राजस्थान में सरकार बदलते ही फ़ेक न्यूज़ पर पुलिस सक्रिय
राजस्थान में सरकार बदलते ही फ़ेक न्यूज़ पर पुलिस अलर्ट हो गई है। पुलिस ने साफ़ तौर पर कहा है कि इससे धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की गई। पुलिस ने ट्विटर पर फ़ेक न्यूज़ के ख़िलाफ़ मुहिम शुरू कर दी है। हालाँकि, अभी कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन सख़्त चेतावनी दी गई है। ताज़ा मामला एक विडियो का है जिसमें @Ashok6510 नाम के एक ट्विटरबाज़ ने एक पुराने और किसी अन्य जगह के विडियो को लेकर उसे उटाम्बर का बताया था। पुलिस ने कहा है कि पुराने विडियो को वायरल कराकर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की जा रही थी।
हम fake news/hate speech के बारे में आम जन को जागरूक करने में तत्पर हैं। अपने ट्वीट के द्वारा हमने यह स्पष्ट किया है की एक अन्य जगह के पुराने विडीओ को #राजस्थान के #उटाम्बर का बताकर धार्मिक उन्माद (communal tension) फैलाने की कोशिश की जा रही थी और हमने तुरंत एक्शन लिया। @HMOIndia pic.twitter.com/Lb3PAtzCpc
— Rajasthan Police (@PoliceRajasthan) December 18, 2018
राजस्थान पुलिस ने इस विडियो को फ़ेक बताते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं। इसमें राजस्थान पुलिस ने चेताया है कि “हम आपको वॉच कर रहे हैं। यह एक पुराना वीडियो है जो झारखंड के राँची का है। आप तुरंत इसे डिलीट करें नहीं तो साइबर यूनिट को यह केस सौंप दिया जाएगा। आइन्दा इस तरह की अफ़वाह न फैलाएँ।”
हेलो @Ashok6510
— Rajasthan Police (@PoliceRajasthan) December 16, 2018
राजस्थान पुलिस आपको watch कर रही है। ये एक पुरानी वीडियो है जो झारखंड के रांची की है। आप तुरंत इसे delete करें अन्यथा Cyber Unit को यह case सौंप दी जायेगी।
आइंदा इस तरह के अफवाह न फैलाएं।#FakeNews #KillFakeNews@PMOIndia @HMOIndia @RajCMO pic.twitter.com/lXsPvayHQN
अशोक6510 नाम की ट्विटर आईडी से 15 दिसंबर को यह वीडियो शेयर किया गया। विडियो के साथ ट्विट में लिखा है कि उटाम्बर में मुसलिम कार्यकर्ताओं ने राजपूतों के घर में घुसकर लड़कियों के साथ बदतमीजी की है। इस विडियो को वायरल करने वाले को राजस्थान पुलिस ने चेतावनी दी है कि यह ग़लत है और इस विडियो को हटा ले।
पुलिस ने विडियो को तो फ़ेक बता दिया, लेकिन लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा। पुलिस के ट्वीट के बाद कई लोग पुलिस को ग़लत साबित करने में जुट गए और घटना को सही बता रहे हैं। यही कारण है कि राजस्थान पुलिस ने इसके बाद एक और ट्वीट कर कहा है कि इस मामले पर वह अपनी पहले की बात पर क़ायम है।
हम अपने पिछले ट्वीट पर कायम हैं। @Ashok6510 ने एक पुराने और किसी अन्य जगह का वीडियो को लेकर उसे उटाम्बर का बताया था (see screenshot)। उटाम्बर में घर मे घुस कर बहनो पर हमले जैसी कोई घटना नही हुई थी (see FIR).।
— Rajasthan Police (@PoliceRajasthan) December 18, 2018
कुछ साथी अभी भी अफवाह फैलाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। ऐसा न करें। pic.twitter.com/8GKpg62fA7
'फ़ेक न्यूज़ के जाल में न फँसें लोग'
इससे पहले 12 दिसंबर को एक अन्य ट्विट में भी राजस्थान पुलिस ने फ़ेक न्यूज़ के प्रति सचेत किया था। पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल से विडियो को ट्विट करते हुए लिखा था कि यह विडियो को सोशल मीडिया पर चल रहा है जो यह दावा करता है कि कांग्रेस की जीत के जुलूस में पाकिस्तानी झंडा लहराया जा रहा है। पुलिस ने कहा है कि यह पूरी तरह ग़लत है, हम लोगों से आग्रह करते हैं कि वे फ़ेक न्यूज़ के जाल में न फँसें। पुलिस ने कहा है कि हम फ़ेक न्यूज़ फैलाने वाले को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं।Alert 🚫🔊
— Rajasthan Police (@PoliceRajasthan) December 12, 2018
This video 📽️ circulating on #socialmedia claims that there is a Pakistan flag being waved in a victory procession of @INCIndia.
This is false and we request people not to get trapped by this ❌. We are trying to trace the mischief-maker.#FakeNews @SMHoaxSlayer pic.twitter.com/WDnABuJx2M