राघव चड्ढा को लेकर विपक्ष ने मान सरकार को कठपुतली क्यों बताया?
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज फिर से विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए। इस बार फिर से उसी बात को लेकर उनपर निशाना साधा गया जिसको लेकर उनपर पहले से हमले होते रहे हैं। जब भगवंत मान ने राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को राज्य सरकार की सलाहकार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया तो विपक्ष ने उन्हें दिल्ली द्वारा 'रिमोट कंट्रोल्ड' होने का आरोप लगा दिया। शिरोमणि अकाली दल ने 'कठपुतली' सरकार बताया है।
इससे पहले अप्रैल में दिल्ली और पंजाब की सरकारों के बीच नॉलेज शेयरिंग एग्रीमेंट को लेकर बवाल हो चुका है। तब पंजाब में विपक्ष ने कहा था कि यह समझौता करके मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने घुटने टेक दिए हैं।
बहरहाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को राज्य सरकार की सलाहकार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस नियुक्ति के पीछे कारण दिया है कि वह पंजाब में आप सरकार की जन-समर्थक पहल की अवधारणा और कार्यान्वयन की देखरेख करेंगे और वित्त के मामलों पर सरकार को सलाह देंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि चड्ढा एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं और उन्होंने दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कॉर्पोरेट फर्मों के साथ काम किया है। उस बयान में कहा गया है कि उन्होंने दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया के वित्तीय सलाहकार के रूप में भी काम किया है। बयान में आगे कहा गया है कि उनके कड़े प्रयासों ने दिल्ली को अधिक राजस्व वाला राज्य बनाने में मदद की और इस तरह इसे उच्च आर्थिक विकास के पथ पर रखा। इसमें यह भी कहा गया है कि वह पंजाब जैसे कर्ज में डूबे राज्य के लिए पूंजी साबित होंगे।
इस फ़ैसले से भगवंत मान सरकार के दिल्ली से रिमोट कंट्रोल होने की आलोचना को फिर से ताजा कर दिया है। शिरोमणि अकाली दल ने ट्वीट किया, 'कठपुतली, कठपुतली और कठपुतली। सर्कस मास्टर ने शो मैनेजर राघव चड्ढा को औपचारिक रूप से मंच पर रखते हुए पर्दा हटा दिया।'
The Puppeteer, the puppet and puppetry. The Circus Master removes the curtain, putting the show manager @raghav_chadha formally on stage. 1/2 pic.twitter.com/CLAkJqJrze
— Shiromani Akali Dal (@Akali_Dal_) July 11, 2022
हाल ही में आम आदमी पार्टी संगरूर हार गई। यह वह लोकसभा सीट है जिसे मान ने मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद खाली कर दिया था। इस सीट पर हारने से पार्टी को झटका लगा और इसने पार्टी के लिए जमीनी समर्थन में अचानक कमी को भी दिखाया।
सुपर सीएम बनाने की साजिश?
पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कमेटी की कानूनी वैधता को लेकर सवाल उठाया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री क्यों अलग से एक संवैधानिक प्राधिकरण बना रहे हैं जबकि इसकी कोई जवाबदेही नहीं होगी। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह कोई सुपर कैबिनेट या सुपर सीएम बनाने की साजिश है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार को बताना चाहिए कि इस कमेटी को बनाए जाने के पीछे उसका मकसद क्या है और क्या राज्य सरकार पंजाब के शासन को एक एडहॉक कमेटी को आउटसोर्स करना चाहती है।
पंजाब के विपक्षी दल पहले भी मुख्यमंत्री भगवंत मान को रबर स्टांप बता चुके हैं और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हैं कि वह पंजाब की सरकार को दिल्ली से चला रहे हैं।