लोकसभा चुनाव के चंद महीने पहले केंद्रीय मंत्री रामविलाल पासवान एक अजीब स्थिति मे फँसे दिखते हैं। उनकी बेटी ने ही उनके ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है और वह भी उनके राजनीतिक विरोधी के पक्ष में। आशा पासवान ने बिहार के पटना स्थित लोक जनशक्ति पार्टी के दफ़्तर के बाहर कई महिलाओं के साथ धरना दिया। उन्होंने माँग की कि पासवान राष्ट्रीय जनता दल की नेता राबड़ी देवी को अँगूठा छाप कह उनका अपमान किया है और वे इसके लिए उनसे माफ़ी माँगें। उन्होंने कहा, 'मेरे पिता को तमाम महिलाओं का सम्मान करना चाहिए।'
आशा रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी की बेटी हैं। उनके पति अनिल साधु राष्ट्रीय जनता दल के नेता हैं और राजद के बड़े नेता तेजस्वी यादव के नज़दीक समझे जाते हैं। आशा पासवान का यह धरना प्रदर्शन इसलिए अहम है कि कुछ महीने बाद ही राज्य में चुनाव हैं। पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी बीजेपी के साथ मिल कर बिहार मे लोकसभा चुनाव लड़ेगी। पर्यवेक्षकों का कहना है कि आशा की रणनीति अपने पति अनिल साधु को राजद से टिकट या संगठन में कोई अहम भूमिका दिलवाने की है। वे इसे ध्यान में रख कर राजद नेतृत्व को खुश करना चाहती हैं। अनिल साधु और आशा पहले भी अपने पिता का विरोध करने के लिए विवाद में रह चुकी हैं।