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प्रधानमंत्री अपने 72वें जन्मदिन पर करेंगे ‘चीता युग’ का आगाज़

प्रधानमंत्री अपने 72वें जन्मदिन पर करेंगे ‘चीता युग’ का आगाज़

प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर जानिए अफ्रीकी देश से लाए गए कितने चीते मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर नेशनल पार्क में छोड़े जाएँगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 72वाँ जन्मदिन मध्य प्रदेश में मनायेंगे। वे बर्थ-डे के दिन मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर नेशनल पार्क में 8 चीते छोड़कर देश में ‘चीता युग’ की शुरुआत भी करेंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने काबीना की बैठक में पीएम मोदी द्वारा 72वां जन्मदिन एमपी में मनाये जाने की सहमति मिलने की जानकारी दी है। मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था। सहमति मिलने के बाद पीएम मोदी के बर्थ-डे को भव्य तरीक़े से मनाने की तैयारियाँ मध्य प्रदेश में शुरू हो गई हैं।

प्रधानमंत्री मोदी 17 सितंबर को श्योपुर ज़िले के कूनो पालपुर नेशनल पार्क आयेंगे। वे यहां 75 वर्ष बाद ‘चीता युग’ की वापसी का आगाज़ करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी अपने जन्मदिन पर अफ्रीकी देश नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को इस पार्क में छोड़ेंगे। इनमें चार-चार नर और मादा चीते हैं। दिल्ली से वायुसेना के दो  हेलीकॉप्टर चीतों को लेकर पार्क में पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री मोदी जिले के तहसील मुख्यालय कराहल में महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों को संबोधित भी करेंगे।

बता दें कि मध्य प्रदेश में अगले साल राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं। राज्य की सत्ता 2018 के चुनाव में बीजेपी के हाथों से मात्र 7 सीटें कम मिलने के कारण फिसल गयी थी। कुल 230 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं। कांग्रेस 114 सीटें हासिल कर पायी थी। चार निर्दलीय और तीन अन्य दलों के विधायकों का साथ लेकर कमलनाथ सरकार बनाने में सफल हो गये थे। हालाँकि, 15 महीनों के बाद बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने खेमे में मिलाकर कमलनाथ की सरकार गिरा दी थी और पुनः सत्ता में लौट आयी थी।

सुगबुगाहट है कि अगले साल होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में केन्द्रीय नेतृत्व और रणनीतिकार किसी भी तरह का रिस्क लेने अथवा प्रयोग के मूड में नहीं हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करके अगला विधानसभा का चुनाव लड़ेगी अथवा चुनाव के बाद विधायक दल का नेता चुना जायेगा? यह सवाल अभी अनुत्तरित है।

शिवराज सिंह चौहान 2005 से मध्य प्रदेश की भाजपा सरकारों में सीएम हैं। वे 2005 के बाद 2008, 2013 और 2018 में चेहरा बनाये गये थे। बीजेपी 2008 और 2013 में जीती थी। शिवराज सीएम बनाये गये। विधानसभा का 2018 का चुनाव भाजपा हार गई थी। बाद में जब जोड़तोड़ से सत्ता पुनः मिली थी तो भी भाजपा ने मुख्यमंत्री की कुर्सी एक बार फिर शिवराज सिंह को दे दी थी।

राज्य और राष्ट्र में भाजपा से जुड़ा परिदृश्य बीते तीन-चार सालों में बहुत बदला है। गुजरात में पहली बार के विधायक को सीएम बनाकर आलाकमान ने पार्टी में ‘नये युग’ का ‘सूत्रपात’ किया है।

गुजरात के अलावा भी बीजेपी ने बहुतेरे राज्यों में प्रयोग किये हैं। अनेक प्रयोग सफल रहे हैं। महाराष्ट्र में सत्ता पाने के लिये हुई जोड़तोड़ सफल होने पर सीएम रहे देवेन्द्र फडणवीस को डिप्टी सीएम की कुर्सी सौंपी गई। फडणवीस ने मामूली ना-नुकुर के बाद उप-मुख्यमंत्री का पद चुपचाप संभाला था।

इस बार शिवराज ही या कोई और?

