प्रधानमंत्री मोदी ने जिस '56 इंच का सीना' की छवि को गढ़ा क्या चीन उसी छवि से भारत को मात दे रहा है क्या प्रधानमंत्री की यही '56 इंची' छवि भारत की सबसे बड़ी कमज़ोरी बन गई है कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कुछ ऐसे ही आरोप लगाए हैं। आरोप क्या लगाये हैं, इसे दूसरे तरीक़े से कहें तो वीडियो में विश्लेषण करके समझाया है कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी की इस छवि को आधार बनाकर चीन भारत की ज़मीन पर क़ब्ज़ा किए बैठा है।
राहुल गाँधी ने वीडियो को ट्वीट किया है और उसके साथ लिखा है, 'पीएम ने सत्ता में आने के लिए एक नकली मज़बूत छवि गढ़ी। यह उनकी सबसे बड़ी ताक़त थी। यह अब भारत की सबसे बड़ी कमज़ोरी है।'
दरअसल, राहुल का यह ट्वीट और वीडियो लद्दाख में चीनी घुसपैठ को लेकर है। वही लद्दाख जहाँ 15 जून की ख़ूनी झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और उसके बाद से चीन के साथ तनाव है। हालाँकि कई दौर की वार्ता के बाद चीन और भारत दोनों देशों की सेनाएँ पीछे हटी हैं, लेकिन कई मीडियो रिपोर्टों और सैटेलाइट इमेज में यह खुलासा हुआ है कि चीन अभी भी भारतीय ज़मीन पर बना हुआ है। इसी बात को लेकर राहुल गाँधी लगातार हमलावर रहे हैं। हालाँकि मोदी सरकार ताज़ा चीन विवाद शुरू होने के बाद से ही कहती रही है कि भारत की ज़मीन पर किसी ने क़ब्ज़ा नहीं किया है। तब हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, 'लद्दाख में भारत की सीमा में न तो कोई घुसा हुआ है और न ही हमारी कोई चौकी किसी दूसरे के क़ब्ज़े में है।'
सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के ऐसे ही बयानों को लेकर राहुल ने यह वीडियो जारी किया है। इसमें राहुल कहते हैं, 'यह साधारण सीमा विवाद भर नहीं है। यह एक सुनियोजित सीमा विवाद है जो भारतीय प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए और चीनी ख़ास तरीक़े से दबाव डालने के बारे में सोच रहे हैं। और इसके लिए जो वे कर रहे हैं वह है उनकी (मोदी) छवि पर हमला करना।'
वीडियो में राहुल आगे कहते हैं, 'वह (चीन) जानता है कि नरेंद्र मोदी के लिए प्रभावी राजनीतिज्ञ रहना मजबूरी है। एक राजनीतिज्ञ के रूप में बने रहने के लिए उन्हें अपनी 56 इंची छवि की रक्षा करनी होगी। और यही वह असली विचार है जिस पर चीन वार कर रहा है। वह मुख्य रूप से नरेंद्र मोदी को कह रहा है कि यदि आप वह नहीं करेंगे जो चीन चाहता है, तो वह नरेंद्र मोदी की मज़बूत नेता वाली छवि को ध्वस्त कर देगा।'
इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल वीडियो में कई सवाल उठाते हैं। वह पूछते हैं, 'अब प्रश्न उठता है कि नरेंद्र मोदी क्या प्रतिक्रिया देंगे क्या वह उसका (चीन का) सामना करेंगे क्या वह चुनौती स्वीकार करेंगे और कहेंगे, बिल्कुल नहीं, मैं भारत का प्रधानमंत्री हूँ, मैं अपनी छवि की चिंता नहीं करता, मैं तुम्हारा सामना करूँगा। या वो उनके सामने हथियार डाल देंगे'
राहुल ने इस वीडियो का टाइटल दिया है- चीन की रणनीति उजागर। वीडियो शुरू होते ही एक सवाल आता है- चीन की सामरिक रणनीति क्या है फिर राहुल गाँधी इस सवाल का जवाब देते हैं।
2 मिनट 39 सेकंड के इस वीडियो में राहुल अंग्रेज़ी में समझाते हैं और कहते हैं कि चीन बगैर रणनीतिक सोच के कोई क़दम नहीं उठाता है। वह कहते हैं, 'उसके दिमाग़ में संसार का नक्शा खींचा हुआ है और वो अपने हिसाब से उसे आकार दे रहा है। जो वह कर रहा है वो उसका पैमाना है। उसी के तहत ग्वादर है। उसी में बेल्ट एंड रोड आता है। यह दरअसल इस संसार की पुनर्रचना है। इसलिए जब आप चीनियों के बारे में सोचें, आपको यह सोचना होगा कि वे किस स्तर पर सोच रहे हैं। अब आप सामरिक स्तर पर देखें। वे अपनी स्थिति मज़बूत कर रहे हैं। चाहे वह गलवान हो, डेमचोक हो या पैंगोंग झील हो। उनका साफ़ इरादा है- मज़बूत स्थिति में जाना। हमारे हाइवे से वो परेशान हैं। वो हमारा हाइवे बर्बाद करना चाहते हैं। और अगर वो कुछ बड़ा सोच रहे हैं, वो कुछ करना चाहते हैं पाकिस्तान के साथ कश्मीर में।' यहीं पर राहुल कहते हैं कि यह साधारण सीमा विवाद भर नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री की छवि को लेकर चीन की एक योजना है।
इसके बाद राहुल कहते हैं कि जो चिंता मेरी अब तक रही है कि प्रधानमंत्री दबाव में आ गए हैं। वह कहते हैं, 'मुझे जो चिंता है, चीनी हमारे इलाक़े में आज बैठे हैं और प्रधानमंत्री खुलेआम कह रहे हैं कि वे नहीं बैठे हैं। इससे मुझे साफ़ पता चलता है कि वह अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं और उनका छवि बचाने पर ध्यान है। और यदि वह चीनियों को यह समझने का मौक़ा देते हैं कि छवि की चिंता में उन्हें चंगुल में लिया जा सकता है तो भारतीय प्रधानमंत्री इस देश के लिए किसी काम के नहीं रहेंगे।'
बता दें कि हाल ही में राहुल ने एक ट्वीट कर कहा था कि ऐसा क्या हुआ कि मोदी जी के रहते भारत माता की पवित्र ज़मीन को चीन ने छीन लिया इससे पहले राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा था कि ‘वह चीन के मुद्दे पर अभी भी झूठ बोल रहे हैं और देश को धोखा दे रहे हैं।’ उन्होंने इसके आगे कहा था कि हमें अपने स्टैंड पर अडिग रहना होगा, राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी सीमाएँ कमज़ोर न हों।