लखनऊ में ड्राई फ़्रूट्स बेच रहे दो कश्मीरी युवकों की पिटाई का देश भर में पुरजोर विरोध हुआ। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने सरकार से आरोपियों के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने को कहा। लोग खुलकर कश्मीरी युवाओं के समर्थन में आगे आए। यह विरोध इतना ज़्यादा बढ़ गया कि उत्तर प्रदेश सरकार को तो आरोपियों को तुरंत गिरफ़्तार करना ही पड़ा, देश के प्रधानमंत्री को भी ऐसे लोगों को सिरफिरा कहकर संबोधित करना पड़ा।
शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने कानपुर में एक सभा में कहा, 'देश में एकता का वातावरण बनाए रखना बहुत अहम है। लखनऊ में कुछ सिरफिरे लोगों ने हमारे कश्मीरी भाइयों के साथ जो हरकत की थी, उस पर यूपी सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है। मैं अन्य राज्य सरकारों से भी आग्रह करूँगा कि जहाँ भी ऐसी हरक़त करने की कोई कोशिश करे, उस पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए।'
ग़ौरतलब है कि 6 मार्च को लखनऊ में ड्राई फ़्रूट्स बेच रहे दो कश्मीरी युवकों के पास कुछ लोग पहुँचे थे। भगवा कपड़े पहने इन लोगों ने उनके बारे में पूछताछ की। युवक कश्मीरी हैं, इसका पता लगने पर आरोपियों ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया था। इस बीच ज़फ़र रिज़वी नाम के एक व्यक्ति बीच में आए और उन्होंने इसका पुरजोर विरोध किया। इसके बाद पिटाई करने वाले लोग वहाँ से चले गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया था।
पुलवामा हमले के बाद देहरादून, पटना और कई इलाक़ों में बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने कई कश्मीरी छात्रों को पीट दिया था। पटना के बुद्ध मार्ग में कश्मीरी बाज़ार लगाने वाले कश्मीरी लोगों पर हमला हुआ था और उनकी दुकानें बंद करवा दी गईं थीं। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
कश्मीरी छात्रों के साथ मारपीट के बाद उन्हें सुरक्षा देने की माँग पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया था। कोर्ट ने केंद्र और 11 राज्यों को नोटिस भेजकर कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए क़दम उठाए जाने के लिए कहा था।
सर्वोच्च अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा था, 'सभी मुख्य सचिवों, पुलिस प्रमुखों और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को यह आदेश दिया जाता है कि वे कश्मीरियों और दूसरे अल्पसंख्यकों पर हमले, उनकी प्रताड़ना या उनके सामाजिक बहिष्कार को रोकने के लिए ज़रूरी कदम तुरन्त उठाएँ।' खंडपीठ ने यह भी कहा था कि जिन पुलिस अफ़सरों को उग्र भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डालने की वारदात रोकने के लिए नोडल अफ़सर बनाया गया था, वे कश्मीरियों पर होने वाले हमलों के लिए ज़िम्मेदार होंगे।
कश्मीरियों पर हुए हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कश्मीरी छात्रों के साथ जो कुछ हुआ, वह नहीं होना चाहिए था। प्रधानमंत्री ने कहा था, 'हमारी लड़ाई आतंकवादियों और मानवता के दुश्मनों के ख़िलाफ़ है, हमारी लड़ाई कश्मीर के लिए है, कश्मीर और कश्मीरियों के ख़िलाफ़ नहीं।'
कश्मीरी छात्रों पर हमले की ख़बरें सामने आने के बाद कई लोग सोशल मीडिया पर उनके बचाव में आगे आए थे। लोगों ने कहा था कि जो भी कश्मीरी डरे हुए हैं वे उनके घर पर आकर रह सकते हैं। कश्मीरी लोगों की मदद के लिए ट्विटर पर हैशटैग #SOSKashmir भी चलाया था।