मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के पिपलिया कलां गांव में दलित की बेटी की बारात रोकने और भारी उत्पात मचाने के आरोप में पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। छह लोगों की बंदूकों के लाइसेंस निरस्त किये गये हैं। आरोपियों के अवैध निर्माणों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बुलडोज़र भी चला है।
राजगढ़ के एसपी प्रदीप शर्मा ने ‘सत्य हिन्दी’ को बताया कि घटना को लेकर सात लोगों के खिलाफ नामज़द और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ पथराव, बलवा, मारपीट, गाली-गलौच, जान से मारने की धमकी समेत अनेक धाराओं में खिलचीपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।
पुलिस ने अब तक इस मामले में सात नामजद और एक गैर नामजद आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम सोहेल, आदिल, उज्जैल, जुनैद, फरहान, डग्गा, रहमान आदि हैं।
एसपी शर्मा के अनुसार, घटना के समय बनाये गये अलग-अलग वीडियो को पुलिस ने खंगाला है। भीड़ में बवाल मचाने में शामिल रहे उत्पातियों को चिन्हित किया जा रहा है।
अवैध निर्माणों को गिराया
जैसे-जैसे यह चिन्हित हो रहे हैं, वैसे-वैसे इनकी धरपकड़ की जा रही है। उन आरोपियों के आधा दर्जन अवैध निर्माणों को आज ध्वस्त किया गया है, जिन्होंने गलत तरीके से अपने घर पर और अन्य निर्माण कर रखे थे। बुलडोज़र और अन्य माध्यमों से अवैध निर्माणों को गिराया गया है।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने गुरूवार सुबह मीडिया से कहा, ‘राज्य की सरकार कानून हाथ में लेने वाले किसी भी शख्स को बख्शेगी नहीं।’
उन्होंने कहा, ‘राजगढ़ में दलित बेटी की बारात रोकने वालों की धरपकड़ चल रही है। आठ आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इनके बंदूकों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। बाकियों को भी चिन्हित किया जा रहा है और धरपकड़ के प्रयास जारी हैं।’
रविवार को किया था दबंगों ने उत्पात
बता दें, राजगढ़ जिले की खिलचीपुर तहसील के पिपलिया कलां गांव में बिरम मेघवाल की बेटी अनीता मेघवाल का रविवार को विवाह था। बारात राजगढ़ जिले के पाठन खुर्द गांव से आयी थी। पाठन खुर्द गांव में रहने वाले कंवर लाल मेघवाल जब अपने बेटे राहुल की बारात को लेकर पहुंचे तो दबंगों द्वारा पिपलिया कलां गांव में हंगामे की सूचना उन्हें मिली थी। छापीहेड़ा गांव में पुलिस ने बारात को रोक लिया था।
अतिरिक्त बल और तमाम व्यवस्थाओं के साथ बाद में बारात पिपलिया कलां गांव पहुंची थी।
पुलिस की मौजूदगी में गांव के दंबगों ने हंगामा किया था। पथराव किया गया था। बारात पहुंचने के पहले टेंट उखाड़ दिया गया था। अन्य व्यवस्थाओं को तहस-नहस कर दिया गया था। उपद्रव करने वालों को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी थी और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे।
बाद में पुलिस के साये में शादी हुई थी और बारात विदा हुई थी। पूरे घटनाक्रम को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। अब आरोपियों की धरपकड़ और उनके खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला तेज है।
भगवती बाई बनी थी शिवराज की ‘शबरी’
मुख्यमंत्री इसी साल जनवरी महीने में पिपलिया कलां गांव में आदिवासी विधवा महिला भगवती बाई के घर पहुंचे थे। प्रधानमंत्री आवास योजना में भगवती बाई को घर मिला था। मुख्यमंत्री के पहुंचने पर भगवती की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था।
सीएम को भगवती ने अपनी बगिया के बेर खिलाये थे। बेरों को स्वादिष्ट बताते हुए सीएम ने भगवती के बाग के बेर अपनी पत्नी साधना सिंह के लिए भी मांगे थे। साथ लेकर भी गये थे।
सीएम ने भगवती बाई के परिवार के बारे में पूछताछ की थी। चार बेटों की मां भगवती के घर में पानी की सप्लाई की व्यवस्था के निर्देश सीएम ने दिए थे। सीएम शिवराज ने अफसरों को निर्देशित किया था, भगवती बाई और गांव की किसी भी बहन-बेटी को किसी भी तरह की तकलीफ नहीं हो, इस बात का पूरा ध्यान अधिकारीगण रखें।