पंजाबः क्या बिखर जाएगा शिरोमणि अकाली दल, सुखबीर बादल पर इस्तीफे का दबाव
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल टूटने के कगार पर पहुंच गया है। लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी में गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। पार्टी के एक गुट ने मंगलवार को बैठक कर अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से इस्तीफा मांगा। लोकसभा चुनाव में जबरदस्त हार के लिए नेताओं ने सुखबीर को ही जिम्मेदार ठहराया। हालांकि दूसरे गुट ने बैठक कर सुखबीर के नेतृत्व में विश्वास जताया।
अकालियों के दोनों गुटों ने अपनी समानान्तर बैठकें मंगलवार की। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी बैठक जालंधर में की, जबकि खुद बादल ने चंडीगढ़ में पार्टी के जिला अध्यक्षों के साथ बैठक की। असंतुष्ट गुट ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि वे लोग 1 जुलाई से 'शिरोमणि अकाली दल बचाओ' आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। सुखबीर बादल समर्थकों ने इसे भाजपा समर्थक नेताओं की जमात कहा। उन्होंने कहा कि भाजपा के इशारे पर अकाली दल को कमजोर किया जा रहा है।
वरिष्ठ अकाली नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि पार्टी में जल्द से जल्द नेतृत्व परिवर्तन होना चाहिए। चंदूमाजरा ने जालंधर की बैठक में हिस्सा भी लिया। पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को स्वीकार करते हुए सुखबीर को इस्तीफा देना चाहिए। उन्हें पार्टी अध्यक्ष ऐसे व्यक्ति को बनाना चाहिए जो अकाली दल को मजबूत कर सके और राजनीति और धर्म के बीच संतुलन बनाए रख सके।
जालंधर बैठक की खास बात यह थी कि अकालियों के सारे बड़े नेता इसमें मौजूद थे। जिसमें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर, पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींढसा, पूर्व विधायक सिकंदर सिंह मलूका और सुरजीत सिंह रखड़ा प्रमुख हैं। यानी अकालियों के सारे वरिष्ठ नेता अब सुखबीर के खिलाफ हो गए हैं।
कभी बादल परिवार के बहुत नजदीक माने जाने वाले अजीत अखबार के प्रधान संपादक बरजिंदर सिंह हमदर्द तक सुखबीर के खिलाफ हो गए हैं। अजीत पंजाब का प्रमुख अखबार है और अकालियों का थिंक टैंक माना जाता है। जालंधर की बैठक हमदर्द के फार्महाउस पर हुई थी। हालांकि मंगलवार की बैठक में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
मंगलवार को जालंधर में हुई बैठक तीसरी ऐसी बैठक थी जहां बगावत के स्वर उठे। सूत्रों ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन की मांग पहली बार 14 जून को चंडीगढ़ में कोर कमेटी की बैठक के दौरान उठाई गई थी। पिछले हफ्ते भी ढींढसा और अन्य वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में इसी तरह की बैठक जालंधर में हमदर्द के फार्महाउस में हुई थी।
चंडीगढ़ में सुखबीर बादल ने पार्टी के जिला अध्यक्षों और हल्का प्रभारियों की एक साथ बैठक की। उन्होंने हार के कारणों की समीक्षा के लिए यह बैठक बुलाई थी। इस बैठक में आए कार्यकर्ताओं ने सुखबीर की तारीफ की। उनके नेतृत्व में पूर्ण विश्वास जताते हुए प्रस्ताव पारित किया गया। बादल के वफादार बलविंदर सिंह भुंडर, महेशिंदर सिंह ग्रेवाल और दलजीत सिंह चीमा ने असंतुष्ट नेताओं पर हमला बोला। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में चीमा ने कहा कि पार्टी सुखबीर बादल की "स्पष्ट सोच, दूरदर्शी और दृढ़ नेतृत्व" की सराहना करती है। असंतुष्ट गुट भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है।