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की कुर्सी ‘खतरे’ में होने संबंधी खबरें जब-तब उड़ती रहती हैं। हाल ही में महिला एवं बाल विकास विभाग के एक बड़े घोटाले को लेकर वे सुर्खियों में हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग सीएम के पास ही है। करोड़ों का पोषण आहार कागजों पर बांटने संबंधी गड़बड़झाले का खुलासा लेखा एवं नियंत्रक महालेखाकार की रिपोर्ट में हुआ है।

इसके अलावा स्थानीय सरकार के चुनावों में आधा दर्जन से ज्यादा महापौर सीटों का चुनाव हार जाने पर भी शिव ‘राज’ पर ऊँगलियाँ उठाई गई थीं।

शिवराज की कुर्सी ‘खतरे’ में होने संबंधी खबरें पहली बार नहीं उड़ी हैं। उनके बीते तीन मुख्यमंत्रित्वकाल में भी ऐसी सुगबुगाहटें अनेक बार हुईं। लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व शिवराज पर ही दांव खेलता रहा है।

दरअसल, शिवराज सिंह का जनता से सीधा जुड़ाव बेजोड़ है। वे 365 दिन राज्य की जनता से जुड़े रहने के उपक्रम करते रहते हैं। राज्य का हर कोना वे नापते हैं। भीड़ में घुस जाना। गरीब-गुरबों को गले लगा लेना, उनकी सफल राजनीतिक यात्रा खास रणनीतिक हिस्सा है।

तमाम कयास के बीच शिवराज सिंह ने पिछले सप्ताह पार्टी की बैठक में अबकी बार 200 पार का नारा उछाला है। पार्टी में उनके विरोधी ऑफ द रिकॉर्ड ‘फरमा’ रहे हैं, ‘भाजपा का चुनावी आंकड़ा मध्य प्रदेश में 200 पार होगा अथवा नहीं, यह चुनाव नतीजों के बाद तय होगा। मगर आने वाले चुनाव में शिवराज चेहरा नहीं होंगे, यह तय मानिये!’

शिवराज पर घोटालों के आरोप पहले भी लगे हैं

शिवराज सिंह पर डंपर घोटाले और व्यावसायिक परीक्षा मंडल में घपले जैसे बड़े आरोप पूर्व में लगे हैं। दोनों ही बार वे ‘पाक-साफ’ होकर ‘सामने’ आये। कोई भी आरोप उन पर सिद्ध नहीं हुआ। शिवराज सिंह तो साफ़ दावा करते हैं, ‘कोर्ट भी उन्हें क्लिन चिट दे चुका है।’ महिला एवं बाल विकास विभाग के ताजा पोषण आहार घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बुधवार को सफाई दी।

सीएम शिवराज सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा है, ‘सीएजी की रिपोर्ट अंतिम नही है। यह प्रारंभिक रिपोर्ट है, जिस पर अभी विभाग को अपना पक्ष प्रस्तुत करना है।’

अन्य ट्वीट में सीएम ने कहा है, ‘कांग्रेस ने पोषण आहार संयंत्रों को महिला स्व-सहायता समूहों से वापस लेने की कार्यवाही की थी। कांग्रेस शासनकाल में निम्न स्तर का पोषण देने पर 35 करोड़ रुपये की राशि रोकी गई है।’

मोदी के लिये आठ हेलीपैड 

प्रधानमंत्री मोदी की मध्य प्रदेश यात्रा के मद्देनज़र शुरू की गई तैयारियों के तहत कूनो पालपुर नेशनल पार्क एवं कराहल में आठ हेलीपैड और वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था के रूप में कराहल से पार्क तक सड़क बनाई जा रही है। लोक निर्माण विभाग व मप्र सड़क विकास निगम को हर हाल में 14 सितंबर तक काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

अभी आ रहे चार नर और चार मादा चीते

वन मंत्री विजय शाह ने ‘सत्य हिन्दी’ को बताया कि अभी नामीबिया से चार नर और चार मादा चीता लाये जा रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका से भी अनुबंध का प्रयास चल रहा है। वहाँ से भी 12 चीते लाने की सरकार की तैयारियाँ हैं।

शाह का कहना है, ‘देश में चीता युग की वापसी का सौभाग्य मध्य प्रदेश को मिलना बहुत ही सुखद पक्ष है। कूनो पालपुर नेशनल पार्क चीतों के लिये ज़रूरी पर्यावरण एवं अन्य आवश्यकताओं के मान से सर्वोत्तम है।’

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