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प्रियंका ने कहा, अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें 

प्रियंका ने कहा, अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें 

राहुल की याचिका हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद, प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर जताया रोष 

शुक्रवार को मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की 2 साल की सजा पर रोक लगाने से गुजरात हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस ने कहा है कि वह अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हाईकोर्ट से राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका खारिज हो जाने के बाद प्रियंका गांधी ने इस पूरे मामले पर रोष जताते हुए ट्विटर पर लिखा है कि अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि देश के लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने वाले सवाल न उठें। प्रियंका गांधी ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता "समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो" की पंक्तियां लिख कर अपने रोष का इजहार किया है।  

प्रियंका गांधी ने लिखा है…

"समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो,शिखरों को डूबने और मुकुटों को बह जाने दो, पथरीली ऊँची जमीन है? तो उसको तोड़ेंगे,समतल पीटे बिना समर की भूमि नहीं छोड़ेंगे,समर शेष है, चलो ज्योतियों के बरसाते तीर,खण्ड-खण्ड हो गिरे विषमता की काली जंजीर" 

 जनता की आवाज जीतेगी

प्रियंका गांधी ने अपने ट्विट में लिखा है कि,  राहुल गांधी जी इस अहंकारी सत्ता के सामने सत्य और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि देश के लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने वाले सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि उनसे महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं, युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो, किसानों की भलाई की आवाज न उठे, महिलाओं के हक की बात न हो, श्रमिकों के सम्मान के सवाल को न उठाया जाए।प्रियंका ने  केंद्र सरकार पर हमला करते हुए बिना किसी का नाम लिए लिखा है कि,  अहंकारी सत्ता सच को दबाने के लिए हर हथकंडे आजमा रही है, जनता के हितों से जुड़े सवालों से भटकाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद, छल, कपट: सब अपना रही है। लेकिन, सत्य, सत्याग्रह, जनता की ताकत के सामने न तो सत्ता का अहंकार ज्यादा दिन टिकेगा और न ही सच्चाई पर झूठ का परदा। राहुल गांधी जी ने इस अहंकारी सत्ता के सामने जनता के हितों से जुड़े सवालों की ज्योति जलाकर रखी है। इसके लिए वे हर कीमत चुकाने को तैयार हैं और तमाम हमलों व अहंकारी भाजपा सरकार के हथकंडों के बावजूद एक सच्चे देशप्रेमी की तरह जनता से जुड़े सवालों को उठाने से पीछे नहीं हटे हैं। जनता का दर्द बांटने के कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं। सत्य की जीत होगी। जनता की आवाज जीतेगी। जय हिंद। 

23 मार्च को सूरत की सेशन कोर्ट ने सुनाई थी सजा

सूरत की सेशन कोर्ट ने आपराधिक मानहानि केस में राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 को दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले दिन 24 मार्च को राहुल की सांसदी चली गई थी। सूरत की अदालत के फैसले के खिलाफ राहुल गुजरात हाईकोर्ट पहुंचे थे। शुक्रवार को सुनाए फैसले में गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की 2 साल की सजा को बरकरार रखा है। इसके करण उनकी संसद सदस्यता की अयोग्यता बरकरार रहेगी। हाईकोर्ट ने कहा है कि दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई नियम नहीं है। 

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