यमुना नदी का पानी आज शाम को उत्तरी दिल्ली में रिंग रोड तक पहुंच गया। रिंग रोड तक पानी जाने से जलजमाव हुआ और यातायात प्रभावित हुआ है। ट्रैफिक पुलिस ने इसको लेकर यातायात सलाह जारी की है। रिंग रोड पूरी दिल्ली में यातायात को सुविधाजनक बनाता है और राजधानी के सभी अहम रूटों को जोड़ता है।
चेतावनी जारी करते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा है, 'यमुना नदी के पानी के अतिप्रवाह के कारण मोनेस्ट्री और आईएसबीटी, कश्मीरी गेट के बीच रिंग रोड पर यातायात प्रभावित है। कृपया इस रास्ते से बचें।'
इस बार यमुना का जल स्तर रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ गया है और इसने 45 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर दोपहर 1 बजे 207.55 मीटर तक पहुँच गया। इससे पहले सबसे ज़्यादा स्तर 1978 में 207.49 मीटर था।
इससे पहले दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नदी के पास के निचले इलाकों के निवासियों से जगह खाली करने का आग्रह किया। केजरीवाल ने कहा, 'हमें जीवन और संपत्तियों की रक्षा करनी है। यमुना नदी के पास निचले इलाकों में लोगों को निकालने की जरूरत है।'
केजरीवाल ने बुधवार को बाढ़ की स्थिति के मद्देनज़र सचिवालय में आपात बैठक की और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोगों से जल्द से जल्द घरों को खाली करने की अपील की।
दिल्ली में यमुना के जलस्तर को देखते हुए केजरीवाल ने कहा, 'केंद्रीय जल आयोग ने आज यमुना में 207.72 मीटर जल स्तर की भविष्यवाणी की है। दिल्ली के लिए अच्छी खबर नहीं है। दिल्ली में पिछले 2 दिनों से बारिश नहीं हुई है, हालांकि हथिनीकुंड बैराज में हरियाणा द्वारा असामान्य रूप से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का स्तर बढ़ रहा है। केंद्र से हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि यमुना का स्तर और न बढ़े।'
केजरीवाल ने अमित शाह को चिट्ठी लिखी है और उनसे कहा है कि वह हस्तक्षेप करें कि हथिनीकुंड बैराज से धीमी गति से पानी छोड़ा जाए ताकि यमुना का जलस्तर तेजी से न बढ़े। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से हर साल यमुना में पानी छोड़ा जाता है।
बता दें कि उफनती नदी के कारण घरों और बाज़ारों में पानी भर गया है, जिससे लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आस-पास के कई निवासी अब अपने सामानों के साथ छत पर चले गए हैं। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई थी।
दिल्ली में पिछले तीन दिनों में यमुना के स्तर में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है। प्रशासन ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित कर दिया है और पुराने रेलवे पुल को यातायात और ट्रेन की आवाजाही के लिए बंद कर दिया है। नदी तटों पर जागरूकता फैलाने और बचाव कार्य के लिए नावें तैनात की गई हैं।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा है कि जल स्तर में तेज वृद्धि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश और दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण हुई है। हरियाणा में लबालब भरे बांधों से छोड़े गए पानी के कारण यमुना का स्तर बढ़ गया है।
बता दें कि दिल्ली में बाढ़ की स्थिति ऐसे समय में बनी है जब उत्तर भारत मानसून के प्रकोप से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। पंजाब भी प्रभावित हुआ है और प्रमुख शहरों में बड़े पैमाने पर जलभराव हो गया है।