दिल्ली चुनाव में बीजेपी 'शीशमहल' को बड़ा मुद्दा बनाने का मंसूबा पाले हुए थी, लेकिन आप ने 'राजमहल' का मुद्दा ला खड़ा कर दिया है। इसको लेकर आप के वरिष्ठ नेता व सांसद संजय सिंह और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को बवाल खड़ा कर दिया। बीजेपी द्वारा सीएम आवास के रिनोवेशन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के ख़िलाफ़ दोनों नेता 'सच दिखाने के लिए' बुधवार को सीएम हाउस और पीएम हाउस तक गए लेकिन दोनों जगहों पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास के बाहर आज उस समय नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिले, जब आप के नेता भाजपा के 'शीशमहल' आरोपों पर सीएम आवास के अंदर का वीडियो दिखाने जा रहे थे। बीजेपी ने आप नेता अरविंद केजरीवाल पर 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले के आलीशान नवीनीकरण पर जनता का पैसा खर्च करने का आरोप लगाया है। पलटवार करते हुए आप ने मंगलवार को कहा था कि उसके नेता मीडिया के साथ सिविल लाइंस स्थित बंगले का दौरा करेंगे और फिर 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आवास पर जाकर वहां हुए नवीनीकरण को दिखाएंगे।
जब संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज मीडियाकर्मियों के साथ बंगले पर पहुंचे, तो पुलिस ने कानून-व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया। इस पर आप ने कहा है, 'बीजेपी की गंदी राजनीति फिर सामने आई! बीजेपी पिछले काफ़ी समय से अफवाह फैला रही थी कि सीएम आवास में स्वीमिंग पूल और मिनी बार बना हुआ है। आज जब संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज मीडिया के साथ स्वीमिंग पूल और मिनी बार खोजने गए तो बीजेपी की पुलिस और अधिकारी उन्हें सीएम आवास में नहीं जाने दे रहे।'
संजय सिंह ने कहा है, "आज बीजेपी ने हमें रोककर साबित कर दिया है कि प्रधानमंत्री आवास में 12-12 करोड़ की गाड़ियाँ, 5,000 सूट, 200 करोड़ के झूमर, लाखों के पेन और करोड़ों की कालीनें हैं।'
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'भाजपा अपने ही जाल में फँसी। मोदी के राजमहल को छुपाने के लिए भाजपा ने भारी पुलिस बल भेजा। देश को दिखाओ- 2700 करोड़ का घर, 5 हज़ार शूट, 6700 जोड़ी जूते, 200 करोड़ की झूमर, 300 करोड़ की क़ालीन, 10-10 लाख के पेन, 8400 करोड़ का जहाज़।' इसको रिपोस्ट करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा है, "मैंने सुना है 'राजमहल' में एक सिंहासन भी है जिसकी क़ीमत 150 करोड़ से ज़्यादा है।"
संजय सिंह एक वरिष्ठ अधिकारी से यह कहते सुने गए कि पुलिस उन्हें क्यों रोक रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें रोकना एक सांसद और कैबिनेट मंत्री के विशेषाधिकार का हनन है। उन्होंने कहा कि 'हमें अंदर क्यों नहीं जाने दिया जा सकता? भाजपा गलत सूचना फैला रही है कि वहां एक सोने का शौचालय, स्वीमिंग पूल, मिनी बार है, इसलिए हमें और उन्हें (मीडिया को) दिखाओ।' उन्होंने आगे कहा कि 'सिर्फ दो लोगों के लिए उन्होंने पानी की बौछारें और इतने सारे पुलिसकर्मी लगा दिए हैं। क्या हम आतंकवादी हैं? वे हमें क्यों रोक रहे हैं? इसका मतलब है कि भाजपा झूठ बोल रही है। हम यहां 10 मिनट तक इंतजार करेंगे, अगर भाजपा सच बोल रही है तो उन्हें मुख्यमंत्री आवास का दरवाजा खोलकर हमें अंदर जाने देना चाहिए।' बाद में आप नेता प्रधानमंत्री आवास की ओर बढ़े, लेकिन वहाँ भी उन्हें रोक दिया गया।
