लोकसभा की कार्यवाही 27 जुलाई को शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने मणिपुर मुद्दे पर तख्तियां दिखाने के साथ-साथ नारे लगाना शुरू कर दिया। स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन की मर्यादा बनाए रखने को कहा और उन्हें फटकार भी लगाई। जब नारेबाजी बढ़ गई तो स्पीकर ने कहा कि वो इस तरह संसद नहीं चला सकते और लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी। विपक्ष के अधिकांश सांसद आज काले कपड़े पहन कर आए हैं।
राज्यसभा में जैसे ही केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोलने लगे तो विपक्ष ने मणिपुर को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्षी सांसदों ने इस मामले पर सदन में चर्चा और पीएम मोदी से एक 'विस्तृत' बयान की मांग की। विपक्षी सांसदों ने नारे लगाए। कुछ नारे इस तरह से हैं -'प्रधानमंत्री सदन में आओ', 'प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो', 'प्रधानमंत्री होश में आओ।' दूसरी तरफ से मोदी-मोदी के नारे भाजपा सांसदों ने लगाए। हालांकि मोदी-मोदी नारे रैलियों में अब तक लगते रहे हैं। ये नारे इतने तेज थे कि मंत्री एस जयशंकर क्या बोल रहे हैं, कुछ समझ में नहीं आया। हंगामे के बाद राज्यसभा भी दोपहर तक स्थगित कर दी गई।
विपक्षी सांसदों के काले कपड़े पहन कर आने पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा - "काले कपड़ों में ये लोग (विपक्ष) उस प्रगति को स्वीकार नहीं कर सकते जो भारत ग्लोबल स्तर पर देख रहा है...उनके पहनावे की तरह, उनका भविष्य भी काला है।"