दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उद्योग नगर, पश्चिम विहार, नांगलोई और शिवाजी पार्क स्टेशनों की दीवारों पर 'खालिस्तान जिंदाबाद' सहित कई भारत विरोधी नारे लिखे हुए पाए गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने कहा- कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़े अज्ञात लोगों ने जी20 शिखर सम्मेलन से कुछ दिन पहले राजधानी दिल्ली में मेट्रो स्टेशनों की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे हैं। इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है।
एसएफजे ने कथित तौर पर इस घटना का एक वीडियो जारी किया जिसमें इसके प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू दीवारों पर लिखे नारों के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने क्लिप में कहा, “जी20 प्रगति मैदान की लड़ाई आज शुरू हो गई है… पीएम मोदी और भारत निशाने पर हैं।” संगठन ने कहा कि उनके सदस्य चार से पांच मेट्रो स्टेशनों पर गए और भित्तिचित्रों के साथ जी20 देशों को एक संदेश भेजा।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने वीडियो का संज्ञान लिया है और सभी मेट्रो स्टेशनों की जांच की जा रही है। एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ''हमने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सम्मेलन से पहले सुरक्षा व्यवस्था से छेड़छाड़ करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसएफजे पैसे के बदले लोगों को अपना काम करने के लिए लुभाता है। हम जल्द ही गिरफ्तारियां करेंगे।”
बाहरी दिल्ली इलाके के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं और जल्द ही गिरफ्तारियां करेंगे। पुलिस ने सभी प्रभावित दीवारों से नारे हटाने के लिए पहले ही कर्मियों को भेज दिया है। दिल्ली में इससे पहले जनवरी में भी खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए थे। एसएफजे ने दिल्ली पुलिस के सामने 26 जनवरी से पहले ही 19 जनवरी को ऐसे नारे लिखकर चुनौती दे दी थी। दिल्ली के पश्चिम विहार में एक दीवार पर 'खालिस्तान जिंदाबाद' और 'रेफरेंडम 2020' के नारों के साथ ग्रैफिटी दिखाई दी थी।
बढ़ रहे हैं ऐसे मामले
खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखने की घटनाएं बढ़ रही हैं और कई बार इसके तहत हुई हरकतें कानून व्यवस्था को चुनौती देती नजर आती हैं। मई 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार पर खालिस्तानी झंडे लगाए जाने का मामला सामने आया था। इन झंडों की संख्या करीब 5-6 थी। हिमाचल प्रदेश ने भिंडरावाले और खालिस्तानी झंडे ले जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे एसएफजे आंदोलन कर रहा था। संगठन ने घोषणा की थी कि वह 29 मार्च 2022 को खालिस्तानी झंडा फहराएगा लेकिन भारी सुरक्षा के कारण वह ऐसा नहीं कर सका था। फिर उसने तिलमिला कर मई में खालिस्तानी झंडे लगा दिए।इसके बाद जून 2022 में पंजाब के फरीदकोट जिले में एक सेशन जज के घर की दीवारों पर खालिस्तान के समर्थन में खालिस्तान जिंदाबाद का नारा लिखा गया है।
जनवरी में भी ऐसे नारे लिखे गए थे, तभी दिल्ली पुलिस को इन्हें मिटाना पड़ा था
6 जून 2022 को ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे। नारेबाजी करने वालों ने हाथों में अलगाववादी खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लिए थे और भिंडरावाले के समर्थन में नारे भी लगाए थे। इसके बाद उन्होंने खालिस्तान के समर्थन में एक मार्च भी निकाला था। पुलिस इस घटना के बाद कुछ नहीं कर पाई। फिर 13 जून को फिरोजपुर में मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) के कार्यालय के बाहर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे गए।
पंजाब की जालंधर पुलिस ने बताया कि 14-15 जून 2022 की दरमियानी रात को जालंधर में शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर के पास की दीवारों पर कुछ असामाजिक तत्वों ने 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लिख दिए। इस मामले में कोई आरोपी आजतक नहीं पकड़ा गया।
अभी इसी महीने कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में एक हिंदू मंदिर में शनिवार आधी रात को तोड़फोड़ की गई और मंदिर के मुख्य दरवाजे पर खालिस्तान जनमत संग्रह के पोस्टर चिपका दिए गए। पोस्टर पर लिखा था, 'कनाडा 18 जून की हत्या में भारत की भूमिका की जांच कर रहा है।' दरवाजे पर लगे पोस्टर में हरदीप सिंह निज्जर की फोटो भी थी। इस साल कनाडा के हिन्दू मंदिरों में तोड़फोड़ की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा अमेरिका और ब्रिटेन में भारतीय दूतावासों के सामने खालिस्तान समर्थक प्रदर्शन कर चुके हैं।