लद्दाख: गलवान घाटी झड़प मामले में पीएम ने 19 जून को बुलाई सर्वदलीय बैठक
लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ और गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प में 20 जवानों के शहीद होने के मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी जानकारी दी है। उस बैठक में सभी दलों के अध्यक्षों के भाग लेने की संभावना है। सर्वदलीय बैठक की घोषण तब हुई है जब आज सुबह ही कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आने पर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की है। गलवान घाटी में घटी इस घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग इसके लिए आलोचना कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री सहित तमाम मंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई। मंत्रियों की यह आरोप लगाकर भी आलोचना की जा रही है कि देश को चीन से लगी सीमा पर वास्तविक स्थिति नहीं बताई जा रही है। हालाँकि कुछ देर पहले ही राजनाथ सिंह ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया है।
बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं। भारतीय सेना ने इसकी पुष्टि की है। इनमें एक आर्मी अफ़सर भी शामिल हैं। यह झड़प सोमवार यानी 15 जून की रात को हुई थी। झड़प के दौरान पत्थरों, धातु के टुकड़ों का इस्तेमाल दोनों ओर से किया गया लेकिन गोली नहीं चली है।
यह ख़बर आने के बाद रात को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री जयशंकर, चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत मौजूद रहे। मंगलवार को दिन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री जयशंकर ने हालात पर चर्चा की। इस दौरान सीडीएस जनरल बिपिन रावत, आर्मी प्रमुख, एयर फ़ोर्स और नेवी के प्रमुख भी मौजूद थे।
इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को इस मामले में ट्वीट किया, 'भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में स्थिति पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने 19 जून को शाम 5 बजे सर्वदलीय बैठक का आह्वान किया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष इस वर्चुअल बैठक में भाग लेंगे।'
In order to discuss the situation in the India-China border areas, Prime Minister @narendramodi has called for an all-party meeting at 5 PM on 19th June. Presidents of various political parties would take part in this virtual meeting.
— PMO India (@PMOIndia) June 17, 2020
बता दें कि कुछ घंटे पहले ही राजनाथ सिंह का आज पहली बार बयान आया है। उन्होंने कहा है कि जवानों की शहादत दुखद और पीड़ादायक है। उन्होंने कहा कि उनके बलिदान को याद रखा जाएगा।
इन्हीं आरोपों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बुधवार दोपहर ट्वीट आया। उन्होंने ट्वीट में कहा कि मुश्किल वक़्त में देश कंधे से कंधा मिलकर खड़ा है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'गलवान में सैनिकों की शहादत बेहद दुखद और पीड़ादायक है। हमारे सैनिकों ने कर्तव्य निभाते हुए अनुकरणीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में अपने जीवन का बलिदान दिया।' उन्होंने एक अन्य ट्वीट में आगे कहा, 'देश उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। मेरा दिल हताहत सैनिकों के परिवारों के साथ है। राष्ट्र इस कठिन घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत के वीरों के शौर्य और साहस पर गर्व है।'
सरकार द्वारा देश को सीमा पर स्थिति के बारे में जानकारी नहीं देने को लेकर सरकार की आलोचना भी की जा रही है। सोशल मीडिया पर नागरिक समाज और कार्यकर्ता तो सवाल पूछ ही रहे हैं विपक्ष भी सरकार से जवाब माँग रहा है। विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि चीन की आक्रामकता के ख़िलाफ़ दृढ़ता से खड़ा रहा जाए। इसके साथ ही इन दलों ने यह साफ़ करने को कहा है कि सीमा पर बनी वास्तविक स्थिति को देश को बताया जाए।
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने सैनिकों के शहीद होने के मामले में बुधवार को नये सिरे से सीधे प्रधानमंत्री मोदी को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने इस मामले में ट्वीट कर कई सवाल पूछे। उन्होंने लिखा, 'पीएम चुप क्यों हैं वह क्यों छिप रहे हैं अब बहुत हो गया है। हमें यह जानना होगा कि क्या हुआ है। चीन ने हमारे सैनिकों को मारने की हिम्मत कैसे की हमारी ज़मीन लेने की उसकी हिम्मत कैसे हुई'