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मिशन यूपी: प्रियंका गांधी का संगठन की मज़बूती पर जोर

मिशन यूपी: प्रियंका गांधी का संगठन की मज़बूती पर जोर

7 महीने बाद होने जा रहे उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की चुनावी तैयारियों को परखने के मद्देनज़र ही प्रियंका गांधी तीन दिन के यूपी दौरे पर पहुंची हैं।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तीन दिन के उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। प्रियंका ने शनिवार को लखीमपुर खीरी में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान जिस महिला के साथ अभद्रता हुई थी, उससे मुलाक़ात की। बता दें कि उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में सत्ता की भरपूर दबंगई के बाद ब्लॉक प्रमुख के चुनावों में हिंसा, गुंडागर्दी, छिनैती से लेकर मारपीट की घटनाएं हुई थीं। प्रियंका ने पार्टी के पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों एवं पूर्व जिलाध्यक्षों को संबोधित किया और संगठन की मज़बूती पर जोर दिया। 

लखीमपुर खीरी जिले की पसगंवा ब्लॉक से एसपी की ब्लॉक प्रमुख की उम्मीदवार रितु सिंह की प्रस्तावक महिला से बदसलूकी का मामला जब सोशल मीडिया पर चर्चित हुआ था तो इससे सरकार बुरी तरह घिर गई थी और उसे स्थानीय पुलिस अफ़सरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी पड़ी। महिला ने लखनऊ पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाक़ात की थी। 

पहले दिन प्रियंका ने प्रदेश के कई किसान संगठनों के नेताओं से मुलाक़ात की और उनसे कृषि कानूनों एवं किसानों की अन्य समस्याओं पर चर्चा की। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पार्टी किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ प्रियंका गांधी प्रतिमा के सामने मौन व्रत पर बैठीं और प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया।

प्रियंका की कोशिश ‘मिशन यूपी’ के तहत 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की दमदार मौजूदगी दर्ज करवाने की है। 

7 महीने बाद होने जा रहे उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की चुनावी तैयारियों को परखने के मद्देनज़र ही प्रियंका गांधी तीन दिन के यूपी दौरे पर पहुंची हैं। शुक्रवार को लखनऊ पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रियंका गांधी का जोरदार स्वागत किया था। 

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होर्डिंग्स से पटा लखनऊ

प्रियंका के लखनऊ आगमन से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर को होर्डिंग्स से पाट दिया। कांग्रेस के तमाम फ्रंटल संगठनों के कार्यकर्ताओं में प्रियंका के आगमन को लेकर ख़ासा जोश दिखाई दिया। इस दौरान आलमबाग, चारबाग, केकेसी, बर्लिंगटन स्क्वायर, बापू भवन में कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

यूपी को वक़्त देंगी प्रियंका

प्रियंका हर महीने के ज़्यादातर दिन अब लखनऊ में रहेंगी। कांग्रेस के लिए ऐसा करना बेहद ज़रूरी भी है क्योंकि इतने बड़े राज्य के चुनाव में बहुत कम वक़्त बचा है और कांग्रेस के पास प्रियंका और राहुल गांधी से बड़ा चेहरा यहां नहीं है। लेकिन राज्य की प्रभारी होने के नाते प्रियंका के कंधों पर ज़्यादा बड़ी जिम्मेदारी है। 

टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़, प्रियंका पहले दिन कांग्रेस की प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों से मिलेंगी। उसके बाद जिला व शहर अध्यक्षों से मिलने का कार्यक्रम है। प्रियंका कांग्रेस के फ्रंटल संगठनों के कार्यकर्ताओं और कुछ किसान संगठनों से भी मिलेंगी। इसके अलावा छात्र संगठनों, शिक्षकों और ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों के संगठनों से भी वह बातचीत करेंगी। 

प्रियंका लखनऊ में पूर्व राज्यपाल और पार्टी की वरिष्ठ नेता रहीं शीला कौल के आवास में रहेंगी। इस आवास में रंग-रोगन से लेकर बाक़ी ज़रूरी काम किए जा चुके हैं और इसे प्रियंका की कांग्रेस कार्यकर्ताओं संग बैठकों के लिए तैयार किया गया है। यह आवास गोखले मार्ग पर है जो उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय से तीन किमी. की दूरी पर है। 

प्रत्याशी चयन का काम शुरू 

प्रियंका गांधी ने हाल ही में पार्टी के जिला अध्यक्षों से कहा है कि वे चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उतरने के इच्छुक नेताओं के नाम भेजें। प्रदेश पदाधिकारियों से भी इस संबंध में जानकारी देने के लिए कहा गया है। जिला पंचायत चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वालों को कांग्रेस टिकट वितरण में वरीयता देगी। 

इस दौरे के दौरान प्रियंका प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देने के साथ ही, कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में भी बात कर सकती हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा और कांग्रेस सेवा दल के प्रमुख प्रमोद पांडे सहित तमाम पदाधिकारी व्यवस्थाएं देख रहे हैं। 

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चेहरा बनेंगी प्रियंका?

कांग्रेस को अगर उत्तर प्रदेश में ख़ुद को जिंदा रखना है तो उसे प्रियंका को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाना ही होगा। क्योंकि पार्टी के पास वैसे ही मज़बूत संगठन नहीं है और बिना चेहरे के चुनाव लड़ना उसकी मुसीबतों में इजाफा करेगा।

बीजेपी के साथ मित्रता निभाने के आरोप को लेकर प्रियंका मायावती और अखिलेश यादव पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोल चुकी हैं और किसान आंदोलन के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर किसान महापंचायत कर उन्होंने पार्टी को खड़ा करने की कोशिश की है। 

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