गाँधी परिवार के ट्रस्ट की जाँच पर राहुल ने कहा- सच को डराया नहीं जा सकता

06:17 pm Jul 08, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

गाँधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्‍टों की जाँच के लिए गृह मंत्रालय द्वारा समिति बनाए जाने के बाद राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि जो सच के लिए लड़ते हैं उनको डराया नहीं जा सकता है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बयान में कहा है कि उसका नेतृत्व 'घबराई हुई सरकार' के 'कायरतापूर्ण कृत्य' से नहीं डरेगा।

चीन सहित विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस द्वारा सरकार को घेर जाने और राहुल गाँधी द्वारा प्रधानमंत्री पर लगातार निशाना साधे जाने के बीच यह ख़बर आई है कि राजीव गाँधी फ़ाउंडेशन यानी आरजीएफ़ और गाँधी परिवार से जुड़े दो अन्य ट्रस्ट को हुई फ़ंडिंग की जाँच में सहायता के लिए गृह मंत्रालय ने एक कमेटी बनाई है।

केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि यह कमेटी आरजीएफ़ के अलावा राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा भी प्रीवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), इनकम टैक्स एक्ट और फॉरेन कांट्रीब्यूशन रेग्युलेशन एक्ट (एफ़सीआरए) के कथित रूप से कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन के आरोपों की जाँच करेगी।

इसी ख़बर के बाद कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने ट्वीट किया, 'मोदी जी को लगता है कि दुनिया उनके जैसी है, उन्हें लगता है कि हर किसी की कोई क़ीमत है या उसे डराया जा सकता है। वह कभी नहीं समझेंगे कि जो सच के लिए लड़ते हैं, उन्हें ख़रीदा और डराया नहीं जा सकता।'

इस मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और उसका नेतृत्व सरकार की धमकाने वाली कोशिशों से डरने वाला नहीं है। उन्होंने बयान में कहा है कि भारत के सुरक्षा हितों और प्रादेशिक अखंडता से समझौता, कोविड-19 संकट को संभालने में विफलता, आर्थिक मंदी से निपटने में विफलता के बीच हताश मोदी-शाह सरकार राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल की जाँच का आदेश देकर बदले की कार्रवाई कर रही है।

गृह मंत्रालय ने बुधवार को अंतर-मंत्रालय समिति बनाकर गाँधी परिवार के तीन ट्रस्टों द्वारा आयकर और विदेशी दान नियमों के कथित उल्लंघन की जांच करने की बात कही है। 

बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के कई अन्य नेताओं ने आरोप लगाया था कि चीनी दूतावास ने आरजीएफ़ को 2005-2009 के दौरान चंदा दिया था। आरजीएफ़ की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं और इसके बोर्ड में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी हैं। 

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि राजीव गाँधी फ़ाउंडेशन को चीनी दूतावास से 2005-09 के बीच हर साल और लक्ज़मबर्ग के 'टैक्स हैवन' से दान मिलता था और 2006-09 के बीच यह पूरी तरह हवाला के लेनदेन का पैसा था। नड्डा ने आरोप लगाया था कि मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से राजीव गांधी फ़ाउंडेशन को पैसा दिया गया। लेकिन कांग्रेस ने इन आरोपों को निराधार बताया था और कहा था कि यह पैसा जनकल्याण के कामों मे इस्तेमाल किया गया था। 

तब पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि चीनी दूतावास से मिले 1.45 करोड़ रुपये को राजीव गाँधी फ़ाउंडेशन द्वारा दिव्यांगों के कल्याण और भारत-चीन संबंधों पर शोध के लिए ख़र्च किया गया था। कांग्रेस ने यह भी कहा था कि बीजेपी ये मुद्दा इसलिए उठा रही है क्योंकि वह असली मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है।