हरियाणाः चुनाव से पहले कांग्रेस में घमासानः शैलजा कल से अलग यात्रा निकालेंगी

02:38 pm Jul 26, 2024 | सत्य ब्यूरो

हरियाणा कांग्रेस के नेताओं में तलवारें खिंच गई हैं। लोकसभा चुनाव हरियाणा में ठीकठाक प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस की यह गुटबंदी विधानसभा चुनाव से पहले सामने आई है। सिरसा की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने 27 जुलाई को अंबाला से "कांग्रेस संदेश यात्रा" शुरू करने की घोषणा की है जो अक्टूबर में विधानसभा चुनाव से पहले शहरी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी।

शैलजा गुट ने स्पष्ट किया है कि यह यात्रा राज्य में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदय भान द्वारा निकाली जा रही "हरियाणा मांगे हिसाब" यात्रा का हिस्सा नहीं है। हालांकि एक इंटरव्यू में हुड्डा ने जिक्र किया था कि शैलजा भी अपना कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं जो हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा का ही हिस्सा है।

कुमारी शैलजा ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर अपनी यात्रा का पोस्टर शेयर किया, जिसमें भूपेंद्र हुड्डा, राज्य कांग्रेस प्रमुख उदयभान और यहां तक ​​कि पार्टी के राज्य प्रभारी दीपक बाबरिया की कोई तस्वीर नहीं है। शैलजा के करीबी सहयोगी डॉ. अजय चौधरी ने कहा कि यात्रा शहरी क्षेत्रों पर केंद्रित होगी। 

शैलजा ने यह पोस्टर सोशल मीडिया पर जारी किया

शैलजा के आधिकारिक पोस्टर में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला की तस्वीरें हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य डॉ अजय चौधरी ने कहा कि शैलजा राज्य के लगभग सभी शहरी इलाकों तक पहुंचेंगी। उन्होंने कहा, “वह राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी का संदेश देंगी।” यात्रा के तहत 28 जुलाई को हिसार जिले के बरवाला कस्बे में एक सार्वजनिक सभा होगी।

यहां यह बताना जरूरी है कि हाल ही में भाजपा में शामिल हुई पूर्व कांग्रेस नेता किरण चौधरी के साथ शैलजा ने लोकसभा चुनाव से पहले हिसार से जन संदेश यात्रा भी निकाली थी। शैलजा ने रोहतक और सोनीपत को छोड़कर लगभग 6-7 लोकसभा क्षेत्रों को कवर किया। हालाँकि, बेटी श्रुति चौधरी को लोकसभा टिकट नहीं दिए जाने के बाद किरण चौधरी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं। शैलजा की उस यात्रा में रणदीप सुरजेवाला भी साथ थे।

हालांकि शैलजा लोकसभा चुनाव लड़ने की बहुत इच्छुक नहीं थीं, लेकिन उन्होंने सिरसा लोकसभा से चुनाव लड़ने के पार्टी के फैसले का पालन किया और लगभग 2.68 लाख वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की। हालांकि सूत्रों का कहना है कि हुड्डा की ओर से पहल की गई थी कि शैलजा को लोकसभा चुनाव लड़ाकर किनारे कर दिया जाए। उन्हें उम्मीद यह रही होगी कि शैलजा लोकसभा हार जाएंगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कांग्रेस ने हरियाणा लोकसभा की 10 सीटों में से 5 सीटें जीतीं और इसका श्रेय हुड्डा को मिला।

उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि यात्रा की योजना बनाकर उन्होंने संकेत दिया है कि वह राज्य की राजनीति में सक्रिय रहेंगी। उन्होंने हाल ही में अपनी जीत के बाद उकलाना (हिसार जिला) में एक धन्यवाद रैली आयोजित की थी। हालांकि उकलाना सिरसा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा नहीं है। इसी तरह उन्होंने लोकसभा में फरीदाबाद और गुड़गांव में गंदगी, पेयजल आदि समस्याएं प्रमुखता से उठाई हैं।