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विधानसभा चुनाव: पीएम मोदी का मिज़ोरम दौरा रद्द क्यों?

विधानसभा चुनाव: पीएम मोदी का मिज़ोरम दौरा रद्द क्यों?

मिज़ोरम विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए पहले से तय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा अब आख़िर क्यों नहीं हो पा रहा है? जानिए, क्या वजह है और कांग्रस ने क्या आरोप लगाया।  

एनडीए गठबंधन का हिस्सा मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा करने से इनकार किए जाने के बीच अब पीएम का राज्य का दौरा रद्द होने की ख़बर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय कार्यक्रम के मुताबिक़ अगले हफ्ते मिज़ोरम का दौरा नहीं करेंगे। मिज़ोरम बीजेपी के अध्यक्ष ने भी इसकी पुष्टि की है। तो सवाल है कि जिस मिज़ोरम में 7 नवंबर को मतदान होना है वहाँ आख़िर पीएम का दौरा रद्द क्यों किया गया?

इस सवाल का जवाब बीजेपी नेताओं के बयान से तो मिलता ही है, हाल के दिनों में घटे घटनाक्रमों से भी इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है। लेकिन इन घटनाओं को जानने से पहले यह जान लें कि पीएम का कार्यक्रम कब तय था। पीएम मोदी बीजेपी द्वारा भारत के चुनाव आयोग को सौंपी गई स्टार प्रचारकों की सूची में पहले स्थान पर हैं। वह 30 अक्टूबर को आइजोल से लगभग 80 किमी दूर ममित में एक चुनावी रैली को संबोधित करने वाले थे।

लेकिन मिज़ोरम भाजपा अध्यक्ष वनलालहुमुआका ने कहा है कि पीएम मोदी का वह दौरा नहीं होने वाला है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पुष्टि की कि यह यात्रा अब इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि उनकी अन्य व्यस्तताएं हैं। वनलालहुमुआका ने कहा कि हालाँकि गृहमंत्री अमित शाह के अभी भी राज्य का दौरा करने की उम्मीद है।

कांग्रेस ने यह आरोप लगाया है कि पीएम का मिज़ोरम दौरा इसलिए रद्द किया गया है क्योंकि करीब छह महीने पहले पड़ोसी राज्य मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से उन्होंने वहाँ का दौरा नहीं किया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है, 'अब ख़बरें हैं कि पीएम ने अपना दौरा रद्द कर दिया है। क्या ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि सवाल उठाए जाएंगे कि उन्हें लगभग 180 दिनों से गहरे संकट में फंसे पड़ोसी राज्य का दौरा करने का समय नहीं मिला... वह किस मुंह से मिजोरम की रैली में जाएंगे?'

मणिपुर में हिंसा की गूंज मिज़ोरम में भी है और समझा जाता है कि इसका असर इस चुनाव पर भी पड़ सकता है। इसको लेकर एनडीए का हिस्सा एमएनएफ़ आशंकाएँ जता रहा है। 

बीजेपी के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस और नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस का सदस्य होने के बावजूद मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने कहा है कि जब नरेंद्र मोदी आगामी विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने आएंगे तो वह उनके साथ मंच साझा नहीं करेंगे।

ज़ोरमथंगा ने कुछ दिन पहले ही बीबीसी हिंदी से कहा था, 'मैं प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा नहीं करूँगा क्योंकि वो बीजेपी से हैं और मिज़ोरम के सभी लोग ईसाई हैं। मणिपुर में मैतेई लोगों ने मणिपुर में सैकड़ों चर्च जलाए। यहाँ के सभी लोग इस विचार के ख़िलाफ़ हैं। ऐसे में यदि प्रधानमंत्री यहाँ आते हैं तो ये उनके लिए भी बेहतर होगा कि वो मंच पर अकेले रहें और मेरे लिए भी कि मैं अपने अलग मंच पर रहूँ।'

मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ने कहा, 'इस समय बीजेपी के साथ सहानुभूति रखना मेरी पार्टी के लिए एक बड़ा माइनस पॉइंट होगा।' उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मिज़ो नेशनल फ्रंट ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया था, क्योंकि वे कांग्रेस के खिलाफ थे। 

मिज़ोरम में भले ही ज़ोरमथंगा बीजेपी से दूरी बनाने की बात कर रहे हैं लेकिन केंद्रीय स्तर पर उनकी पार्टी एनडीए के साथ है। इन चीजों को लेकर कांग्रेस भी ज़ोरमथंगा की पार्टी और बीजेपी पर हमलावर है। ज़ोरमथंगा की मिजो नेशनल फ्रंट यानी एमएनएफ़ और विपक्षी ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट यानी जेडपीएम को लेकर राहुल गांधी ने कहा है कि ये दोनों दल बीजेपी और आरएसएस के लिए प्रवेश बिंदु हैं।

उन्होंने मणिपुर में हाल में हो रही हिंसा की ओर भी ध्यान दिलाया जहाँ चर्चों को ख़ूब निशाना बनाया गया है। मणिपुर में बीजेपी सत्ता में है।

 - Satya Hindi

यही वजह है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दोनों मज़बूत क्षेत्रीय दलों पर हमला करते हुए उन्हें बीजेपी और आरएसएस का प्रवेश बिंदु बताया। 

राहुल ने पिछले हफ्ते ही कहा कि भाजपा और आरएसएस पूर्वोत्तर सहित पूरे देश में अपनी विचारधारा थोपने की कोशिश कर रहे हैं, वह एमएनएफ और जेडपीएम जैसी क्षेत्रीय पार्टियों का इस्तेमाल कर रही है क्योंकि वह मिज़ोरम जैसे ईसाई-बहुल राज्य में चुनाव नहीं जीत सकती।

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