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विपक्षी एकताः नीतीश फिर निकले मुहिम पर, आज ममता से मिलेंगे

विपक्षी एकताः नीतीश फिर निकले मुहिम पर, आज ममता से मिलेंगे

बिहार के सीएम विपक्षी एकता के लिए दूसरे दौर का दौरा फिर शुरू करने जा रहे हैं। वो आज 24 अप्रैल को बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मिलने वाले हैं। हाल ही में नीतीश ने कांग्रेस और आप के नेताओं से मुलाकात की थी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता के सिलसिले में आज 24 अप्रैल को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मिलने की संभावना है। ममता टीएमसी प्रमुख भी हैं। समझा जाता है कि बिहार के मुख्यमंत्री सोमवार की शाम को दक्षिण कोलकाता में ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर मुलाकात करेंगे।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक नीतीश कुमार सोमवार को कोलकाता पहुंचेंगे। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के अंदरूनी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, कि राज्य की यात्रा के दौरान ममता बनर्जी के साथ उनकी मुलाकात की काफी संभावना है। पश्चिम बंगाल कैबिनेट के एक सदस्य ने कहा कि बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी ताकतों की एकता पर जोर दिया जाएगा। 

पिछले कुछ महीनों में, ममता बनर्जी ने 2024 के चुनावों में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता के मुद्दे पर कई गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी नेताओं के साथ बैठकें की हैं।

ममता-अखिलेश मुलाकात पिछले महीने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कालीघाट में उनसे मुलाकात की थी। बैठक में, दोनों नेताओं ने कांग्रेस के साथ दूरी बनाए रखने और 2024 के चुनावों में भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय ताकतों की एकता पर ध्यान केंद्रित करने पर सहमति व्यक्त की। अखिलेश से मिलने के तुरंत बाद, ममता बनर्जी ओडिशा गईं और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ बैठक की। इसके बाद जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने बनर्जी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में सबसे महत्वपूर्ण बातचीत अखिलेश से रही, क्योंकि अखिलेश की पार्टी सपा यूपी में मुख्य विपक्षी दल है। फिलहाल वो कांग्रेस को साथ लेने के पक्ष में नहीं लग रही है।

पिछले हफ्ते उन्होंने तमिलनाडु में मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एम.के. स्टालिन से देश में विपक्षी शासित राज्य में राज्यपालों की भूमिका के खिलाफ विपक्षी ताकतों की एकता पर चर्चा की थी। हाल के दिनों में, ममता बनर्जी ने अपनी सभी जनसभाओं में इस बात पर जोर दिया कि अगर विपक्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट हो जाता है, तो भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को खत्म करना संभव है। हालांकि, वह हमेशा इस पेचीदा मुद्दे का जवाब देने से बचती रही हैं कि क्या कांग्रेस भी विपक्षी एकजुटता की उनकी रूपरेखा का हिस्सा है।

कांग्रेस के बिना कुछ नहींः नीतीश कुमार ने इस महीने की शुरुआत में, बिहार के सीएम ने अपने डिप्टी तेजस्वी यादव के साथ राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल सहित कई प्रमुख नेताओं से मुलाकात की, ताकि अगले साल के आम चुनावों से पहले मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट किया जा सके। बैठक के बाद, कुमार ने कहा था कि वो सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस के साथ आखिरी दौर की बातचीत पूरी कर ली है। नीतीश की राहुल गांधी और खड़गे से मुलाकात के बाद यह तस्वीर उभरी की कांग्रेस विपक्षी एकता में बड़ी भूमिका में रहेगी। उसके बिना विपक्षी एकता मुमकिन भी नहीं है।

नीतीश ने इस महीने दो प्रमुख वामपंथी नेताओं - सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआई के महासचिव डी. राजा के साथ भी बैठक की थी। विशेष रूप से नीतीश कुमार के मई के पहले सप्ताह में ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने की संभावना है। वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से भी मुलाकात कर सकते हैं।

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