बीजेपी लगातार 'शीशमहल' मुद्दे को उछालती रही है। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ दिन पहले ही इसको लेकर केजरीवाल पर हमला किया था।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि वे झूठा आरोप लगाते हैं कि केंद्र सरकार उन्हें पैसे नहीं देती और काम नहीं करने देती। उन्होंने कहा, "उनका शीशमहल उनके झूठ को उजागर करता है। एक प्रमुख अखबार ने सीएजी की रिपोर्ट के आधार पर ‘शीशमहल’ पर हुए खर्च का खुलासा किया है।' प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि जब दिल्ली कोविड-19 से जूझ रही थी, तब उनका पूरा ध्यान ‘शीशमहल’ बनाने पर था।
वैसे, कोविड काल में ही प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा का काम शुरू हुआ था, जिसके अंतर्गत ही पीएम का आवास भी शामिल है। तब मोदी सरकार पर भी लगातार सवाल उठे थे कि जब कोविड काल में लोगों को मदद की ज़रूरत थी तो प्रधानमंत्री मोदी ने हज़ारों करोड़ रुपये की परियोजना क्यों शुरू की, जबकि नये संसद भवन से लेकर पीएम आवास और पीएमओ की अभी वैसी कोई ज़रूरत नहीं है।
अब दिल्ली में चुनाव की घोषणा होते ही माना जा रहा है कि बीजेपी 'शीशमहल' को प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में जा रही है, लेकिन आप ने अब पीएम आवास को 'राजमहल' बताते हुए मुद्दे को लपक लिया है और वह बेहद आक्रामक है।
वैसे, दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप, बीजेपी और कांग्रेस तीनों दलों की साख दाँव पर लगी है। आप पिछले दो चुनावों से रिकॉर्ड सीटें जीत रही है, बीजेपी लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद दशकों से सत्ता से दूर है और कांग्रेस अपनी खोयी ज़मीन पाने के लिए संघर्ष कर रही है। तीनों ही दलों के लिए साख इतनी ज़्यादा दाँव पर है कि इसको उनके लिए 'करो या मरो' जैसी स्थिति कहा जा सकता है।
2013 में सत्ता में आने के बाद आप ने कभी खुद को बदलाव का वाहक बताया था, लेकिन अब भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही है। केजरीवाल ने खुद को ईडी द्वारा पहले गिरफ्तार किए जाने के बाद लगभग छह महीने जेल में बिताए और बाद में कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में उनकी भूमिका के लिए सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया। पिछले साल सितंबर में उन्हें जमानत मिली। केजरीवाल के सहयोगी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी आबकारी नीति मामले में 17 महीने से अधिक समय जेल में बिताया। एक अन्य पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया गया और वे जमानत पर बाहर हैं।
भाजपा ने अपना पूरा ध्यान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आप पर हमला करने और सीएम आवास के जीर्णोद्धार “शीशमहल” को लेकर केजरीवाल को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाने पर केंद्रित कर दिया है। आप पहली बार भ्रष्टाचार के मोर्चे पर आलोचनाओं का सामना कर रही है।
पंजाब को छोड़कर, दिल्ली उत्तर भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पिछले दो दशकों में भाजपा ने सत्ता का स्वाद नहीं चखा है। लेकिन, पिछले तीन दशकों में भाजपा के वोट शेयर पर एक नज़र डालने से पता चलता है कि पार्टी ने अपना एक बड़ा जनाधार बनाए रखने में कामयाबी हासिल की है।
1998 से दिल्ली में सत्ता से बाहर होने के बावजूद, भाजपा छह विधानसभा चुनावों में कभी भी 32% के वोट शेयर से नीचे नहीं गिरी।