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रंग बदलते पवार...अब पीएम की डिग्री के सवाल पर विपक्ष को किया 'लहूलुहान' 

रंग बदलते पवार...अब पीएम की डिग्री के सवाल पर विपक्ष को किया 'लहूलुहान' 

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अब पीएम की डिग्री पर सवाल किए जाने को गैर जरूरी मुद्दा बताया है। हाल ही में अडानी मुद्दे पर उन्होंने कुछ ऐसा ही रुख अपनाया था। रंग बदलते पवार विपक्षी एकता के लिए खतरनाक होते जा रहे हैं।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) चीफ शरद पवार ने विपक्ष के अडानी मुद्दे की हवा निकालने के बाद अब पीएम मोदी के डिग्री वाले मुद्दे को भी तारपीडो कर दिया है। उनका कहना है कि पीएम मोदी की डिग्री पर सवाल पूछना भी भला कोई मुद्दा है। महाराष्ट्र के इस कद्दावर नेता के स्टैंड में आ रहे बदलाव को नई राजनीतिक कहानी में रूप में देखा जा रहा है। नेता रंग बदलने के लिए मशहूर रहे हैं लेकिन इतनी तेजी से रंग बदलने पर तमाम दिग्गज हैरान हैं।

पवार की दूसरी टिप्पणी के बाद देश की राजनीतिक तस्वीर दिलचस्प होने जा रही है। क्योंकि कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो अडानी के मुद्दे से पीछे हटने वाली नहीं है। आम आदमी पार्टी ने डिग्री दिखाओ अभियान छेड़ दिया है। दूसरी तरफ शिवसेना यूबीटी के वरिष्ठ नेता संजय राउत कह रहे हैं कि पवार के बयानों से विपक्षी एकता में कोई दरार नहीं पैदा होगी। जबकि शरद पवार अपने बयानों की वजह से जिस तरफ बढ़ रहे हैं, वो उन्हें बाकी विपक्षी दलों से दूर कर देगा। एनसीपी की उपस्थिति महाराष्ट्र तक ही सीमित है। उसके कई नेता करप्शन के आरोप में जेल या बेल पर हैं।

 - Satya Hindi

भाजपा पीएम मोदी की डिग्री के सवाल पर हमेशा बचाव की मुद्रा में रही है। जब सबसे पहले यह मुद्दा उठा तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्व. अरुण जेटली ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पीएम मोदी की डिग्री की फोटोस्टेट पत्रकारों को बांटी थी। इसके बाद भाजपा की ओर से इस पर लगातार सफाई दी जाती रही और विपक्ष का कोई न कोई नेता इस सवाल को उठाता रहा। इसी तरह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री पर भी सवाल पूछे गए। लेकिन अब स्मृति की डिग्री का सवाल नेपथ्य में चला गया है और पीएम मोदी की डिग्री मुख्य चर्चा के केंद्र में है। पवार की टिप्पणी के बाद विपक्ष की रणनीति धराशायी होती नजर आ रही है।

एनडीटीवी के मुताबिक पवार ने उन लोगों की आलोचना की है जो नेताओं की शिक्षा के मुद्दे को उठा रहे हैं, जबकि देश इससे भी अधिक महत्वपूर्ण मुद्दों का सामना कर रहा है, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।

उद्धव ठाकरे और अरविंद केजरीवाल सहित केंद्र में कई विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर उन पर निशाना साधा है। आम आदमी पार्टी ने तो इस पर पोस्टर पर अभियान छेड़ा हुआ है।

केजरीवाल ने इस संबंध में आरटीआई लगाकर सवाल पूछा तो गुजरात हाईकोर्ट ने उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया था। कोर्ट का तर्क है कि पीएम की डिग्री के बारे में जानकारी सार्वजनिक डोमेन में पहले से ही उपलब्ध है तो इस पर आरटीआई की जरूरत क्यों पड़ी। उद्धव ठाकरे ने पूछा था कि "कौन सा कॉलेज इस बात पर गर्व महसूस नहीं करना चाहेगा कि उनका ही कॉलेज वो जगह है जहां प्रधानमंत्री ने कभी पढ़ाई की थी।

एनडीटीवी के मुताबिक पवार ने रविवार को पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बेरोजगारी, कानून व्यवस्था और महंगाई जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है। नेता उन मुद्दों से दूर रह सकते हैं या इंतजार कर सकते हैं जो अच्छे हैं। यहां तक ​​कि गैर मुद्दों को भी उठाने के लिए इंतजार किया जा सकता है। पवार ने मराठी भाषा में कहा - 

आज, कॉलेज की डिग्री का सवाल अक्सर पूछा जा रहा है। आपकी डिग्री क्या है, मेरी डिग्री क्या है। क्या ये राजनीतिक मुद्दे हैं?


-शरद पवार, एनसीपी चीफ, 9 अप्रैल 2023 सोर्सः एनडीटीवी

उन्होंने कहा- बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था, महंगाई पर केंद्र सरकार की आलोचना करें... अन्य महत्वपूर्ण मामले देखें। धर्म और जाति के नाम पर लोगों के बीच मतभेद पैदा किए जा रहे हैं। बेमौसम बारिश ने महाराष्ट्र में फसलों को बर्बाद कर दिया है। हमें इन पर चर्चा की जरूरत है।

विपक्ष ने अडानी और पीएम मोदी की डिग्री के मुद्दे पर सरकार और बीजेपी को जबरदस्त तरीके से घेरा हुआ है। हाल ही में पवार ने एनडीटीवी को दिए गए इंटरव्यू में अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के संदर्भ में अडानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की जांच ज्यादा विश्वसनीय होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अडानी जैसे बेकार के मुद्दे उठाकर संसद का समय बर्बाद किया गया। इससे ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दे विपक्ष और देश के सामने हैं। उन्होंने कहा था कि अडानी जैसे उद्योगपतियों का देश के विकास में योगदान है, लोग इस बात को भूल जाते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने टाटा-बिड़ला का भी नाम लिया था।

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अडानी-हिंडनबर्ग विवाद की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि पवार की पार्टी के "अपने विचार हो सकते हैं लेकिन सभी विपक्षी दल अभी भी एकजुट हैं। अडानी पर पवार के बयान के बाद विपक्षी एकता पर सवाल उठ गए थे। कांग्रेस का बयान उसी संदर्भ में था। कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वो अडानी के मुद्दे से पीछे नहीं हटने वाली है। 

हालाँकि केजरीवाल की पार्टी ने पीएम की डिग्री के मुद्दे को तूल दे दिया है। आम आदमी पार्टी ने रविवार को "अपनी डिग्री दिखाओ" अभियान शुरू किया और भाजपा नेताओं को भी ऐसा करने की चुनौती दी। आप विधायक आतिशी ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, "हम आज एक अभियान शुरू कर रहे हैं। आपके नेता आपको हर रोज अपनी डिग्री दिखाएंगे। मेरे पास दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री और ऑक्सफोर्ड से दो मास्टर डिग्री है। ये सभी असली हैं। उन्होंने कहा, मैं सभी नेताओं से, खासकर भाजपा नेताओं से अपनी डिग्री दिखाने के लिए कहना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत आप का हर नेता अपनी डिग्री दिखाएगा।

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