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कर्नाटक: पीएसआई भर्ती घोटाले में बीजेपी नेता गिरफ्तार

कर्नाटक: पीएसआई भर्ती घोटाले में बीजेपी नेता गिरफ्तार

कर्नाटक में पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती में आखिर यह कैसा घोटाला था कि जिन अभ्यर्थी पर धांधली करने का आरोप लगा वे टॉप टेन में आ गए थे। जानिए बीजेपी नेता पर क्या है आरोप।

कर्नाटक में पुलिस सब-इंस्पेक्टर यानी पीएसआई भर्ती घोटाले के सिलसिले में शुक्रवार को राज्य की बीजेपी की एक नेता गिरफ़्तार की गई हैं। आपराधिक जाँच विभाग यानी सीआईडी ने यह कार्रवाई की है। यह घोटाला उससे जुड़ा है जिसमें एक अभ्यर्थी के 21 सवालों पर अटेंप्ट करने के बावजूद 121 अंक आ गए थे और वह परिणाम आने पर टॉप टेन में शामिल था।

एक रिपोर्ट के अनुसार पीएसआई भर्ती घोटाले में फरार आरोपी बीजेपी नेता दिव्या हागारगी को महाराष्ट्र के पुणे में एक ठिकाने से पकड़ा गया। दिव्या इस मामले में गिरफ्तार होने वाली 18वीं आरोपी हैं।

दिव्या के पति राजेश हागारगी को पहले ही गिरफ्तार किया गया था, जबकि वह भागने में सफल रही थीं। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार दिव्या कलबुर्गी में एक शैक्षणिक संस्थान, ज्ञान ज्योति संस्थान चलाती हैं और वह कलबुर्गी में बीजेपी की महिला इकाई की अध्यक्ष थीं। 

रिपोर्ट के अनुसार भर्ती घोटाला सामने आने के बाद पार्टी ने उनसे दूरी बना ली और कहा कि वह इससे जुड़ी नहीं हैं। अख़बार की रिपोर्ट में कहा गया है कि हालाँकि, स्थानीय लोगों और पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि वह बीजेपी में सक्रिय थीं और कई पदों पर रहीं। रिपोर्ट के अनुसार फ़रवरी में कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने दिव्या से मुलाक़ात की थी। यह भर्ती परिणामों की घोषणा के बाद हुई थी।

21 सवाल अटेंप्ट पर 121 अंक आए

दिव्या का नाम सीआईडी की जाँच में तब सामने आया जब भर्ती घोटाले की जाँच उनकी संस्था तक पहुँची। वीरेश नाम के एक उम्मीदवार ने केवल 21 प्रश्नों पर प्रयास करने के बावजूद भर्ती परीक्षा में 121 अंक हासिल किए। उसका परीक्षा केंद्र ज्ञान ज्योति संस्थान था। वीरेश ने 7वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन जांच से पता चला कि कदाचार हुआ था। रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दिव्या की संस्था में कई उम्मीदवार ऐसे थे, जो कदाचार में लिप्त थे।

दरअसल, उस परीक्षा केंद्र को लेकर दूसरी भी रिपोर्ट सामने आई है। लोक शिक्षण के स्थानीय उप निदेशक ने संस्था में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में परीक्षाएं नहीं कराने की सिफारिश की थी, लेकिन पुलिस की भर्ती शाखा ने उस केंद्र को चुना। पिछले अक्टूबर में हुई पीएसआई परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे।

राज्य भर से 54,041 छात्र थे जो 545 पीएसआई पदों के लिए उपस्थित हुए थे और परिणाम जनवरी में घोषित किए गए थे।

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