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पाकिस्तान: आधी रात को वोटिंग प्रक्रिया शुरू, इमरान खान सरकार का गिरना तय

पाकिस्तान: आधी रात को वोटिंग प्रक्रिया शुरू, इमरान खान सरकार का गिरना तय

पाकिस्तान में हुकूमत चलाने के लिए 172 सांसदों की जरूरत है। लेकिन यह साफ दिख रहा है कि इमरान इतने सांसद नहीं जुटा सकते। लेकिन इमरान खान हर पैंतरा बदल रहे हैं।

पाकिस्तान में राजनीतिक संकट नेशनल असेम्बली में हल होने की बजाय उलझ रहा है। स्पीकर असद कैसर ने रात को ही इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह अयाज सादिक ने उनकी सीट संभाली। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव लाने का आदेश दिया। वोटिंग शुरू होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने इसका आदेश दिया था। विपक्ष को डर है कि पाकिस्तान में मार्शल लॉ न लगा दिया जाए। इसलिए विपक्ष ने रात ही में इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुनवाई के लिए कोर्ट में रात को ही पहुंच चुके हैं। असेम्बली की कार्यवाही आज सुबह से लेकर रात तक चार बार स्थगित हुई।  देर रात नेशनल असेम्बली में गतिरोध बरकार बना रहा। स्पीकर ने चौथी बार सदन स्थगित कर दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि पीएम इमरान खान वोटिंग में जानबूझकर देरी करा रहे हैं। इससे पहले नेशनल एसेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ और इमरान सरकार के मंत्रियों ने अपनी-अपनी बात रखी है। विपक्ष ने कहा है कि हुकूमत अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में देरी कर रही है। इस दौरान विपक्षी दलों के नेता लगातार वोटिंग जल्दी कराने की मांग करते रहे लेकिन स्पीकर ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के नेताओं से पहले अपनी बात रखने को कहा। इस बीच इमरान ने देर रात अपने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। हालांकि यह हैरानी वाली है, क्योंकि इफ्तार के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी और इमरान की सरकार शायद ही बचे। इतना ही नहीं इमरान की पार्टी पीटीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को विशेष याचिका के जरिए चुनौती दी है।

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक़, वोटिंग में अभी काफी वक़्त लग सकता है। वोटिंग के चलते इस्लामाबाद में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 

लेकिन नेशनल एसेंबली में सांसदों की गणित को देखकर पता चलता है कि इमरान का अविश्वास प्रस्ताव पर जीत हासिल करना नामुमकिन है।

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार शाम को दिए अहम फैसले में नेशनल एसेंबली को भंग किए जाने के राष्ट्रपति के फैसले को पलट दिया था। साथ ही अविश्वास प्रस्ताव पर 9 अप्रैल को वोटिंग कराने का आदेश भी दिया था। पांच जजों की एक बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से लिया और कहा था कि नेशनल एसेंबली के स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होने तक संसद के सत्र को स्थगित नहीं कर सकते। 

इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में कई दिनों तक सुनवाई चली और उसके बाद अदालत का यह फैसला आया था जिसका विपक्ष के नेताओं ने जोरदार स्वागत किया है। 

 - Satya Hindi

पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में किस दल के पास कितने सांसद हैं और इमरान की कयादत वाली पीटीआई क्या अपनी हुकूमत को बचा पाएगी, इसे आंकड़ों को समझते हुए जानना जरूरी है। 

172 सांसद चाहिए

पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में 342 सांसद हैं। इनमें पीटीआई के पास 155 सांसद हैं। एमक्यूएम पाकिस्तान के पास सात, पीएमएल (क्यू) के पास पांच, बीएपी के पास पांच, ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलाइंस (जीडीए) के पास तीन और अवामी मुसलिम लीग (पाकिस्तान) के पास एक सांसद है। इमरान अब तक इन दलों के समर्थन से अपनी हुकूमत चला रहे थे। हुकूमत चलाने के लिए 172 सांसदों की जरूरत है। लेकिन एमक्यूएम पाकिस्तान इमरान का साथ छोड़ चुकी है और पीटीआई के कई सांसद पार्टी से बग़ावत कर चुके हैं। 

जबकि विपक्षी दलों पीएमएल (एन) के पास 84, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी यानी पीपीपी के पास 56, मुत्ताहिदा मजलिस ए अमल  (एमएमए) के पास 15, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (मेंगल) के पास चार, आवामी नेशनल पार्टी के पास एक और एक निर्दलीय सांसद हैं। 

यह पूरी तरह साफ है कि अब कोई बड़ा उलटफेर ही इमरान की हुकूमत को बचा सकता है। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के मुताबिक इमरान अधिकतम 144 सांसदों का समर्थन जुटा सकते हैं।

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