प्रशांत किशोर का पंजाब मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार से इस्तीफ़ा क्यों?
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर कयास लगाए ही जा रहे हैं कि इस बीच उन्होंने अब पंजाब में कांग्रेस सरकार के ही मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भेजे इस्तीफ़ा वाले पत्र में लिखा है कि उन्होंने यह फ़ैसला इसलिए लिया है कि वह सार्वजनिक जीवन में किसी सक्रिय भूमिका से एक अस्थायी ब्रेक लेना चाहते हैं।
तो क्या वह कांग्रेस में शामिल होने को तैयार हैं जैसे कि कयास लगाए जा रहे हैं? इसका जवाब भी प्रशांत किशोर के उस पत्र में है। अमरिंदर सिंह को लिखे पत्र में प्रशांत किशोर ने कहा है कि उन्हें अपने अगले क़दम पर फ़ैसला करना बाक़ी है। इसका मतलब है कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के बारे में अभी तक फ़ैसला नहीं लिया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में कहा है, 'जैसा कि आप जानते हैं, सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से अस्थायी अवकाश लेने के मेरे निर्णय के मद्देनज़र, मैं आपके प्रधान सलाहकार के रूप में ज़िम्मेदारियों को संभालने में सक्षम नहीं हूँ। चूँकि मुझे अभी तक अपने भविष्य के कार्य के बारे में निर्णय लेना है। मैं आपसे अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूँ कि कृपया मुझे इस ज़िम्मेदारी से मुक्त करें।'
प्रशांत किशोर का यह फ़ैसला ऐसे वक़्त में आया है जब चर्चा है कि उन्होंने कांग्रेस को मज़बूत करने के लिए 'प्लान' दिया है और उसे लेकर पार्टी के भीतर लगातार मंथन चल रहा है। यह चर्चा यूँ ही नहीं चल रही है। कुछ दिन पहले प्रशांत की सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाक़ात हुई थी। इसके तुरंत बाद पार्टी ने जिस तरह पंजाब, उत्तराखंड के सांगठनिक मसलों को सुलझाया, उससे यह संदेश गया है कि यह शायद प्रशांत किशोर से मुलाक़ात का ही असर है।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि जो 'प्लान' प्रशांत किशोर की ओर से कांग्रेस हाईकमान को दिया गया है, वह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को फिर से चुस्त-दुरुस्त करने का है। इस संबंध में ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से भी हाल ही में ख़बर दी थी। इसमें कहा गया था कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों के बीच इस 'प्लान' को लेकर बैठकों में लगातार चर्चा हो रही है। सीडब्ल्यूसी पार्टी में अहम फ़ैसले लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। रिपोर्ट के अनुसार, इन बैठकों के बारे में जानकारी रखने वाले एक नेता ने बताया कि प्रशांत किशोर कांग्रेस की चुनावी रणनीति बनाने, समन्वय, प्रबंधन और गठबंधन के काम में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं। एक अन्य नेता ने भी कुछ ऐसा ही कहा कि प्रशांत किशोर पार्टी में शामिल होना चाहते हैं और इस मामले में चर्चा जारी है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आगे बढ़कर काम कर रही हैं।
कई राजनीतिक दलों के लिए रणनीति बना चुके प्रशांत किशोर हाल ही में पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में अपने चुनावी प्रबंधन का लोहा मनवा चुके हैं।
कांग्रेस जिस तरह लगातार दो लोकसभा चुनाव हारी है और कई राज्यों में पस्त हुई है, ऐसे हालात में उसके लिए यह बेहद ज़रूरी है कि वह ऐसे किसी 'प्लान' पर गंभीरता से विचार करे।
रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस हाईकमान को जो 'प्लान' दिया है, उसके मुताबिक़, पार्टी में एक ताक़तवर समूह बनाया जाना चाहिए जो सारे फ़ैसले ले। इसके साथ ही पार्टी की राज्य और ज़िला इकाइयों को मज़बूत बनाने के लिए क़दम उठाए जाने चाहिए। पीके ने यह भी सुझाया है कि पार्टी को सीधे बूथ लेवल से प्रभावी चुनाव तंत्र खड़ा करना चाहिए।
अख़बार ने कहा है कि सीडब्ल्यूसी के सदस्य इस ‘प्लान’ पर चर्चा के लिए कई बार कांग्रेस के दिल्ली स्थित वॉर रूम में मिल चुके हैं और इनमें पार्टी के बड़े नेता जैसे- ग़ुलाम नबी आज़ाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, पी. चिदंबरम अधीर रंजन चौधरी, एआईसीसी महासचिव (प्रशासन) पवन कुमार बंसल, प्रियंका गांधी वाड्रा, आनंद शर्मा, हरीश रावत, अंबिका सोनी सहित कई बड़े नेता शामिल रहे हैं। हालाँकि इस मामले में अभी तक न तो कांग्रेस नेतृत्व और न ही प्रशांत किशोर ने औपचारिक तौर पर कहा है कि वह कांग्रेस में शामिल होंगे। पर पंजाब के मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार से इस्तीफ़ा देने का संदेश क्या है?