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पुडुचेरी<b> </b>कांग्रेस संकट में, सोमवार को बहुमत कैसे साबित करेगी?

पुडुचेरी कांग्रेस संकट में, सोमवार को बहुमत कैसे साबित करेगी?

पुडुचेरी में चार विधायकों के इस्तीफ़े के बाद संकट में आई कांग्रेस सरकार का अब विधानसभा में फ़्लोर टेस्ट सोमवार को होगा। लेफ्टिनेंट गवर्नर तमिलिसाई सुंदराजन ने विपक्ष के उस रुख का हवाला दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी के पास अब बहुमत नहीं है। 

पुडुचेरी में चार विधायकों के इस्तीफ़े के बाद संकट में आई कांग्रेस सरकार का अब विधानसभा में फ़्लोर टेस्ट सोमवार को होगा। लेफ्टिनेंट गवर्नर तमिलिसाई सुंदरराजन ने विपक्ष के उस रुख का हवाला दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी के पास अब बहुमत नहीं है। इसका मतलब है कि अब कांग्रेस सरकार को परीक्षा से गुजरना होगा। 

यह घटनाक्रम तब चला है जब राज्य में कुछ महीनों में ही चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले चार विधायकों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। इन विधायकों के बाद लेफ़्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी को पद से हटा दिया गया और उनकी जगह पर सुंदरराजन को लेफ़्टिनेंट गर्वनर की ज़िम्मेदारी दी गई है। 

उपराज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के बाद सुंदरराजन ने कहा कि यह पता लगाने के लिए कि क्या कांग्रेस सरकार को बहुमत प्राप्त है, मतदान सोमवार शाम 5 बजे होगा।

एक बयान में कहा गया है कि उपराज्यपाल ने नारायणसामी को अवगत कराया था कि विधानसभा इस एकमात्र एजेंडे के लिए बैठक करेगी। 

इसके पहले मंगलवार को ही पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को जोरदार झटका लगा। पार्टी के चार विधायकों ने इस्तीफ़ा दे दिया। 

समझा जाता है कि 30 सदस्यों वाली पुडुचेरी की विधानसभा में कांग्रेस के नेतृत्व वाली वी. नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई। हालाँकि मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी अल्पमत में आने के दावों का खंडन करते हैं। वह ज़ोर देकर कहते हैं कि उनमें से दो इस्तीफे स्वीकार किए जाने बाक़ी हैं।

कांग्रेस के पास 15 विधायक थे लेकिन यदि चार विधायकों के इस्तीफ़े मान लिए जाएँ तो यह संख्या 11 रह जाती है। डीएमके के दो विधायक उसके साथ हैं लेकिन फिर भी बहुमत के लिए ज़रूरी 16 विधायकों से उसके पास तीन विधायक कम होंगे।

इन चार विधायकों में से दो विधायकों ने पिछले महीने 25 जनवरी को इस्तीफ़ा दिया था, एक विधायक ने सोमवार को और एक विधायक ने मंगलवार को इस्तीफ़ा दिया है। 

इस्तीफ़ा देने वाले विधायकों में ए. नमशिवायम, ई.थिप्पयनजन, मल्लाडी कृष्णा राव और जॉन कुमार शामिल हैं। इनमें से ए. नमशिवायम, ई.थिप्पयनजन बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। ए. नमशिवायम का जाना कांग्रेस के लिए ज़्यादा बड़ा झटका है क्योंकि वह पुडुचेरी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। पार्टी छोड़ने के बाद से कई कार्यकर्ता ए. नमशिवायम के साथ जा चुके हैं। ए. नमशिवायम 2016 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे लेकिन पार्टी ने वी. नारायणसामी को मुख्यमंत्री बनाया था। 

बीजेपी इस बार केरल, तमिलनाडु के साथ ही पुडुचेरी में भी पूरी ताक़त के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। 

 - Satya Hindi

किरण बेदी को पद से हटाया 

किरण बेदी को पुडुचेरी के लेफ़्टिनेंट गवर्नर के पद से मंगलवार को हटा दिया गया। राष्ट्रपति भवन से जारी बयान में कहा गया है, "राष्ट्रपति ने आदेश दिया है कि किरण बेदी पुडुचेरी के लेफ़्टिनेंट गर्वनर पद पर अब नहीं रहेंगी, तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन से कहा गया है कि वे अपने मौजूदा काम के अलावा पुडुचेरी के लेफ़्टिनेंट गवर्नर की ज़िम्मेदारी संभालें। वे यह काम तब तक देखती रहें जब तक नए लेफ़्टिनेंट गवर्नर को नियुक्त नहीं कर दिया जाता है।" 

कांग्रेस आलाकमान पर सवाल

पुडुचेरी का घटनाक्रम एक बार फिर कांग्रेस आलाकमान पर सवाल खड़े करता है क्योंकि बीते कुछ सालों में यह पहला मौक़ा नहीं है, जब किसी राज्य में विधायक पार्टी को छोड़कर गए हों। कर्नाटक, मध्य प्रदेश में विधायकों के पार्टी छोड़कर जाने की वजह से उसकी सरकार चली गई। इसके अलावा गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में ऐसा हो चुका है। 

राजस्थान और पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्रियों के ख़िलाफ़ बग़ावत हो चुकी है। 

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