पद्मश्री अवार्डी से खाली कराया गया आवास, बेटी बोलीं- अमानवीय ढंग
केंद्र सरकार ने कई कलाकारों से सरकारी आवास खाली करने को कहा है। कई साल पहले दिल्ली में एशियन गेम्स विलेज में यह सरकारी आवास इन कलाकारों को दिए गए थे लेकिन 2014 में इनका आवंटन रद्द कर दिया गया था। सभी को इस संबंध में नोटिस भी दिए जा चुके हैं।
सरकार ने कहा है कि सभी कलाकारों को 2 मई तक आवास खाली करना होगा। ऐसे कलाकारों की संख्या 8 है। कलाकारों ने इस मामले में अदालत का रुख किया था लेकिन ये मुकदमा हार गए थे। इन्हें 25 अप्रैल की डेडलाइन दी गई थी।
ऐसे ही 90 साल के उड़ीसा के डांसर गुरू मायाधर राउत से सरकारी आवास खाली कराया जा रहा है। मायाधर राउत की उम्र 90 साल है और वह 1988 से इस घर में रह रहे थे।
उनकी बेटी मधुमिता राउत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि कलाकारों को निकाले जाने का तरीका बेहद खराब है और यह अमानवीय है।
मधुमिता ने कहा कि कुछ अफसर और मजदूर दिन में 1 बजे घर में आए और उनका सामान बाहर फेंकना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर उस दौरान वह घर पर नहीं होतीं तो शायद उनके पिता जीवित नहीं रहते। मधुमिता ने कहा कि जो घर पहले खाली कराए गए थे वह अफसरों को दे दिए गए जबकि किसी भी कलाकार को घर फिर से नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों के पास कोई नोटिस या आदेश नहीं था। उन्होंने कहा कि उनके पिता के पास कोई संपत्ति या जमीन नहीं है और उनके बैंक अकाउंट में सिर्फ 3000 रुपए हैं, ऐसी हालत में उन्हें किस तरह घर से बाहर निकाला जा सकता है।
मधुमिता ने कहा कि इस मामले में उनकी रिव्यू याचिका पर अदालत में सुनवाई होनी थी लेकिन अफसरों ने एक दिन का भी इंतजार नहीं किया।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शहरी आवास मंत्रालय के एक अफसर ने कहा कि कलाकारों ने भरोसा दिलाया था कि वे कुछ दिनों में सरकारी घर खाली कर देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब उन्होंने लिखित में दिया है कि वे 2 मई तक घर खाली कर देंगे और हमने उन्हें तब तक का वक्त दे दिया है।
सरकार की नीति के मुताबिक, 40 कलाकारों को स्पेशल कोटे के तहत आवास आवंटित किए जा सकते हैं। यह आवास संस्कृति मंत्रालय की सिफारिश पर आवंटित किए जाते हैं।