पीएम मोदी का एमपी में हमला- I.N.D.I.A सनातन धर्म को खत्म करना चाहता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी इंडिया गठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए गुरुवार को मध्य प्रदेश में कहा है कि वह सनातन धर्म को खत्म करना चाहता है और देश को 1,000 साल की गुलामी में धकेलना चाहता है।
"सनातन धर्म को ख़त्म करके ये इंडी गठबंधन के लोग देश को एक हजार साल की गुलामी में धकेलना चाहते हैं"
— News24 (@news24tvchannel) September 14, 2023
◆ मध्य प्रदेश में PM मोदी का बयान@narendramodi | #SanatanaDharma | Sanatana Dharma pic.twitter.com/8t5mntMYhf
सनातन विवाद पर पीएम मोदी का एमपी की रैली में दिया गया यह पहला बयान है। सनातन धर्म पर डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर विवाद के बाद पीएम मोदी की प्रतिक्रिया नहीं आई थी, हालांकि भाजपा इसका जवाब रोजाना दे रही है।
पीएम ने एमपी की रैली में कहा - "उन्होंने हाल ही में मुंबई में एक बैठक की, और मुझे लगता है कि उन्होंने वहां 'घमंडिया' गठबंधन को कैसे चलाया जाए, इसकी राजनीति और रणनीति तय की। उन्होंने एक छिपे हुए एजेंडे पर भी फैसला किया है। यह रणनीति भारत की संस्कृति पर हमला करने की है। उन्होंने भारतीयों की आस्था पर हमला करने और उन विचारों, मूल्यों और परंपराओं को खत्म करने का फैसला किया, जिन्होंने देश को हजारों वर्षों से एकजुट किया है।''
भारत के नायकों और सनातन संस्कृति के बीच संबंध बताते हुए उन्होंने कहा, "घमंडिया गठबंधन ने देवी अहिल्याबाई होल्कर को प्रेरित करने वाली सनातन संस्कृति और परंपराओं को खत्म करने का संकल्प लिया है। यह सनातन की ताकत थी कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ऐसा कर सकीं। अंग्रेजों को चुनौती दी और कहा कि वह अपनी झाँसी नहीं छोड़ेंगी।”
पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी सनातन धर्म को अपने जीवन के लिए आवश्यक मानते थे और भगवान राम से प्रेरित थे। यही कारण है कि उनके अंतिम शब्द "हे राम" थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वामी विवेकानन्द और लोकमान्य तिलक भी सनातन से प्रेरित थे और इसी संस्कृति ने अंग्रेजों द्वारा फाँसी पर लटकाये गये स्वतंत्रता सेनानियों को यह कहने के लिए प्रेरित किया कि वे फिर से 'भारत' में जन्म लेना चाहते हैं।
बता दें कि डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम में तमिलनाडु में सनातन धर्म की तुलना डेंगु मच्छर से करते हुए कहा था कि इसे अब खत्म करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि जिस धर्म में सामाजिक न्याय नहीं है, वो धर्म किस काम का है। उनके इस बयान को भाजपा नेताओं ने लपक लिया। भाजपा आईटी सेल के अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि उदयनिधि हिन्दुओं के नरसंहार की बात कर रहे हैं, जिसका उदयनिधि ने फौरन जवाब देकर खंडन किया। उन्होंने कहा कि धर्म अलग चीज है और देश की जनता अलग चीज है। जनता को कोई शासक खत्म नहीं कर सकता। थोपे गए धर्म को जरूर खत्म किया जा सकता है। बहरहाल, इस मामले में दोनों तरफ से मालवीय और उदयनिधि पर एफआईआर भी कराई गई है। भाजपा इस मुद्दे को रोजाना उठा रही है। पीएम मोदी के बयान के बाद यह मामला और गरमाएगा।