राष्ट्रपति चुनावः उद्धव सांसदों के आगे झुके, शिवसेना द्रौपदी मुर्मू का करेगी समर्थन
शिवसेना ने अब द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र में शिवसेना के कुछ सांसदों और जिला अध्यक्षों ने राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने की मांग की थी जिसके बाद पार्टी ने फैसला किया है कि राष्ट्रपति के चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को शिवसेना समर्थन करेगी।
द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन करने को लेकर उस अफवाह पर अब विराम लग गया है जिसमें कहा जा रहा था कि शिवसेना बीजेपी की उम्मीदवार द्रौपदी मुरमू को समर्थन नहीं करेगी। शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को एलान करते हुए कहा कि शिवसेना ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने का ऐलान किया है। पत्रकारों से बातचीत में उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब महाराष्ट्र की प्रतिभा पाटिल को यूपीए ने राष्ट्रपति पद के चुनाव मैदान में उतारा था तो बालासाहेब ठाकरे ने प्रतिभा पाटिल को यह कहकर समर्थन दिया था क्योंकि वह महाराष्ट्र से संबंध रखती थीं।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले कुछ दिनों पहले पार्टी के कुछ सांसदों ने उन्हें चिट्ठी भी लिखी थी और यह मांग की थी कि द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं इसलिए महाराष्ट्र के आदिवासी लोगों की भावना को देखते हुए शिवसेना मुर्मू का समर्थन करें। इसके अलावा महाराष्ट्र के कुछ जिलों के शिवसेना अध्यक्षों ने भी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने की अपील की थी। जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सांसदों की बैठक सोमवार को बुलाई थी। इस बैठक में फैसला किया गया की पार्टी एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी।
40 विधायकों की बगावत के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें एक सांसद की चिट्ठी ने और बढ़ा दी थी। मुंबई की दक्षिण मध्य सीट से शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी थी। जैसे ही इस चिट्ठी को राहुल शेवाले ने अपने टि्वटर हैंडल से जारी किया तो शिवसेना में खलबली मच गई। राहुल शेवाले ने उद्धव ठाकरे के नाम लिखी इस चिट्ठी में पार्टी प्रमुख से एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की मांग की थी। इस चिट्ठी के बाद से शिवसेना पार्टी में माहौल गर्म हो गया था।
राहुल शेवाले ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि 18 जुलाई 2022 को देश के राष्ट्रपति पद का चुनाव होने वाला है, जिसके लिए यशवंत सिन्हा और द्रौपदी मुर्मू दो उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समाज से आती हैं जिनका सामाजिक क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान रहा है। मुर्मू राजनीतिक जीवन में आने से पहले शिक्षिका रह चुकी हैं इसके अलावा झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।
राहुल शेवाले ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में इस बात का भी जिक्र किया था कि जब बाला साहेब ठाकरे शिवसेना के अध्यक्ष थे तो शिवसेना और बीजेपी की युति होने के बावजूद एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन नहीं देते हुए शिवसेना ने महाराष्ट्र की प्रतिभा पाटिल को समर्थन दिया था। इसके साथ ही जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे तो शिवसेना प्रमुख ने उन्हें भी समर्थन दिया था।
राहुल शेवाले ने चिट्ठी में लिखा था कि उद्धव ठाकरे साहब द्रोपदी मुर्मू सामाजिक क्षेत्र से आती हैं इसलिए राष्ट्रपति के चुनाव में शिवसेना की तरफ से उन्हें समर्थन दिया जाए। मेरी आपसे यह विनती है कि द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के लिए आप शिवसेना के सभी सांसदों को आदेश भी जारी करें। जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सांसदों के साथ मिलकर द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने का ऐलान कर दिया।