पश्चिमी उत्तर प्रदेश का रण निपटने के बाद अब बाक़ी उत्तर प्रदेश में मज़बूत कंधे तलाश रही कांग्रेस की तैयारी बड़ी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की है। कांग्रेस की प्रभारी महासचिव प्रियंका गाँधी कुछ बड़े पिछड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कराने की योजना बना रही हैं। अपने-अपने दलों में असंतुष्ट चल रहे इन नेताओं से टीम प्रियंका की बातचीत हो चुकी है और अगले कुछ दिनों में बड़े चेहरे कांग्रेस के साथ दिख सकते हैं। कांग्रेस ने पूर्वांचल के कुछ बड़े पिछड़े चेहरों से संपर्क साधा है जिन्हें उनके दलों में या तो टिकट नहीं मिला है या उपेक्षा के शिकार हैं। इन नेताओं में से कुछ को तो कांग्रेस टिकट भी थमा सकती है, जबकि कई नेताओं ने 2022 में विधानसभा चुनावों के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक़ बातचीत अंतिम चरण में है और किसी भी वक़्त धमाका हो सकता है।
रमाकांत यादव, भालचंद्र जैसे कई नेता
आजमगढ़ से पिछला चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़कर मुलायम सिंह यादव से मामूली अंतर से हारने वाले रमाकांत यादव को इस बार टिकट नहीं मिला है। बीजेपी ने इस बार आजमगढ़ से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को उतार दिया है। रमाकांत अपना टिकट कटने के बाद जौनपुर से माँगने लगे। वहाँ से भी निराशा हाथ लगने के बाद उन्होंने कांग्रेस से संपर्क किया है। कांग्रेसी नेताओं के मुताबिक़ रमाकांत को पार्टी भदोही से चुनाव लड़ा सकती है। रमाकांत का टिकट क़रीब क़रीब तय हो गया है। रमाकांत का साथ देते हुए पूर्वांचल के एक और नेता भालचंद्र यादव ने भी कांग्रेस का दामन थामने का फ़ैसला किया है। भालचंद्र ने कांग्रेस से टिकट की भी कोई शर्त नहीं रखी है और वह केवल पार्टी का प्रचार करेंगे। कांग्रेस ने कुशीनगर के बालेश्वर यादव को भी अपने पाले में लाने की कोशिश तेज़ कर दी है। बालेश्वर ने अभी तक हामी तो नहीं भरी है पर उन्होंने मना भी नहीं किया है।
शिकोहाबाद से विधायक रहे और मध्य उत्तर प्रदेश के प्रभावी नेता अशोक यादव भी कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। अशोक यादव पहले राजनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं और कुछ समय के लिए कांग्रेस में भी आ चुके हैं।
बलिया और ग़ाज़ीपुर में भी प्रयास
सपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे और फिर बसपा में चले जाने वाले बलिया के कद्दावर नेता अंबिका चौधरी से भी कांग्रेस नेतृत्व संपर्क में है। अंबिका चौधरी को लेकर कांग्रेस का एलान इस बात पर टिका हुआ है कि सपा-बसपा गठबंधन बलिया से किसे टिकट देता है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि गठबंधन अगर बलिया से नीरज शेखर को बदलता है तो अंबिका चौधरी चुनाव लड़ सकते हैं। उधर रमाकांत के भाई और कई बार विधायक रहे उमाकांत भी कांग्रेस से लगातार संपर्क में हैं। उमाकांत का कांग्रेस में आना इस बात पर निर्भर करता है कि गाजीपुर में गठबंधन क्या करता है। उमाकांत यादव के विधायक पुत्र दिनेश यादव से कांग्रेस नेताओं की कई चरणों में बातचीत हो चुकी है।
पूर्वांचल में गोरखपुर को केंद्र बनाएँगी प्रियंका
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि तीसरे चरण का मतदान हो जाने के बाद प्रियंका गाँधी के दौरे पूर्वांचल में बढ़ेंगे। कांग्रेस महासचिव पूर्वांचल में कुशीनगर, महराजगंज, बलिया, बांसगाँव, श्रावस्ती, बहराइच में प्रचार तेज़ करेंगी। पूर्वांचल में ज़्यादा समय देने के लिए प्रियंका गाँधी गोरखपुर को अपना आधार बना सकती हैं। गोरखपुर में लड़ाई बीजेपी और गठबंधन के बीच होते देख कांग्रेस किसी ब्राह्मण प्रत्याशी पर दाँव लगा सकती है। पूर्वांचल में प्रियंका गाँधी के प्रचार अभियान में पिछड़े नेताओं की बड़ी कतार उनके साथ नज़र आ सकती है।