केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को आश्वासन दिया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ आरोपों को वह देखेंगे। केजरीवाल पर आरोप लगा है कि खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस यानी एसएफजे के साथ उनके कथित तौर पर संबंध हैं। अमित शाह ने कहा है कि वह इन आरोपों को 'व्यक्तिगत रूप से' देखेंगे।
चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में आप और खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस के बीच कथित संबंधों की जांच की मांग की थी।
एसएफजे के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नून के एक कथित पत्र का हवाला देते हुए चन्नी ने लिखा था, 'पत्र पंजाबी भाषा में है और इस पत्र की सामग्री से पता चलता है कि सिख फॉर जस्टिस, जो एक प्रतिबंधित संगठन है, लगातार आम आदमी के संपर्क में है।'
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार चन्नी ने आगे लिखा था, 'पत्र में उल्लेख किया गया है कि एसएफजे ने 2017 में राज्य विधानसभा के चुनाव में आप को समर्थन दिया है और इसी तरह इन चुनावों में भी एसएफजे ने मतदाताओं से आम आदमी पार्टी को वोट देने का आह्वान किया है।'
चन्नी ने यह भी कहा है कि यह एक 'बहुत गंभीर मुद्दा' है और इसकी गहन जांच की ज़रूरत है। अपने पत्र में चरणजीत सिंह चन्नी ने आप के पूर्व नेता कुमार विश्वास द्वारा अरविंद केजरीवाल पर लगाए गए आरोपों का भी ज़िक्र किया।
चन्नी को शुक्रवार को लिखे एक जवाबी पत्र में अमित शाह ने लिखा,
“
आपके पत्र के अनुसार, एक राजनीतिक पार्टी का देश विरोधी, अलगाववादी और प्रतिबंधित संगठन के संपर्क में होना और चुनाव में सहयोग प्राप्त करना देश की एकता एवं अखंडता के दृष्टिकोण से अत्यंत गंभीर है।
अमित शाह, चन्नी के ख़त की प्रतिक्रिया में
गृह मंत्री ने आगे कहा है, 'इस प्रकार के तत्वों का एजेंडा देश के दुश्मनों के एजेंडे से अलग नहीं है। यह अत्यंत निंदनीय है कि कुछ लोग सत्ता हासिल करने के लिए अलगाववादियों के साथ मिलकर पंजाब और देश की एकता को तोड़ने की सीमा तक जा सकते हैं।'
अमित शाह आगे कहते हैं, 'मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि किसी को भी देश की एकता को भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। भारत सरकार ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया है और मैं स्वयं व्यक्तिगत रूप से इस मामले को गहराई से दिखवाऊँगा।'
बता दें कि अरविंद केजरीवाल का यह मामला तब सुर्खियों में आया जब उनके साथी रहे कुमार विश्वास ने कई आरोप लगाए। कुमार विश्वास ने एएनआई से बातचीत में कहा था कि उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल से कहा था कि वह चुनाव में अलगाववादी और खालिस्तानी संगठनों से जुड़े लोगों का समर्थन ना लें।