प्रकाश अंबेडकर ने सीट बँटवारे पर एमवीए को अल्टीमेटम एक दिन आगे बढ़ाया
महा विकास अघाड़ी गठबंधन ने अभी तक अपनी सीटों को लेकर स्थिति साफ़ नहीं की है और इसको लेकर गठबंधन से प्रकाश आंबेडकर की पार्टी के अलग होने की नौबत तक आ गई है। उन्होंने 26 मार्च तक सीट शेयरिंग तय करने का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन मंगलवार को वह समय पूरा होने पर उन्होंने इसके लिए एक दिन की और मोहलत दे दी है।
वंचित बहुजन अघाड़ी यानी वीबीए प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने मंगलवार को महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सीटों की उनकी मांगों पर निर्णय लेने के लिए एक और दिन का समय दिया। आंबेडकर ने दो दिन पहले ही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से संबंध तोड़ दिए थे और सीट-बंटवारे की बातचीत पूरी करने के लिए एमवीए को 26 मार्च का अल्टीमेटम जारी किया था।
प्रकाश आंबेडकर ने पहले महाराष्ट्र में कुल 48 में से अपनी पार्टी के लिए चुनाव लड़ने के लिए 16 सीटों की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस, शिव सेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के एमवीए गठबंधन ने उन्हें चार सीटों की पेशकश की थी। वीबीए प्रमुख ने एमवीए पर पलटवार करते हुए कहा कि वे चार सीटें अपने पास रख सकते हैं।
हालाँकि, वीबीए के प्रवक्ता फारूक अहमद ने कहा, 'हमने किसी सीट की मांग नहीं की है। हमने महा विकास अघाड़ी से आग्रह किया था कि वे हमें बताएं कि उन्होंने हमें कहां सीटें दीं। जब हम गठबंधन का हिस्सा नहीं थे, तो हमने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 26 सीटों पर चुनाव लड़ने पर ध्यान केंद्रित किया। जब हम गठबंधन में शामिल हुए तो हमने उन्हें 26 सीटों की सूची दी और उनसे यही से सीटें आवंटित करने का आग्रह किया। फिर उन्होंने हमें चार सीटों की पेशकश की जहाँ एमवीए के पास कोई ताकत नहीं थी। फिर हमने उन्हें 16 सीटों की एक सूची दी और उनसे कहा कि इसमें से हमें आवंटित करें। उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया है।'
वीबीए का तर्क यह है कि शिवसेना और एनसीपी में विभाजन के बाद पार्टियां काफी कमजोर हो गई हैं और गठबंधन के सभी घटक समान भागीदार हैं। बहरहाल, अब तक सीटों पर स्थिति साफ नहीं होने पर प्रकाश आंबेडकर ने दो दिन पहले एमवीए घटक कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (यूबीटी) पर उनकी पार्टी की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा है वे अपने खुद के राजनीतिक हितों को आगे बढ़ा रहे हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन तोड़ने को लेकर आंबेडकर ने रविवार को द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि यह निरर्थक है क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी अब एमवीए का हिस्सा है। उन्होंने कहा, 'एमवीए के किसी घटक के साथ व्यक्तिगत साझेदारी का कोई मतलब नहीं है। सभी निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाने चाहिए।' उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में भाजपा विरोधी, आरएसएस विरोधी मोर्चा बनाने की इच्छुक है।
आंबेडकर ने अंग्रेजी अख़बार से मंगलवार को कहा, 'हां, मैंने एमवीए को निर्णय लेने के लिए एक और दिन का समय दिया है। मैंने आज होने वाली अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस भी रद्द कर दी है।' वीबीए सूत्रों ने कहा कि अगर पार्टी को वे सीटें नहीं मिलती हैं जिन पर वह चुनाव लड़ना चाहती है, तो वह अकेले चुनाव लड़ेगी और कोल्हापुर जैसी कुछ सीटों पर एमवीए का समर्थन कर सकती है। वीबीए के एक नेता ने कहा, 'वीबीए प्रमुख पहले ही कोल्हापुर में कांग्रेस उम्मीदवार शाहू महाराज छत्रपति को समर्थन दे चुके हैं।'