प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को कहा था, 'अगर मैं हिंदू-मुसलमान करूंगा तो मैं सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूंगा।' इसके 24 घंटे के अंदर यानी बुधवार को ही पीएम ने कह दिया कि 'कांग्रेस चाहती थी कि देश के बजट का 15 प्रतिशत सिर्फ़ मुसलमानों पर ख़र्च हो।' प्रधानमंत्री मोदी के इस ताज़ा बयान को लेकर सोशल मीडिया पर उनसे सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लेकर लगातार सवाल क्यों खड़े किए जा रहे हैं, इसका जवाब बाद में। पहले यह जान लें कि उन्होंने बुधवार को क्या कहा है। उन्होंने महाराष्ट्र की एक रैली में मुस्लिमों के मुद्दे पर कांग्रेस पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस की सोच है कि देश की सरकारें जितना बजट बनाती हैं उसका 15 प्रतिशत सिर्फ़ अल्पसंख्यकों पर ख़र्च हो। कांग्रेस धर्म के आधार पर बजट का भी बँटवारा चाहती है। धर्म के आधार पर इन्होंने देश को बाँटा है और आज भी धर्म के आधार पर बँटवारा करने में लगे हुए हैं।'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कई साल पहले कांग्रेस ने धर्म के आधार पर बजट के आवंटन को हरी झंडी दिखा दी थी। उन्होंने रैली में लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'आप कल्पना कर सकते हैं कि बजट के इस तरह से टुकड़े करना कितना ख़तरनाक विचार है। कांग्रेस के लिए माइनॉरिटी सिर्फ़ एक ही है। उसका प्रिय वोट बैंक।'
इसके आगे उन्होंने मुस्लिमों का नाम लेते हुए कहा, 'जब मैं सीएम था तब कांग्रेस ने ये बात उठाई थी। मैंने सीएम रहते हुए इसका विरोध किया था। कांग्रेस चाहती थी कि देश के बजट का 15% सिर्फ़ मुसलमानों पर ख़र्च हो। बीजेपी की कोशिश से तब ये योजना कामयाब नहीं हो पाई थी। मोदी धर्म के आधार पर न बजट बाँटने देगा, न धर्म के आधार पर आरक्षण देगा।'
प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण तब आया है जब इससे एक दिन पहले ही न्यूज़18 पर एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'मेरे बहुत सारे मुस्लिम दोस्त हैं और 2002 के बाद मेरी छवि को ख़राब करने की कोशिश की गई। हमारे पड़ोस में मुस्लिम परिवार रहते थे। ईद के मौके पर हम घर पर खाना भी नहीं बनाते थे क्योंकि हमारे आस-पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम पड़ोसियों के यहां से ही खाना आया करता था। यहां तक कि मुहर्रम पर हमें ताज़िया करना भी सिखाया गया था।'
मुस्लिम वोटों को लेकर एक सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था,
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जिस दिन मैं हिंदू-मुस्लिम करना शुरू कर दूंगा उस दिन मैं सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूँगा। मैं कभी भी हिंदू-मुस्लिम बंटवारा नहीं करूंगा और यह मेरा वादा है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
'ज़्यादा बच्चों को जन्म देने वाले' उनके बयान के बारे में सवाल पर पीएम मोदी ने कहा था, 'मैं हैरान हूं। मुझे समझ नहीं आता है कि जब मैं लोगों से यह अपील करता हूं कि वो अधिक बच्चे न करें तो लोग ऐसा क्यों समझते हैं कि मैं मुस्लिमों की बात कर रहा हूँ। गरीब हिंदू परिवारों में भी यह समस्या है, वो अपने बच्चों को जरूरी शिक्षा देने के सक्षम नहीं हैं। मैंने कभी भी हिंदू या मुस्लिम का नाम नहीं लिया है। मैंने केवल अपील की है कि आप उतने ही बच्चे करें, जितनों का आप पालन पोषण कर सकते हैं।'
पीएम की यह सफ़ाई तब आई जब उन पर हिंदू मुसलमान करने के आरोप लग रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में दो मई को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने पर सरकारी टेंडर देने में मुसलमान के लिए कोटा तय करने का वादा किया है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस का घोषणापत्र, हर बिंदु पर, तुष्टिकरण, तुष्टिकरण, और तुष्टिकरण से भरा है। ....उन्होंने लिखित रूप से कहा है कि अब सरकारी टेंडर में मुसलमानों के लिए एक कोटा तय किया जाएगा। तो क्या अब से सरकारी ठेके धर्म के आधार पर दिए जाएंगे? और उसके लिए आरक्षण शुरू होगा?'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 मई को गुजरात के बनासकांठा में कहा था कि यदि आपके पास दो भैंस हैं, तो सत्ता में आने पर कांग्रेस एक छीन कर मुसलमानों को दे देगी।
'बाबरी ताला'
धार की रैली में 7 मई को पीएम मोदी कहा था कि वह भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के लिए 400 सीटों का जनादेश चाहते हैं ताकि यह तय किया जा सके कि कांग्रेस कश्मीर में धारा 370 वापस न लाए और अयोध्या में राम मंदिर पर 'बाबरी ताला न लगा पाए।
'मुस्लिम लीग की छाप'
नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र की निंदा करते हुए कहा था कि घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की विघटनकारी राजनीति की छाप है और यह वाम विचारधारा से प्रभावित है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने जिस तरह का घोषणापत्र जारी किया है, उससे वही सोच झलकती है, जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग में थी। कांग्रेस के घोषणापत्र में पूरी तरह मुस्लिम लीग की छाप है और इसका जो कुछ हिस्सा बचा रह गया, उसमें वामपंथी पूरी तरह हावी हो चुके हैं। कांग्रेस इसमें दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती है।'
संपत्ति का पुनर्वितरण?
पीएम मोदी ने हाल ही एक चुनावी रैली में कहा था, 'उन्होंने (कांग्रेस ने) कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब, ये संपत्ति इकट्ठी कर किसको बाँटेंगे? जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बाँटेंगे। घुसपैठिए को बाँटेंगे। ...ये कांग्रेस का मैनिफेस्टो कह रहा है... कि माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे। ...जानकारी लेंगे और फिर संपत्ति को बाँट देंगे। और उनको बाँटेंगे जिनको मनमोहन सिंह जी की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी माताओ, बहनो, ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे।'
वैसे, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर लगातार हिंदू मुस्लिम करने का आरोप लगाया है और कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए वादों को लेकर पीएम की टिप्पणी को 'झूठ' क़रार दिया है। प्रियंका गांधी ने बुधवार को एक रैली में ही पीएम पर हमला बोला।
प्रियंका ने कहा, 'पीएम मोदी ने कल कहा कि मैंने कभी हिंदू-मुसलमान नहीं किया। अगर मैं हिंदू-मुसलमान करता हूं तो इस पद पर रहने लायक नहीं हूं। जबकि पिछले 10 साल से वो हर चुनाव में हिंदू-मुसलमान करते हैं और धर्म पर राजनीति करके लड़ते हैं। पीएम मोदी, बीजेपी के नेता झूठ फैलाने और जनता की परेशानियों को बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं करते।'