संसद 5वां दिनः संभल हिंसा और अडानी पर चर्चा न होने पर फिर हंगामा, संसद स्थगित
लोकसभा और राज्यसभा को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया, एक और दिन जहां कोई बड़ा कामकाज नहीं हुआ क्योंकि विपक्षी सांसद संभल हिंसा और अमेरिका द्वारा गौतम अडानी को दोषी ठहराए जाने पर बहस की मांग करते रहे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर के सोमवार को भारत-चीन सीमा समझौते पर लोकसभा में बयान देने की उम्मीद थी। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद न चलने देने की परवाह किए बिना सोमवार शाम 4 बजे फिल्म द साबरमती रिपोर्ट देखने वाले हैं। इस फिल्म को भाजपा, आरएसएस और उसके नेता बहुत प्रमोट कर रहे हैं।
इंडिया में फूट पड़ी, तृणूल का रुख अलग क्यों
संसद में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का रुख अडानी घूसकांड पर एकदम अलग है। टीएमसी के अलग रुख को इंडिया गठबंधन में फूट पड़ने को लेकर प्रचारित किया जा रहा है। टीएमसी सोमवार को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक में शामिल नहीं हुई। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि "वह संसद में छह प्रमुख मुद्दे उठाना चाहती है, जिनमें मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, धन की कमी और मणिपुर अशांति शामिल हैं। लेकिन कांग्रेस केवल अडानी मुद्दे पर दबाव बनाना चाहती है। इसलिए, तृणमूल सोमवार को इंडिया फ्लोर लीडर्स की बैठक में शामिल नहीं हुई है।" तृणमूल सूत्र ने यह भी कहा कि यह इंडिया गठबंधन में एकमात्र पार्टी है जो कांग्रेस की चुनावी भागीदार नहीं है। इसलिए पार्टी में यह भावना है कि जब हमारे शीर्ष बिंदु एजेंडे में नहीं हैं तो हम इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं हैं।" टीएमसी ने संसद के चौथे दिन भी यही रुख अपनाया था।इससे पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जबकि शीतकालीन सत्र में एनडीए सरकार का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा करने के लिए इंडिया गठबंधन के सांसदों ने भी उसी समय मुलाकात की।
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने संभल हिंसा और अजमेर शरीफ दरगाह याचिका के मुद्दे पर राज्यसभा में बिजनेस सस्पेंशन नोटिस दिया था। कांग्रेस सांसद डॉ. अमर सिंह ने पंजाब में धान खरीद के मुद्दे पर राज्यसभा में ध्यानाकर्षण नोटिस दिया था। इसी तरह डीएमके सांसद टीआर बालू ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के विल्लुपुरम, कुडालोर, चेंगलपट्टू जिलों में अभूतपूर्व बारिश और भारी बाढ़ के कारण खड़ी फसलों और संपत्तियों को हुए नुकसान पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। डीएमके सांसद टी शिवा ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा में कामकाज के निलंबन का नोटिस दिया था, जो पिछले साल 3 मई से मैतेई और कुकी के बीच जातीय हिंसा से प्रभावित है।
संसद के शीतकालीन सत्र को चलते हुए पांच दिन हो चुके हैं लेकिन इन पांच दिनों में कोई काम नहीं हुआ है। विपक्षी सांसद रोजाना संभल हिंसा, अडानी घूसकांड और अन्य विषयों को लेकर नोटिस दे रही है। लेकिन लोकसभा में स्पीकर और राज्यसभा में उपसभापति जगदीप धनखड़ चर्चा होने ही नहीं देते। विपक्ष के नोटिसों को चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती है।