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पंजाबः क्या 'एक परिवार एक टिकट' की बात कांग्रेसी मानेंगे? कैप्टन मौके की ताक में !

पंजाबः क्या 'एक परिवार एक टिकट' की बात कांग्रेसी मानेंगे? कैप्टन मौके की ताक में !

पंजाब में एक परिवार-एक टिकट के कांग्रेस आलाकमान के नए फरमान से क्या वहां के पार्टी नेता मानेंगे? खुद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के छोटे भाई टिकट के दावेदार हैं। बहुत मुमकिन है कि टिकट न पाने वाले नेता पार्टी से बगावत कर दें। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ऐसे असंतुष्टों की ताक में बैठे हैं।

पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कांग्रेस के पंजाब प्रभारी ललित माकन ने पार्टी की एक बैठक में स्पष्ट किया कि पंजाब में कांग्रेस एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट देगी। इसके अलावा किसी मौजूदा विधायक को अपना विधानसभा क्षेत्र बदलने की इजाजत नहीं होगी।

कांग्रेस आला कमान ने अपने इस फैसले की जानकारी स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के जरिए पंजाब के नेताओं को पहुंचाई है।

पार्टी में जिस तरह से तमाम विधायक और अन्य नेता टिकट मांग रहे हैं, कांग्रेस आला कमान का यह फॉर्म्युला शायद ही कारगर हो पाए। पार्टी ने अगर टिकट नहीं दिया तो चुनाव से पहले ही बगावत भी हो सकती है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ऐसे ही असंतुष्टों की ताक में बैठे हैं।

कांग्रेस ने हाल ही में कैप्टन अमरिन्दर सिंह की जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया है। उसके बाद से पार्टी में तमाम तरह के विवाद खड़े हो गए हैं।

कैप्टन ने भी कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाकर बीजेपी से समझौता कर लिया है।

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 कांग्रेस के लिए बहुत आसान नहीं होने वाला है। ललित माकन की घोषणा उसी तैयारी का हिस्सा है।

 - Satya Hindi

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 कांग्रेस के लिए बहुत आसान नहीं होने वाला है। ललित माकन की घोषणा उसी तैयारी का हिस्सा है।

दिल्ली में हुई बैठक

पंजाब को लेकर पार्टी के प्रत्याशियों की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक गुरुवार को हुई थी। इसकी अध्यक्षता ललित माकन ने की थी। वो इस कमेटी के चेयरमैन भी हैं।

सूत्रों के मुताबिक माकन ने इस बैठक में कांग्रेस आला कमान के एक परिवार-एक टिकट फैसले की जानकारी दी। 

चन्नी पर पड़ेगा असर

कांग्रेस के इस फैसले का असर सबसे पहले तो मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर ही पड़ेगा।

चन्नी के छोटे भाई डॉ मनोहर सिंह ने हाल ही में नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है और कांग्रेस से टिकट मांगा है।

डॉ मनोहर अभी तक मोहाली के एक सरकारी अस्पताल में सीनियर मेडिकल अफसर थे। वह बस्सी पठाना से कांग्रेस टिकट के दावेदार हैं।

बस्सी पठाना से मौजूदा कांग्रेस विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी हैं, जिन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का समर्थन प्राप्त है। देखना है कि सिद्धू अब उनका टिकट बचा पाते हैं या नहीं।

कांग्रेस ने जो नियम अभी तय किया है, उसके मुताबिक चन्नी के भाई को टिकट शायद ही मिले। लेकिन अगर चन्नी ने कांग्रेस आला कमान तक बात पहुंचाई तो जरूरी नहीं कि यह नियम लागू ही हो।

इनका क्या होगा

चन्नी कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा और त्रिपत राजेन्द्र सिंह बाजवा भी अपने-अपने बेटों के लिए कांग्रेस टिकट मांग रहे हैं।

कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह अपने बेटे के लिए सुल्तानपुर लोदी से टिकट मांग रहे हैं। जबकि सुल्तानपुर लोदी से नवतेज सिंह चीमा अभी कांग्रेस विधायक हैं। सिद्धू का उन्हें समर्थन भी प्राप्त है।

राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा की नजर कादियां सीट पर है। वहां से फिलहाल अभी उनके ही छोटे भाई फतह जंग सिंह बाजवा कांग्रेस विधायक हैं। क्या कांग्रेस वहां से छोटे का टिकट काट कर बड़े को देगी। प्रताप बाजवा सीएम पद के दावेदार भी रहे हैं।

पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह भी टिकट चाहते हैं, जबकि उनका बेटा अभी कांग्रेस विधायक है।

कब घोषित होंगे प्रत्याशी

कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की घोषणा क्रिसमस के आसपास कर सकती है। हालांकि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक अभी तक नहीं हुई है। इस बैठक में ही प्रत्याशियों के नामों का फैसला होना है।

स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में ललित माकन को पंजाब के नेताओं ने सलाह दी कि जिन नामों पर विवाद नहीं है, उनकी घोषणा पहले कर दी जाए। जहां पर चुनौतियां हैं, उसकी घोषणा बाद में की जाए।

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