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उफ, इतनी नफरत...बीजेपी को 'छोटा पजामा- कुर्ता लंबा' पोस्टर हटाने का आदेश, आचार संहिता तोड़ने का आरोप

उफ, इतनी नफरत...बीजेपी को 'छोटा पजामा- कुर्ता लंबा' पोस्टर हटाने का आदेश, आचार संहिता तोड़ने का आरोप

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने समुदाय विशेष से नफरत प्रदर्शित करते हुए चुनावी पोस्टर जारी किया। चुनाव अधिकारी ने इसे आचार संहिता उल्लंघन का मामला माना है। पोस्टर हटाने का निर्देश दिया गया है। जानिए पूरी कहानी।

यूपी में आदर्श चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ रही हैं। तमाम जिलों में जिला चुनाव अधिकारी केस दर्ज करवा रहे हैं और नोटिस दे रहे हैं। लेकिन बुलंदशहर में आचार संहिता तोड़ने का जो मामला सामने आया है, उससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए बीजेपी के जहरीले साम्प्रदायिक चुनाव अभियान का पता चलता है। 

बुलंदशहर में जगह-जगह और सोशल मीडिया पर एक पोस्टर नजर आया, जिसमें लिखा है - छोटा पजामा (पायजामा), कुर्ता लंबा, चाहिए शांति या फिर दंगा। इस पोस्टर पर पीएम मोदी, सीएम योगी के अलावा अन्य प्रदेश स्तरीय नेताओं व प्रत्याशी के फोटो हैं। इसमें निवेदक के रूप में आनंद चौधरी प्रचार प्रमुख का नाम दिया गया है। यहां से प्रदीप चौधरी बीजेपी प्रत्याशी है।

इस पोस्टर के सामने आने पर अभी तक बुलंदशहर प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ था, लेकिन जब उसके पास धड़ाधड़ शिकायतें पहुंचना शुरू हो गईं तो वो नींद से जागा। जिला चुनाव अधिकारी ने आज इसे चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला करार दिया। इस मामले में प्रचार प्रमुख आनंद चौधरी को नामजद किया गया है। बीजेपी प्रत्याशी से कहा गया है कि वो इस पोस्टर को फौरन सभी जगहों से हटवाए और सोशल मीडिया से भी इसे हटाए। 

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि ऐसा पोस्टर पश्चिमी यूपी की अन्य सीटों के लिए भेजा जाना था लेकिन अब इस पोस्टर को पार्टी वापस ले रही है। पोस्टर में मुस्लिमों को टारगेट किया गया है। 

महत्वपूर्ण यह है कि बुलंदशहर जिला प्रशासन के पास ज्यादातर शिकायतें गैर मुस्लिमों और विपक्षी दलों ने भेजी हैं। किसी मुस्लिम संगठन ने इस पर ऐतराज नहीं किया है।

प्रधानमंत्री का बयान और यह पोस्टर

झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने समुदाय विशेष को टारगेट करते हुए कहा था - उन्हें उनके कपड़ों से पहचानिए। मोदी के इस जुमले के बाद बीजेपी आईटी सेल ने सोशल मीडिया पर बाकायदा मुसलमानों के पहनावे पर बाकायदा अभियान चलाया था। जिसमें उनसे जुड़े तमाम पहनावे पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं।

इन पर भी केस

मथुरा में रालोद प्रत्याशी बबीता देवी ने बिना अनुमति जनसभा की। आरोप है कि आचार संहिता, कोविड गाइडलाइन की उड़ाईं धज्जियां, प्रत्याशी बबीता देवी और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज। राया थाना क्षेत्र के कोल्ड स्टोरेज इलाके का मामला।

बिजनौर के नहटौर में भी रालोद प्रत्याशी पर केस दर्ज हुआ है। रालोद प्रत्याशी मुंशी रामलाल ने जनसभा की थी। इस मामले में सपा जिला अध्यक्ष, रालोद प्रत्याशी और 400 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

अभी तक तमाम जिलों में समाजवादी पार्टी पर सबसे ज्यादा आचार संहिता तोड़ने का आरोप लगा है। तीन दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं। कैराना के सपा प्रत्याशी नाहिद हसन को तो गिरफ्तार भी कर लिया गया। सपा ने इस पर ऐतराज भी जताया था।

गोंडा के डीएम विवादों में

गोंडा के डीएम पर बीजेपी को खुला समर्थन देने का आरोप लगा है। इस संबंध में सपा नेताओं ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। सपा ने आरोप लगाया कि डीएम मार्केंडेय शाही बीजेपी का एजेंट बनकर काम कर रहे हैं। सपा का कहना है कि डीएम शाही बीजेपी के बाहुबली सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के इशारे पर काम कर रहे हैं। वे रिश्ते में उनके समधी भी हैं। सपा अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि डीएम गोंडा मार्केंडेय शाही को  फौरन हटाया जाए।

 

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