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू का बचाव किया है और बीजेपी पर हमला किया है, पर बीजेपी ने कांग्रेस को बचाव की मुद्रा में ला खड़ा किया है। परगट सिंह ने कहा, "जब पीएम मोदी पाकिस्तान जाएं तो वह देश प्रेमी लेकिन जब सिद्धू जाएं तो वह देश द्रोही।"
स्वयं सिद्धू ने भी कह कि बीजेपी को जो कहना है, कहती रहे।
लेकिन सिद्धू बीजेपी के उन हमलों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं, जो उनकी वजह से पार्टी पर हो रहे हैं।
कांग्रेस की परेशानी
लेकिन कांग्रेस के लिए चिंता की बात यह है कि यह सबकुछ तब हो रहा है जब पंजाब में कुछ दिन बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी इस मुद्दे का भरपूर उपयोग कर राज्य में ध्रुवीकरण करने और उसे घेरने की कोशिश करेगी।
सिद्धू का यह मुद्दा इसलिए भी कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकता है कि कुछ दिन पहले तक राज्य में इसके बड़े नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी सिद्धू के साथ पाकिस्तान के रिश्ते को देश की सुरक्षा के लिए ख़तरनाक बताया था।
कैप्टन ने कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू के संपर्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा से हैं।
उन्होंने यह भी कहा था कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।
क्या है बाजवा का मामला?
बता दें कि सिद्धू क्रिकेटर से राजनेता बने हैं और इमरान ख़ान पाकिस्तान की ओर से क्रिकेट खेल चुके हैं। इमरान ख़ान ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते समय उस समारोह में सिद्धू को न्यौता भेजा था और वे गए भी थे।
इसके अलावा नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल बाजवा से गले मिले थे। इस पर सिद्धू की बहुत आलोचना हुई थी। उस समय कैप्टन ने उन्हें पाकिस्तान न जाने की सलाह दी थी, पर वे नहीं माने थे।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख से गले मिलते हुए नवजोत सिंह सिदधू
पाकिस्तान का हव्वा
बीजेपी पाकिस्तान का हव्वा खड़ा कर देश के एक बड़े हिस्से को अपने पक्ष में करने में कामयाब रहती है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक कर और 'पाकिस्तान के अंदर घुस कर मारने' की बात कह कर नरेंद्र मोदी ने पूरे चुनाव का परिदृश्य बदल दिया था और हवा अपनी पार्टी के पक्ष में कर लिया था।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बग़ैर किसी पूर्व योजना के पाकिस्तान जा पहुँचे थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के घर एक निजी कार्यक्रम में शिरकत की थी। न तो शरीफ़ ने उन्हें न्योता था न ही उनके वहाँ जाने की पहले से कोई योजना था।
यह बीजेपी की कामयाबी ही है कि मोदी बगैर न्योते के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के घर पहुँच जाते हैं तो उनकी तारीफ होती है, और क्रिकेट जैसे खेल में पाकिस्तानी टीम का समर्थन करने को भी वह मुद्दा बना लेती है।
इन स्थितियों में पाकिस्तान जाकर वहाँ के प्रधानमंत्री को बड़ा भाई कहने के कांग्रेस नेता के कदम का सियासी फ़ायदा उठाने की कोशिश बीजेपी करेगी, यह बिल्कु स्वाभाविक है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इसका क्या जवाब देती और बीजेपी के हमले की धार को कुंद कैसे करती है।