कपूरथला के निजामपुर में हुई लिंचिंग के मामले में पंजाब पुलिस ने एक शख़्स को गिरफ़्तार किया है। इस शख़्स का नाम अमरजीत सिंह है। वह उस गुरूद्वारे की देखरेख करता है, जिसमें बेअदबी का आरोप लगाए जाने के बाद एक युवक की हत्या कर दी गई थी। इस युवक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उसके शरीर पर तेज धारदार हथियार के 30 निशान थे।
अमरजीत सिंह पर हत्या का मुक़दमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा 100 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा है कि इनमें 25 से 30 लोग हथियारों से लैस थे।
यह घटना स्वर्ण मंदिर में हुई बेअदबी की घटना के अगले दिन हुई थी। इन दो घटनाओं के बाद पंजाब में तनाव का माहौल बन गया था।
पुलिस ने पहले भी कहा था कि गुरुद्वारे में पहुंचा युवक चोरी करने आया था। जबकि भीड़ में शामिल लोगों का कहना था कि इस शख़्स ने निशान साहिब की बेअदबी करने की कोशिश की थी।
'बेअदबी के सुबूत नहीं'
लिंचिंग को लेकर नेताओं की चुप्पी पर सवाल खड़े हो रहे थे। लेकिन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गुरूवार को कहा है कि निजामपुर में हुई लिंचिंग मामले में बेअदबी का कोई सुबूत नहीं मिला है। पत्रकारों से बातचीत में चन्नी ने कहा कि कपूरथला का मामला हत्या का है, इस मामले में जांच जारी है और दर्ज की गई एफ़आईआर में संशोधन किया जाएगा।
स्वर्ण मंदिर में हुई घटना में भी गुरु ग्रंथ साहिब तक पहुंचे एक युवक को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था।
अमरिंदर ने किया था विरोध
लिंचिंग पर चुप्पी के बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इनका विरोध किया था। अमरिंदर सिंह ने कहा था कि ये पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं और इन्हें क़तई स्वीकार नहीं किया जा सकता। जबकि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि बेअदबी करने वालों को लोगों के सामने लाकर फांसी दे दी जानी चाहिए।बेअदबी के अलावा लुधियाना के अदालत परिसर की दूसरी मंजिल पर हुए धमाके को लेकर भी पंजाब का माहौल गर्म है।