अमरिंदर समर्थक सांसद सोनिया से मिलेंगे, करेंगे सिद्धू का विरोध
पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान अभी थमा नहीं है, न ही नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध ख़त्म हो गया है। सिद्धू की मुसीबतें बढती जा रही हैं।
'एनडीटीवी' ने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थक कांग्रेस सांसद जल्द ही पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिल कर नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध करेंगे।
लोकसभा और राज्यसभा के कांग्रेस सांसदों ने दिल्ली में रविवार को कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा के घर पर एक बैठक की।
किसानों की स्थिति पर बात करने के लिए बुलाई गई इस बैठक में सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के फ़ैसले का जम कर विरोध हुआ।
ये सांसद अब सोनिया गांधी से मिल कर अपनी बात रखेंगे।
ये कांग्रेसी सांसद कार्यकारी अध्यक्ष को बताएंगे कि किस तरह क्रिकेटर से राजनेता बने आदमी ने पिछले पाँच साल में अपनी मनमर्जी से काम किया है। वे यह जानकारी भी देंगे कि संगठन पर उनकी कोई पकड़ नहीं है।
ये सांसद सोनिया गांधी से यह भी कहेंगे कि राज्य के दूसरे समुदायों के प्रतिनिधित्व का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। यानी, पंजाब के हिन्दुओं को ध्यान में रख कर प्रदेश अध्यक्ष हिन्दू समुदाय का ही होना चाहिए।
समझा जाता है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री परिणीत कौर इस मुहिम के पीछे हैं। केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने और सिद्धू के ख़िलाफ़ माहौल बनाने की रणनीति उन्हीं की है।
ऐसा कहा जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस के पुराने नेता इस बात से परेशान हैं कि बीजेपी से आए सिद्धू को पार्टी की कमान थमा दी जाए।
सिद्धू की गुगली
दूसरी ओर, क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने कैप्टन पर राजनीतिक गुगली फेंकते हुए उनके गृह ज़िले पटियाला में उन्हें अपनी ताक़त दिखाने का फ़ैसला किया है। उन्होंने पटियाला में वहाँ के 30 कांग्रेस विधायकों से मुलाक़ात कर पार्टी आला कमान और कैप्टन दोनों को ही महत्वपूर्ण संकेत दिया है।
यह मामला और पेचीदा हो गया है, सिद्धू ने कैप्टन को घेरने की एक नई रणनीति अपनाई है। कैप्टन अमरिेंदर सिंह के विरोधी माने जाने वाले और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने ज़िले के पार्टी विधायकों की एक बैठक सोमवार को बुलाई है।
वे इसके ज़रिए अपना ताक़त दिखाना चाहते हैं और अमरिंदर सिंह की मुसीबत बढाते हुए सिद्धू को समर्थन देने का एलान कर सकते हैं।
बता दें कि इसके पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिेंदर सिंह पार्टी नेतृत्व के दबाव में ही सही नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने पर राज़ी हो गए थे, पर उन्होंने अपनी ओर से कुछ शर्तें जोड़ दी थीं। इन शर्तों में प्रमुख शर्त यह थी कि सिद्धू अहम फ़ैसले केंद्रीय नेतृत्व की राय मशविरा के बाद ही लेंगे, यानी उनकी पूरी तरह नहीं चलेगी।
एक और शर्त यह थी कि सिद्धू के नीचे कार्यकारी अध्यक्ष होंगे जो कैप्टन की मर्जी से चुने जाएंगे, यानी उनके लोग होंगे। इससे सिद्धू पर अंकुश रखा जा सकेगा।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा है कि पहले सिद्धू उनसे सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगे। इसके पहले सिद्धू ने मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से झूठा कहा था, जिससे अमरिंदर सिंह बहुत ही आहत हुए थे।
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