भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी फिर विवादों में हैं। वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सिंह के खिलाफ अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी को कालकाजी विधानसभा से बतौर प्रत्याशी हटाने पर पार्टी विचार कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि रविवार से लेकर अब तक कम से कम दो संगठनात्मक बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें पार्टी के विवादित गुर्जर नेता का टिकट रद्द करने या कहीं और से उतारने पर विचार किया गया। बिधूड़ी दो बार के लोकसभा सांसद और तीन बार विधायक रह चुके हैं।
एक बीजेपी नेता ने बताया- “उन्हें कालकाजी से मैदान में उतारने के फैसले को लेकर पहले से ही भौंहें चढ़ी हुई थीं, जहां तुगलकाबाद जैसे निर्वाचन क्षेत्रों की तुलना में अपेक्षाकृत मामूली ग्रामीण आबादी है। उनका अपना गांव तुगलकाबाद में आता है और गूर्जर समुदाय की भरमार है। जबकि कालकाजी में उच्च मध्यम वर्ग और पंजाबी मतदाता अधिक हैं। उनके एक के बाद एक बयानों को यह वर्ग अच्छी नजर से नहीं देख रहा है। पार्टी को फील्ड से यही फीडबैक मिला है।'' पार्टी कालकाजी से किसी महिला को खड़ा कर सकती है। आम आदमी पार्टी ने सीएम आतिशी सिंह और कांग्रेस ने अलका लांबा को उतारा है।
सूत्रों ने कहा कि इस बात को आगे बढ़ाने के लिए कई "संभावित महिला उम्मीदवारों" पर चर्चा हुई लेकिन ये बातचीत फिलहाल "सिर्फ शुरुआती स्तर पर" है। एक अन्य नेता ने कहा, ''आप ने न केवल कालकाजी में बल्कि पूरे शहर में अपने फायदे के लिए नैरेटिव को बदल दिया है। आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बताते हुए रो पड़ीं कि उनके बुजुर्ग पिता को भी इस विवाद में घसीटा जा रहा है जो ठीक से चल भी नहीं पाते। कालकाजी के मतदाताओं में इसका व्यापक असर बीजेपी महसूस कर रही है।'' हालाँकि, मात्र इसी आधार पर टिकट बदला जाएगा, यह कहना मुश्किल भी है।
- बीजेपी सूत्रों ने बताया कि पार्टी कालकाजी से नई दिल्ली की पूर्व सांसद मीनाक्षी लेखी, राज्य इकाई की उपाध्यक्ष योगिता सिंह या मनप्रीत कौर को उतार सकती है।
रमेश बिधूड़ी करीब दो साल से विवादों में चल रहे हैं। पिछली लोकसभा में एक सत्र के दौरान उन्होंने पूर्व बसपा सांसद और अब कांग्रेस नेता दानिश अली के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया था। दानिश अली को संसद में धमकी देने और उनके समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा बोलने पर पूरे देश में कड़ी प्रतिक्रिया हुई थी।
सितंबर 2023 में नए संसद भवन के विशेष सत्र के समापन के दौरान चंद्रयान -3 पर एक बहस के दौरान बिधूड़ी की विवादित टिप्पणी आई थी। समझा जाता है कि बीजेपी ने इसी वजह से उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दी और उनके मंत्री बनने का भी चांस चला गया।
अब दिल्ली में हो रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें कालकाजी से टिकट देने का जोखिम लिया। लेकिन बिधूड़ी अपने पुराने ढर्रे पर वापस आ गये। 5 फरवरी को उनके टिकट का ऐलान हुआ और एक दिन बाद, आतिशी और कांग्रेस की वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के बारे में उनकी अभद्र टिप्पणियां सामने आईं। इसके बाद पार्टी ने उन्हें हटाने या बदलने पर विचार शुरू किया।
सबसे पहले कालकाजी में सड़कों की हालत पर बात करते हुए बिधूड़ी ने कहा कि 'जिस तरह हमने ओखला और संगम विहार में सड़कें सुधारीं, उसी तरह कालकाजी में भी हम सभी सड़कें प्रियंका गांधी के गालों जितनी चिकनी बना देंगे।' इसके बाद उन्होंने आतिशी पर अपना सरनेम मार्लेना हटाकर उसकी जगह सिंह लगाने को लेकर निशाना साधा। बिधूड़ी ने कहा- “मार्लेना सिंह बन गई है… उन्होंने अपने पिता को बदल दिया है। वह पहले मार्लेना थीं, लेकिन अब सिंह बन गई हैं।'' बता दें कि आतिशी ने 2018 में अपना उपनाम हटा दिया था। उनके पिता दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक विजय सिंह हैं।
इन दोनों बयानों की पूरे विपक्ष ने निन्दा की। आप ने न सिर्फ आतिशी वाले बयान बल्कि प्रियंका गांधी के खिलाफ बोले गये बिधूड़ी के शब्दों पर भी आपत्ति जताई। बीजेपी बचाव में आ गई। उसने इधर-उधर की बात कर बिधूड़ी के विवादित बयानों से ध्यान हटाना चाहा लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद बिधूड़ी ने भी एक्स पर खेद जता दिया। उन्होंने कहा कि उनके बयानों का गलत मतलब निकाला गया और लोग राजनीति कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी को मालूम है कि बिधूड़ी के बयानों पर कालकाजी के मतदाताओं का ध्यान गया है।