हमारी लड़ाई कश्मीर के लिए है, कश्मीर या कश्मीरियों से नहीं, मोदी ने कहा
पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद देश के कई हिस्सों में कश्मीरियों को निशाना बनाने और उन पर हमले की कई वारदात के कई दिनों के बाद प्रधानमंत्री ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राजस्थान के टोंक में एक आमसभा में कहा कि बीते कुछ दिनों में कश्मीरी छात्रों के साथ जो कुछ हुआ, वह नहीं होना चाहिए था।
प्रधानमंत्री ने एक तरह से सफ़ाई दी और कहा, 'हमारी लड़ाई आतंकवादियों और मानवता के दुश्मनों के ख़िलाफ़ है, हमारी लड़ाई कश्मीर के लिए है, कश्मीर और कश्मीरियो के ख़िलाफ़ नहीं।' उन्होंने आगे कहा, 'पिछले दिनों कहाँ क्या हुआ, घटना छोटी थी या बड़ी थी, देश के किस कोने में कश्मीरी बच्चों के साथ क्या हुआ, क्या नहीं हुआ, मुद्दा यह नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए था।'
कश्मीरियों पर देश में कई जगह हमले, विरोध में आगे आए लोग
PM Narendra Modi at a public rally in Tonk, Rajasthan: Our fight is against terrorism & enemies of humanity. Our fight is for Kashmir not against Kashmir, not against Kashmiris. What happened to Kashmiri students in last few days, such things should not happen in this country. pic.twitter.com/4pmLVhh4H5
— ANI (@ANI) February 23, 2019
निशाने पर कश्मीरी
प्रधानमंत्री का यह कथन अहम है और कई संकेत देता है, लेकिन यह उनकी कार्यशैली और कश्मीर के प्रति सोच भी साफ़ कर देता है। पुलवामा हमले के बाद देश के कई हिस्सों में कश्मीरियों को निशाना बनाया गया, उन्हें मारा-पीटा गया, प्रताड़ित किया गया, डराया-धमकाया गया और इलाक़ा छोड़ कर कश्मीर लौट जाने को कहा गया।
कश्मीरियों को आतंकवादी कहा गया, देशद्रोही क़रार दिया गया और 'वंदे मातरम' और 'हिन्दुस्तान जिन्दाबाद' के नारे ज़बरन लगवाए गए। ऐसा करने वालों में कट्टर हिन्दुत्ववादी तत्व आगे थे। ये सत्तारूढ़ दल और उससे जुड़े संगठनों के लोग थे।
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश
इसके ख़िलाफ़ जम्म-कश्मीर में एक दिन का बंद रखा गया, विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य के नेताओं ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने और इस तरह की वारदात रोकने का आग्रह किया। हर बात पर ट्वीट करने वाले और चुटकी लेकर व्यंग्य से बोलने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर कुछ कहना ज़रूरी नही समझा। गृह मंत्री ने भी कुछ नहीं कहा। कश्मीरियों को निशाना बनाने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। सर्वोच्च अदालत ने मामले की सुनवाई करने के बाद केंद्र सरकार और 10 राज्य सरकारों को आदेश दिया कि वे कश्मीरियों और दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और उन पर हमला करने वाले या उनका बहिष्कार करने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करें। इस आदेश के एक दिन बाद मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।नया पेच: सुप्रीम कोर्ट का डंडा, अब राज्यपाल राय भी नहीं कर सकेंगे कश्मीरियों का बॉयकॉट
इस मामले में मोदी की पार्टी बीजेपी के रवैए को समझने के लिए एक उदाहरण काफ़ी है। पश्चिम बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और इस समय मेघालय के राज्यपाल तथागत राय ने ट्वीट कर कहा कि वह कश्मीरियों के बहिष्कार का समर्थन करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में इस ट्वीट का भी उल्लेख किया गया था। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस पर राष्ट्रपति से गुजारिश की है कि वह राज्यपाल को बर्खास्त करें। तथागत राय अपने पद पर बने हुए हैं, प्रधानमंत्री ने उन पर कुछ नहीं कहा है।
तथागत की राय: क्या मेघालय के राज्यपाल को कश्मीरियों पर ट्वीट की वजह से हटना पड़ेगा?
मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब ख़ान प्रधानमंत्री बने, मैंने उन्हें बधाई दी और कहा था कि हम मिल कर ग़रीबी और निरक्षरता से लड़ें, इस पर इमरान ने कहा था कि वह पठान के बच्चे हैं और अपनी बात पूरी करेंगे। अब समय आ गया है कि इमरान इस बात पर खरे उतरें।