लव जिहाद: क्यों पड़ी क़ानून लाने की ज़रूरत?

05:41 pm Nov 20, 2020 | डॉ. वेद प्रताप वैदिक - सत्य हिन्दी

मध्य प्रदेश सरकार ‘लव जिहाद’ के ख़िलाफ़ क़ानून बनाने वाली है। ऐसी घोषणा उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक की सरकारों ने भी की है। कोई आश्चर्य नहीं कि बीजेपी की सारी सरकारें इस तरह का क़ानून बना दें। इस क़ानून के तहत उन सब लोगों को पांच साल की सजा होगी, जो लड़कियों को शादी के नाम पर बहकाने, बलपूर्वक शादी करने और धर्मांतरण के लिए मजबूर करते हैं। 

पीड़िता के रिश्तेदारों की शिकायत पर दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और उनकी जमानत भी नहीं होगी। इस तरह का कठोर क़ानून लाने की ज़रूरत क्यों समझी जा रही है 

एक जैसा लागू होगा

कुछ लोगों का मानना है कि बीजेपी की सरकारें यह क़ानून इसलिए ला रही हैं क्योंकि वे मुसलमान-विरोधी हैं हिंदू लड़कियां मुसलमान न बन सकें, इसीलिए यह क़ानून लाया जा रहा है। यह सच्चाई नहीं है। यदि यह क़ानून बनेगा तो ऐसा बनेगा, जो हिंदू-मुसलमानों पर एक जैसा लागू होगा। 

न तो लालच या डर के मारे हिंदू लड़कियों को मुलसमान बनाया जा सकेगा और न ही मुसलमान लड़कियों को हिंदू! दोनों पर यह क़ानून समान रूप से लागू होगा। यदि नहीं होगा तो अदालतें इसे असंवैधानिक घोषित कर देंगी। कोई भी अदालत किसी को भी स्वेच्छा से धर्म-परिवर्तन करने से रोक नहीं सकतीं। 

देखिए, इस विषय पर वीडियो- 

पादरियों का मौलवियों पर आरोप 

यहां असली प्रश्न यह है कि ऐसा क़ानून क्यों लाना पड़ रहा है यह इसलिए लाया जा रहा है कि कुछ दिन पहले केरल और कर्नाटक के पादरियों ने शोर मचाया था कि उनकी लगभग 4000 ईसाई बेटियों को डराकर, लालच देकर, झूठ बोलकर और फुसलाकर मुसलमान बना लिया गया है। जो काम अंग्रेजों के जमाने में विदेशी पादरी लोग बेखटके करते थे, उसी काम का आरोप उन्होंने मौलवियों पर लगाया। शादी के नाम पर किया गया यह धर्मांतरण अनैतिक है। इसे रोका जाना चाहिए। 

केंद्रीय जांच एजेंसी ने पाया कि कुछ विदेशी ताक़तें इस काम को योजनाबद्ध ढंग से कर रही हैं। अभी कुछ दिन पहले हरियाणा में एक हिंदू लड़की की हत्या का कारण भी यही बताया जाता है कि एक मुसलमान लड़का उससे शादी करने पर उतारु था लेकिन लड़की ने उसे मना कर दिया था। इसे ही ‘लव-जिहाद’ कहा जाता है। 

मेरा मानना है कि जहां लव होता है, वहां जिहाद के लिए जगह ही नहीं रहती। जिहाद वहीं होता है, जहां दिल में ईंटें भरी हों ओर लबों पर खुदा होता है। मैं अमेरिका, सूरिनाम, मॉरिशस, रुस और चीन जैसे कई देशों में अपने मित्र-परिवारों के साथ रहता रहा हूं, जिनमें पति-पत्नी अलग-अलग मज़हबों को मानने वाले हैं लेकिन वे बड़े प्रेम के साथ रहते हैं। 

हिंदू पति अपनी मुसलमान पत्नी के साथ रोज़ा रखता है और मुसलिम पत्नी अपने पति और मित्रों के सामने मग्न होकर कृष्ण-भजन गाती है। हिंदू पति गिरजे में जाता है तो ईसाई गोरी पत्नी मंदिर में आरती उतारती है। यदि आपके दिल में किसी के लिए सच्चा प्रेम है, तो सारे भेद-भाव हवा हो जाते हैं। आपकी दृष्टि अभेद और अद्वैत हो जाती है। मंदिर, मसजिद, गिरजे की दीवारें गिर जाती हैं और उस सर्वव्यापी को आप अनायास उपलब्ध हो जाते हैं। 

(डॉ. वेद प्रताप वैदिक के ब्लॉग www.drvaidik.in से साभार)