बजट सत्र: गणतंत्र दिवस पर हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस पर हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। राष्ट्रपति ने नये कृषि क़ानूनों को किसानों को नये अधिकार देने वाला और किसानों के लिए फायदेमंद बताया। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बीच संसद के बजट सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति दोनों सदनों को संबोधित कर रहे थे।
बजट सत्र शुरू होने से पहले दोनों सदनों के लिए राष्ट्रपति के अभिभाषण की प्रथा चलती रही है। राष्ट्रपति के इसी अभिभाषण का 18 दलों के विपक्षी नेताओं ने बहिष्कार करने का फ़ैसला किया है। उन्होंने तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों के साथ एकजुटता जताने के लिए यह किया है।
अभिभाषण में राष्ट्रपति ने तीन नये कृषि क़ानूनों का ज़िक्र किया। राष्ट्रपति कोविंद ने कृषि क़ानूनों को लेकर मोदी सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, 'सरकार ने सात महीने पहले उचित परामर्श के बाद तीन कृषि बिलों को लागू किया है। इससे 10 करोड़ छोटे किसानों को फायदा होने वाला है। कई राजनीतिक दलों ने अतीत में इन विचारों का समर्थन किया। इन विधेयकों पर संसद में ठीक से बहस हुई, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले के बाद इसे रोक दिया गया है।' हालाँकि उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीनों क़ानूनों को स्थगित किए जाने के आदेश का सरकार सम्मान करेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आज़ादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि क़ानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। उन्होंने कोरोना संकट, टीकाकरण अभियान में सरकार के प्रयासों की सराहना की।
बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन में कहा कि पिछले एक साल में वित्त मंत्री ने जो 4 मिनी बजट पेश किए थे उसी की कड़ी में यह बजट होगा। उन्होंने कहा कि भारत के उज्जवल भविष्य के लिए ये दशक बहुत ही महत्वपूर्ण है।
बजट सत्र से पहले पीएम मोदी ने कहा- मुझे आशा है कि ये सत्र बेहतर होगा, हर मुद्दों पर चर्चा होगी। हालाँकि किसान आंदोलन को लेकर बने गतिरोध के बीच इस सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं।
संसद के बजट सत्र से पहले पीएम मोदी ने कहा, 'यह बजट का भी सत्र है। वैसे, शायद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ कि 2020 में एक नहीं, वित्त मंत्री जी को अलग अलग पैकेज के रूप में एक प्रकार से चार-पाँच मिनी बजट देने पड़े। ...इसलिए यह बजट भी उन चार बजटों की शृंखला में देखा जाएगा, मुझे पूरा विश्वास है।'
बता दें कि सरकार के एजेंडे में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करने के अलावा कुछ अध्यादेशों को क़ानूनी रूप देना भी शामिल है। इस सत्र में नेशनल कैपिटल टेरिट्री ऑफ़ दिल्ली लॉज (स्पेशल प्रोविजन) सेकंड (अमेंडटमेंट) ऑर्डिनेंस, 2020, द कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट इन नेशनल कैपिटल रीजन और ऐडजॉइनिंग एरिया ऑर्डिनेंस 2020, द जम्मू ऐंड कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस, 2021, द आर्बिट्रेशन ऐंड कॉन्सिलिएशन (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस, 2020, डेटा प्रॉटेक्शन बिल, डीएनए टेक्नॉलजी बिल को क़ानून बनाया जा सकता है।