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'बदले की भावना से अंधी भाजपा लोकतंत्र को पहुँचा रही अपूरणीय क्षति': विपक्ष

'बदले की भावना से अंधी भाजपा लोकतंत्र को पहुँचा रही अपूरणीय क्षति': विपक्ष

जिस तमिलनाडु से प्रधानमंत्री होने की बात कथित तौर पर अमित शाह ने कही थी, उसी तमिलनाडु के एक मंत्री पर ईडी की कार्रवाई को विपक्षी दल कैसे देख रहे हैं? जानिए उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर क्या आरोप लगाया। 

तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की ईडी द्वारा गिरफ़्तारी को विपक्षी दलों ने बदले की कार्रवाई क़रार दिया है। इन्होंने कहा है कि जिस तरह की बीमार हालत में मंत्री को गिरफ़्तार किया गया है वह अमानवीय है। विपक्षी दलों ने कहा है कि उन्हें निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। विपक्ष के एक नेता ने कहा कि आख़िर क्या वजह है कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के 95 फ़ीसदी मामले विपक्षी दलों से जुड़े होते हैं?

दरअसल, ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सेंथिल बालाजी को देर रात गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। मंत्री से घंटों पूछताछ हुई। चेन्नई में बालाजी का सरकारी निवास, फोर्ट सेंट जॉर्ज में राज्य सचिवालय में उनका सरकारी कमरा और चेन्नई में उनके भाई अशोक के घर में भी ईडी के अधिकारी घुसे थे। ऐसी कार्रवाई पर विपक्षी दलों ने नाराज़गी जताई है। कांग्रेस ने कहा है, 'कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ईडी द्वारा तमिलनाडु के बिजली मंत्री श्री वी. सेंथिल बालाजी की देर रात गिरफ्तारी की निंदा करते हैं। यह मोदी सरकार द्वारा इसका विरोध करने वालों के खिलाफ राजनीतिक उत्पीड़न और प्रतिशोध के अलावा और कुछ नहीं है। विपक्ष में हममें से कोई भी इस तरह के निर्लज्ज कदमों से डरने वाला नहीं है।'

कांग्रेस और डीएमके के अलावा बीआरएस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी जैसे दलों ने इस गिरफ्तारी की निन्दा करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर सवाल उठाया है। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सचिवालय में घुसकर मंत्री बालाजी के दफ्तर की तलाशी लेने, उन्हें राजनीतिक बदले की भावना से गिरफ्तार करने की निन्दा करती है। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय एजेंसियों के सहारे भाजपा और केंद्र सरकार विपक्ष को खामोश नहीं कर पाएंगी। 

आम आदमी पार्टी ने कहा है, 'हम प्रवर्तन निदेशालय द्वारा तमिलनाडु के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी की देर रात गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं। जिस तरह से उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बावजूद उन्हें गिरफ्तार किया गया वह अमानवीय है और ईडी के काम करने के तरीकों पर गंभीर चिंता पैदा करता है। यह गिरफ्तारी भारत के विपक्ष पर लगातार हो रहे हमले का हिस्सा है और यह हमारे लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर करती है। हम बालाजी और उन सभी विपक्षी नेताओं के साथ एकजुटता से खड़े हैं जो भाजपा के अलोकतांत्रिक निशाने के शिकार हुए हैं।'

बीआरएस के नेता वाईएसआर ने कहा है, 'मैं तमिलनाडु के बिजली मंत्री श्री वी. सेंथिल बालाजी के खिलाफ ईडी के दुरुपयोग की कड़ी निंदा करता हूं। राजनीतिक बदले की भावना से अंधी भाजपा हमारे लोकतंत्र को अपूरणीय क्षति पहुंचा रही है!'

सेंथिल के ख़िलाफ़ ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए संजय राउत ने एएनआई से कहा है, 'हम सबूतों के साथ उनके (भाजपा) लोगों के खिलाफ शिकायतें भेजते रहते हैं। उनके खिलाफ जांच कब शुरू होगी? मैंने महाराष्ट्र के 3 मंत्रियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत ईडी को भेजी, मुझे एक भी शिकायत नहीं मिली है। जवाब दें। उनके खिलाफ छापेमारी क्यों नहीं हो रही है?' 

एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने इस मामले में कहा है कि वह इस कार्रवाई से आश्चर्यचकित नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि अख़बारों में आए आँकड़े बताते हैं कि ईडी और सीबीआई के 95 फ़ीसदी केस विपक्षी दलों के नेताओं से जुड़े होते हैं। 

आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 'विपक्ष को परेशान करने और डराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का भाजपा द्वारा दुरुपयोग बेरोकटोक जारी है। तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ ईडी के छापे की कड़ी निंदा करता हूं।'

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंत्री वी सेंथिल बालाजी पर ईडी द्वारा की गई छापेमारी की निंदा की और आरोप लगाया कि यह भाजपा द्वारा राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। उन्होंने इसे बीजेपी की हताशा में की गई कार्रवाई कहा है।

भाजपा ने इस मामले में कहा है कि 'डीएमके नाटक न करे और मुख्यमंत्री स्टालिन अपने मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्रिमंडल से फौरन बर्खास्त करे'।

बता दें कि मामला राज्य के परिवहन विभाग में नौकरी के लिए घोटाले से जुड़ा है, जो कथित तौर पर 2011-16 में एआईएडीएमके शासन में परिवहन मंत्री के रूप में बालाजी के कार्यकाल के दौरान हुआ था। मामला मार्च 2021 में विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर दर्ज किया गया था। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर, 2022 को मद्रास हाईकोर्ट द्वारा बालाजी और अन्य को मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (पीएमएलए) मामले में भेजे गए ईडी समन को खारिज करने के पिछले फैसले को रद्द करते हुए जांच का रास्ता साफ कर दिया था।

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