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गुजरात: 27 साल से सत्ता में बीजेपी; कांग्रेस, आप दे पाएँगी चुनौती? 

गुजरात: 27 साल से सत्ता में बीजेपी; कांग्रेस, आप दे पाएँगी चुनौती? 

पूरे देश की नज़र इस बार गुजरात चुनाव पर है क्योंकि इसके नतीजे देश की राजनीति को बदलने वाले साबित हो सकते हैं। तो सवाल है कि गुजरात चुनाव के नतीजे क्या होंगे? क्या इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है?

गुजरात में क्या बीजेपी अपनी सत्ता बरकरार रख पाएगी या फिर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से उसे कड़ी चुनौती मिलेगी? यह सवाल इसलिए अहम है कि गुजरात चुनाव के नतीजे काफ़ी हद तक आगे की राजनीति की दिशा तय करेंगे। यदि बीजेपी चुनाव जीतती है तो मोदी-शाह की जोड़ी का देश की राजनीति में दबदबा बढ़ेगा ही, लेकिन यदि गुजरात का क़िला ढहता है तो फिर राजनीति में एक बड़े बदलाव शुरू होने के आसार हो जाएँगे। तो सवाल यही है कि आख़िर इस चुनाव के नतीजे क्या होंगे?

वैसे तो इस सवाल का जवाब कई चुनावी सर्वे देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सर्वे से इतर बात करें तो पिछले चुनावी नतीजे भी काफ़ी हद तक इसका संकेत देते हैं कि चुनाव किस ओर जा रहा है। आइए हम आपको बताते हैं कि पिछले पाँच चुनावी नतीजे क्या रहे।

2017 विधानसभा चुनाव

2017 का विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प रहा था। राज्य की कुल 182 सीटों में से बीजेपी ने 99 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने भी अपने पिछले चुनाव से काफ़ी बेहतर प्रदर्शन किया था और वह 77 सीटें जीतने में सफल रही थी। लेकिन यदि वोट प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो कांग्रेस ज़्यादा पीछे नहीं रही थी। बीजेपी ने 49% वोट पाए थे जबकि कांग्रेस ने 44% वोट हासिल किए थे। 

2017 के चुनाव की ख़ास बात यह रही थी कांग्रेस चुनाव में वापसी करती हुई दिखी थी। उसने बीजेपी को कड़ी चुनौती दी थी। जबकि इससे पहले के चार चुनावों में कांग्रेस काफ़ी ज़्यादा पिछड़ती रही थी और उसका प्रदर्शन क़रीब-क़रीब एक जैसा रहा था। 2017 के चुनाव में बदलाव को इस ग्राफिक्स में देखा जा सकता है।

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हालाँकि, इससे पहले के 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी काफी आगे रही थी। इस चुनाव में बीजेपी को 48% वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को सिर्फ़ 39% ही वोट मिल पाए थे। 

2007 में बीजेपी को 49%, कांग्रेस को 38%, 2002 में बीजेपी को 50% और कांग्रेस को 39% और 1998 में बीजेपी को 45% व कांग्रेस को 35% वोट मिले थे।

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सीटों के मामले में भी 2012 में बीजेपी काफ़ी आगे रही थी। तब बीजेपी को 115 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 61 और अन्य को 6 सीटें मिली थीं। 2007 में बीजेपी को 117, कांग्रेस को 59 और अन्य को 6 सीटें मिली थीं। 2002 में भी बीजेपी को 127, कांग्रेस को 51 व अन्य को 4 और 1998 के चुनाव में बीजेपी को 117, कांग्रेस को 53 और अन्य को 12 सीटें मिली थीं। 

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2017 से पहले के चुनाव में आम आदमी पार्टी यानी आप चुनावी रण में नहीं रही थी। आम आदमी पार्टी ने साल 2017 में भी गुजरात का विधानसभा चुनाव लड़ा था हालांकि तब पार्टी ने सिर्फ 30 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे थे और अधिकतर सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। 

इस बार आप फिर से अपना किस्मत आजमा रही है। उसने जबरदस्त चुनाव प्रचार किया है और उसका दावा है कि वह बीजेपी को कड़ी चुनौती दे रही है।

दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी की सियासी ख्वाहिश कुछ अन्य राज्यों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की है। इस साल मार्च में पंजाब में मिली प्रचंड जीत के बाद से ही आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात के चुनावी दौरे कर रहे हैं। 

गुजरात में चुनावी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होती रही है। 182 सीटों वाली गुजरात की विधानसभा में मुश्किल से पांच-छह सीटों को छोड़कर बाकी सीटें इन्हीं दो राजनीतिक दलों की झोली में जाती हैं। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि वह गुजरात में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। विशेषकर शहरी इलाकों सूरत आदि में उसका संगठन जोर-शोर से चुनाव प्रचार कर रहा है। पिछले साल हुए स्थानीय निकाय के चुनाव में सूरत नगर निगम की 120 में से 27 सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी। लेकिन क्या सच में आप कमाल कर पाएगी या फिर यह चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के बीच होकर रह जाएगी, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा।

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