संसद के दोनों सदनों में बुधवार को भी जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के बाद लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया जबकि राज्यसभा को 12 बजे तक। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को सदन में हुए हंगामे को लेकर सख़्त नाराज़गी जताई।कार्यवाही शुरू होने पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से जुड़े संशोधन विधेयक को सदन में पेश किया गया और इस पर चर्चा जारी है।
'रात भर सो नहीं सका'
नायडू ने कहा कि विपक्ष सदन की मर्यादा को भूल गया है और जो कुछ सदन में हुआ, वह लोकतंत्र के ख़िलाफ़ है। लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला भी सांसदों के व्यवहार पर नाराज़गी जाहिर कर चुके हैं। अपनी बात कहने के दौरान नायडू बेहद भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि वे पिछली रात भर सो नहीं सके।
कांग्रेस और विपक्षी दलों के सांसदों ने राज्यसभा में कृषि क़ानूनों के विरोध में नारेबाज़ी की थी। पंजाब से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा एक मेज पर चढ़ गए थे और उन्होंने रूल बुक को सदन के आसन की ओर फेंका था।
पूरे मानसून सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच पेगासस जासूसी मामले, किसान आंदोलन के मुद्दे पर जबरदस्त लड़ाई देखने को मिली। मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों में हर दिन जमकर हंगामा व शोरगुल हुआ है। संसद का यह सत्र 13 अगस्त तक चलेगा।
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान 20 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए लेकिन हंगामे के कारण 22 फ़ीसदी क्षमता के साथ ही काम हुआ। उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई, उन पर अगले सत्र में चर्चा होनी चाहिए।
ओबीसी विधेयक पास
लंबी चर्चा के बाद मंगलवार को लोकसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से जुड़ा संशोधन विधेयक पास हो गया था। इसे विपक्ष ने भी पूरा समर्थन दिया। यह विधेयक केंद्र शासित प्रदेशों को यह ताक़त देता है कि वे अपनी ओबीसी जातियों की सूची ख़ुद बना सकते हैं।
एकजुट हो रहा विपक्ष
कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने विपक्षी दलों के नेताओं को नाश्ते पर बुलाया था और इसके बाद सभी नेता साइकिल से संसद पहुंचे थे। कांग्रेस ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह विपक्ष को एकजुट करने के काम में जुटी है।