I.N.D.I.A में पीएम रेस, बैठक से पहले केजरीवाल का नाम क्यों उछला
आम आदमी पार्टी (आप) की मुख्य प्रवक्ता ने बुधवार 30 अगस्त को विपक्षी गठबंधन इंडिया गुट के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में अरविंद केजरीवाल के नाम की वकालत की। आप नेता की यह टिप्पणी मुंबई में इंडिया गठबंधन की बैठक से ठीक एक दिन पहले आई है। विपक्षी नेता 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का मुकाबला करने और मतभेदों को दूर करने के लिए गुरुवार से एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए जुट रहे हैं। लेकिन इस बयान ने कई राजनीतिक सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले जेडीयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को मीडिया ने इसी तरह के सवालों को उलझा कर मामले को आगे बढ़ाया था। इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने समय-समय पर यह साफ किया है कि अभी न तो भावी पीएम के नाम पर विचार करने की जरूरत है और न ही उसकी कोई तुक है। कांग्रेस के छुटभैया नेताओं ने राहुल गांधी का नाम दबी जबान से लिया लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने कभी इसे बढ़ावा नहीं दिया।
आप की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने न्यूज एजेंसी पीटीआई और एएनआई से बुधवार को बातचीत की शुरुआत इस तरह की। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने हमेशा ऐसा बजट पेश किया है जो "लाभकारी और जन-समर्थक" हो। उनकी यह प्रतिक्रिया इस सवाल पर आई कि इंडिया गठबंधन के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होना चाहिए। इस पर कक्कड़ ने कहा, ''एक प्रवक्ता के तौर पर मैं हमारे राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का नाम प्रस्तावित करूंगी।''
आप की मुख्य प्रवक्ता ने कहा, "उन्होंने एक मॉडल दिया है जिससे लोगों को फायदा होता है। मैं चाहती हूं कि ऐसा हो लेकिन फैसला (बतौर पीएम के नाम का प्रस्ताव) मेरे हाथ में नहीं है।"
आप की प्रवक्ता के इस बयान के फौरन बाद मीडिया सक्रिय हो गया। फौरन स्थिति भी स्पष्ट की जाने लगी की आप का यह स्टैंड नहीं है। दिल्ली सरकार के मंत्री और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल प्रधानमंत्री पद की रेस में नहीं हैं। इसी तरह के बयान दिल्ली सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोपाल राय और आतिशी के भी आए।
केजरीवाल की पीएम उम्मीदवारी के बारे में आप के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने कहा, "हर पार्टी चाहती है कि उनका नेता प्रधानमंत्री बने। आप सदस्य भी चाहते हैं कि उनका राष्ट्रीय संयोजक प्रधानमंत्री बने।" जब उनसे पूछा गया कि क्या आप प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में केजरीवाल का नाम प्रस्तावित करेगी, तो उन्होंने कहा, "नाम देने जैसा कुछ नहीं है। हम पहले से ही इसका हिस्सा हैं और अरविंद केजरीवाल भी इसका हिस्सा हैं।"
दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी ने भी बुधवार को स्पष्ट किया कि अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं। आतिशी ने कहा- ''यह मुख्य प्रवक्ता की निजी राय हो सकती है। लेकिन अरविंद केजरीवाल पीएम की दौड़ में बिल्कुल भी शामिल नहीं हैं। आप इंडिया गठबंधन का हिस्सा है क्योंकि आज भारत को बचाने की जरूरत है। देश, इसके संविधान और इसके लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है...
“
मैं आधिकारिक तौर पर कहती हूं कि अरविंद केजरीवाल पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हैं।
-आतिशी, आप नेता और मंत्री, 30 अगस्त 2023 सोर्सः पीटीआई वीडियो बाइट
आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी टीवी चैनलों पर कहा कि अरविन्द केजरीवाल पीएम पद की रेस में नहीं है। अपनी मीडिया बाइट को संजय सिंह ने खुद शेयर किया है। देखिए-
देश को बदहाली से बचाने के लिए @ArvindKejriwal जी इंडिया गठबंधन में शामिल हुए हैं. केजरीवाल का मकसद देश को बचाना है. प्रधानमंत्री बनना नही.
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) August 30, 2023
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश का लाखों करोड़ लुटकर अपने दोस्तों को बाँट दिया, मंहगाई आसमान पर पंहुचा दी देश में सिविल वार की स्थिति पैदा… pic.twitter.com/vaPAMSFhtv
आप की मुख्य प्रवक्ता के बयान के बाद आप के तीन वरिष्ठ नेताओं संजय सिंह, गोपाल राय और आतिशी के बयान के बाद तस्वीर साफ है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बेशक सफाई में बयान आ गए हैं लेकिन आप की मुख्य प्रवक्ता ने केजरीवाल के पीएम रेस का बयान सोची समझी रणनीति के तहत दिया है। इंडिया गठबंधन की बैठक से पहले आम आदमी पार्टी अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाना चाहती है, इसलिए इस तरह के बयान सामने आ रहे हैं।
बहरहाल, आम आदमी पार्टी गुरुवार से शुरू हो रही इंडिया बैठक में शामिल होगी। विपक्षी इंडिया के सदस्य दल 31 अगस्त से मुंबई में दो दिवसीय सम्मेलन में मिलने वाले हैं। यह उस राज्य में विपक्षी इंडिया गठबंधन की पहली बैठक है जहां ब्लॉक का कोई भी सदस्य सत्ता में नहीं है। इंडिया की बैठक इससे पहले पटना और बेंगलुरु में हो चुकी है। बेंगलुरु में ही इंडिया नाम रखा गया था। INDIA 26 विपक्षी पार्टियों का गठबंधन है। 2024 के आम चुनाव में विपक्ष एकजुट होकर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ मैदान में उतरना चाहता है। मुंबई बैठक में विपक्षी दलों की तादाद बढ़कर 27 हो सकती है। सभी दलों के प्रमुख नेता मुंबई पहुंचने लगे हैं।