कनाडा हिंदू मंदिर हिंसा- राजनयिकों को डराने की कायराना कोशिश: मोदी

09:27 pm Nov 04, 2024 | सत्य ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह हमला हमारे राजनयिकों को डराने की कायराना कोशिश है। पीएम ने कहा कि इस तरह के कृत्य भारत के संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब भारतीय दूतावास अधिकारियों के सामने ब्रैम्पटन हिंदू मंदिर में हिंसक झड़पें हुईं।

ब्रैम्पटन में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के मंदिर दौरे के दौरान रविवार को वह हिंसक झड़प हुई। इसके एक दिन बाद पीएम मोदी ने इसे जानबूझकर किया गया हमला और राजनयिकों को डराने का कायराना प्रयास करार दिया। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि कनाडाई सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी।' 

कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में कुछ लोगों को मंदिर का गेट तोड़ते और परिसर के अंदर हिन्दू भक्तों पर हमला करते देखा गया। इस हमले के पीछे सिख अलगाववादियों का हाथ बताया जा रहा है। 

फुटेज में खालिस्तान के समर्थकों और अन्य लोगों सहित प्रदर्शनकारियों के समूह भारत का राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए हिंदू मंदिर के मैदान में भिड़ते हुए दिखाई दिए। कुछ क्लिप में लोग हाथापाई करते और टकराव में डंडों का इस्तेमाल करते दिखाई दिए।

खालिस्तान की वकालत करने वाले प्रतिबंधित समूह सिख फॉर जस्टिस ने कहा कि उसके समर्थक भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों की मौजूदगी का विरोध कर रहे थे। अधिकारी वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन सहायता सहित प्रशासनिक सेवाएं देने के लिए मंदिर आए थे।

झड़पों के बाद रविवार को एक बयान में ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि यह बहुत निराशाजनक है कि नियमित वाणिज्य दूतावास के काम में बाधा डालने दी गई।

पीएम मोदी की प्रतिक्रिया से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में चरमपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा की। इसने कनाडा से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि सभी पूजा स्थलों की पर्याप्त सुरक्षा की जाए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, 'हमें यह भी उम्मीद है कि ऐसी हिंसा में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा।' जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार उस देश में अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता में है। उन्होंने कहा कि भारतीय और कनाडाई नागरिकों को काउंसलर सेवाएं प्रदान करने के प्रयास के तहत मंदिर के अंदर एक शिविर आयोजित किया जा रहा था। 

इससे पहले भारतीय उच्चायोग ने कहा कि मजबूत सुरक्षा उपायों के लिए पहले से किए गए अनुरोध के बावजूद वाणिज्य दूतावास शिविर में हिंसक व्यवधान हुआ और उसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का डर है।

हालाँकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलिवरे और एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने एक्स पर हिंसा की निंदा की। ट्रूडो ने कहा कि 'हर कनाडाई को अपने धर्म और आस्था का स्वतंत्र और सुरक्षित रूप से मानने का अधिकार है।' 

यह हिंसा भारत और कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक टकराव के बीच हुई है। दोनों देशों के बीच विवाद कितना ज़्यादा बढ़ गया है, यह इससे समझा जा सकता है कि राजनयिकों के निष्कासन के दो दौर भी हो चुके हैं।