राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने बीजेपी और गृह मंत्री अमित शाह को करारा जवाब दिया है। दरअसल, आज शाम को अमित शाह ने कुछ जाट नेताओं से मुलाकात के दौरान कहा कि जयंत चौधरी के लिए बीजेपी के दरवाजे हमेशा खुले हैं।
जयंत चौधरी ने उसका जवाब देते हुए कहा है कि न्यौता मुझे नहीं, उन +700 किसान परिवारों को दो, जिनके घर आपने उजाड़ दिए हैं।
जयंत चौधरी के इस जवाब के निहितार्थ बहुत साफ हैं। बीजेपी किसी भी कीमत पर अखिलेश और जयंत की पार्टियों के गठबंधन को तोड़ना चाहती है। जाट नेताओं से उसकी मुलाकात आज अंतिम कोशिश थी। बीजेपी ने पहले तो धमकी वाले अंदाज में जयंत चौधरी को संकेत दिया। जयंत के करीबी कारोबारियों के छापे डलवाए गए। लेकिन आरएलडी चीफ ने झुकने से मना कर दिया।
इस घटनाक्रम के बाद यूपी बीजेपी के सीनियर नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने अपने ट्वीट के जरिए भी भ्रम फैलाने की कोशिश की। वाजपेयी ने नौ दिनों पहले सोशल मीडिया पर लिखा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक बड़ा नेता जल्द ही बीजेपी में आएगा। इसके बाद मीडिया के एक वर्ग ने कयासबाजी की अखिलेश और जयंत के रिश्तों में खटास, टिकटों पर झगड़ा और जयंत शीघ्र ही बीजेपी में जाएंगे। जयंत ने उस समय भी खंडन किया था।
बीजेपी ने जब यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए अपनी पहली सूची जारी की तो मीडिया के एक वर्ग के जरिए खबरें चलवाई गईं कि बीजेपी ने पश्चिमी यूपी में अभी कुछ टिकटों को घोषित नहीं किया है और गुंजाइश रखी हुई है। उसे एक पार्टनर का इंतजार है, जिसे इसमें से कुछ टिकटें दी जाएंगी। लेकिन बीजेपी का यह वार भी खाली चला गया। जयंत की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।
बीजेपी ने पश्चिमी यूपी के जाट नेताओं की बैठक बुलाकर आज अपना अंतिम हथियार भी चला दिया। हालांकि इससे पहले उसने राकेश टिकैत के पास मंत्री संजीव बालियान के जरिए संदेश भिजवाया लेकिन राकेश टिकैत भी जयंत के झांसे नहीं फंसे। जाट नेताओं के साथ अमित शाह की बैठक में बीजेपी ने राकेश टिकैत के भाई और गठवाला जाट खाप के नेताओं को लाने की कोशिश की थी, लेकिन इसमें उसे पूरी तरह नाकामी मिली।