प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी दलों पर नये सिरे से हमला किया। उन्होंने विपक्षी दलों पर भ्रष्टाचार का संरक्षण देने का आरोप लगाया।
कुछ पार्टियों पर 'भ्रष्टाचारी बचाओ अभियान' शुरू करने का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि झूठे आरोपों के कारण भ्रष्टाचार पर उनकी सरकार का शिकंजा ढीला नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'इसलिए भारत को रोकने के लिए संवैधानिक संस्थाओं पर हमला किया जा रहा है। जब एजेंसियां कार्रवाई करती हैं तो उन पर हमले होते हैं, अदालतों पर सवाल उठते हैं।'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को देश की राजधानी दिल्ली में बीजेपी के नए केंद्रीय कार्यालय का उद्घाटन कर रहे थे। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब लगभग सभी विपक्षी दल एक सांसद के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता के विरोध में एकजुट हो गए हैं। वे भाजपा पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं। विपक्षी खेमे ने फैसले को अधिनायकवादी बताते हुए इसकी निंदा की है और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है।
कांग्रेस, आप समेत पूरे विपक्षी दलों पर एक साथ निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'जो लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उन पर जब एजेंसियां कार्रवाई करती हैं तो एजेंसियों पर हमला किया जाता है। जब कोर्ट कोई फैसला सुनाता है तो कोर्ट पर सवाल उठाया जाता है। कुछ दलों ने मिलकर भ्रष्टाचारी बचाओ अभियान छेड़ा हुआ है।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भाजपा आती है तब भ्रष्टाचार भागता है। पीएम ने कहा कि 'पीएमएलए के तहत कांग्रेस की सरकार में 5000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई। इसी एक्ट के तहत भाजपा ने पिछले 9 वर्षों में 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति जब्त की है।'
बीजेपी के उदय की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह देश में परिवार द्वारा संचालित राजनीतिक संगठनों के बीच एकमात्र अखिल भारतीय पार्टी के रूप में उभरा है क्योंकि इसने दोषपूर्ण खेल में शामिल होने के बजाय जमीन पर काम किया है।
उन्होंने 1984 के चुनाव परिणाम को याद करते हुए कहा, 'देश 1984 के उस काले दौर को कभी नहीं भूल सकता। कांग्रेस को उन चुनावों में ऐतिहासिक जनादेश मिला था, यह भावनात्मक रूप से आवेशित माहौल था। हम उस लहर में पूरी तरह से नष्ट हो गए थे, लेकिन हम निराश नहीं हुए और दूसरों को दोष नहीं दिया।'
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान बैंकों को लूटा गया। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने बीजेपी को मिटाने के लिए कई साजिश की। मुझे भी जेल में डालने के लिए जाल बिछाए गए, लेकिन ये विफल रहे। आज मैं जहां भी जाता हूं तो लोग कहते हैं कि मोदी जी रुकना मत। भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई से लोग खुश हैं। भ्रष्टाचार पर कार्रवाई से कुछ लोग नाराज हैं।'
बता दें कि राहुल के ख़िलाफ़ कार्रवाई के बाद से क़रीब-क़रीब सभी विपक्षी दल एकसाथ आ गए हैं। इसमें टीएमसी और आम आदमी पार्टी भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, '19 पार्टियां एक साथ हैं, और इसमें शिवसेना भी शामिल है। कल रात 18 पार्टियां थीं, आज मैंने कहा 19। समझिए। अगर शिवसेना समूह का हिस्सा है तो यह 18 से 19 हो जाएगा।'
कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के नेतृत्व में चौदह विपक्षी दलों ने अपने नेताओं के खिलाफ सीबीआई और ईडी के कथित मनमाने इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया है और 5 अप्रैल को इस पर सुनवाई करने पर सहमत हो गया।
उन्होंने आरोप लगाया है कि सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दर्ज किए गए 95 प्रतिशत मामले विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ थे। उन्होंने यह भी कहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद नेताओं के खिलाफ मामलों को अक्सर हटा दिया जाता है या ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। हालाँकि भाजपा इन आरोपों का खंडन करते हुए कहती रही है कि एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम करती हैं।